बागी विधायक 2 हफ्ते से होटल में, इधर बेटी ने कर ली खुदकुशी
फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ प्रेस कांफ्रेंस करेंगे
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक मुख्यमंत्री कमलनाथ को आज शाम ५ बजे तक फ्लोर टेस्ट के जरिये बहुमत साबित करना है। हालांकि, कमलनाथ इससे पहले करीब १२ बजे एक प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। देखना है कि इसमें वे क्या बात करते हैं। कयास हैं कि वे विधायकों (बागी) के जाने को लेकर कुछ ऑडियो-वीडियो जारी करें या फ्लोर टेस्ट से पहले ही अपने इस्तीफे की घोषणा कर दें।
कमलनाथ इस समय अपने विधायकों के साथ एक बैठक कर रहे हैं। इसमें वे फ्लोर टेस्ट या अपने किसी संभावित फैसले को लेकर चर्चा कर सकते हैं। कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, अभी तक वे बहुमत का दावा करते रहे हैं।
उधर भाजपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह तय मान रही है कि कमलनाथ सरकार का जाना अब तय है। पार्टी के अब खुलकर कहने लगे हैं कि भाजपा की सरकार बनना अब कुछ ही घंटे की बात है। खासकर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समर्थक बहुत जोश में हैं। उनके मुताबिक उनके नेता चौहान ही दोबारा मुख्यमंत्री बनने वाले हैं।
पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का भी ब्यान आया है जिसमें उन्होंने पहली बार स्वीकार किया है कि कमलनाथ सरकार खतरे में है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के बागी विधायकों, जो बेंगलुरु में हैं, को लेकर कहा है कि उनकी मर्जी हो तो वे भोपाल सुरक्षा सकते हैं। अर्थात उनपर फ्लोर टेस्ट में हाजिर होने की पाबंदी नहीं है। इससे कांग्रेस का खेल खराब हुआ है। अब यही हो सकता है कि कोइ करिश्मा हो और भाजपा टूट जाये, तभी कमलनाथ सरकार बच सकती है। भाजपा के पास १०६-१०७ विधायक हैं। उसके दो विधायकों को लेकर पाला बदलने की आशंका रही है।
निर्भया के चारों दोषियों को फांसी
आखिर निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दे दी गयी। तमाम कानूनी प्रक्रियायों के बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुबह ५.३० बजे उन्हें फांसी दी गई। इस मौके पर तिहाड़ के बाहर कड़ी सुरक्षा राखी गयी थी। अब से कुछ देर बाद उनके शवों को पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
फांसी से पहले तिहाड़ जेल के संबंधित अधिकारी फांसी घर पहुंचे जिसके बाद उनकी निगरानी में फांसी की सारी प्रक्रिया पूरी हुई। फंदे पर लटकाने से पहले जब दोषियों को नहाने और कपड़े बदलने के लिए कहा गया, तो दोषी विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने रोना शुरू कर दिया और माफी की गुहार करने लगा।
चारों दोषियों को फांसी देने की खबर का समय सबको पहले से पता था लिहाजा तिहाड़ जेल के बाहर बहुत भीड़ थी। दोषियों के फांसी पर लटकाए जाने के बाद लोगों ने इसका स्वागत किया। गुरूवार को मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा लेकिन दोषियों को बचाने की कोशिश नाकाम रही और उनकी तमाम दलीलें कोर्ट में खारिज हो गईं। रात को करीब ३.३० बजे सर्वोच्च अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
आज सुबह फांसी से पहले सुबह चार बजे सभी दोषियों को जगाया गया और नहाने के बाद नए कपड़े पहनने के लिए कहा गया। हालांकि विनय ने कपडे बदलने से मन कर दिया। इसके बाद दोषियों को जेल प्रशासन ने चाय-नाश्ता पूछा लेकिन सभी ने नाश्ता नहीं किया। नियमानुसार इसके बाद जेल प्रशासन ने दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा पूछी।
ठीक ५.३० बजे चारों दोषियों को तिहाड़ जेल के फांसी घर में फांसी के फंदे पर लटकाया गया। इसके बाद उनके शवों को नियम के मुताबिक फंदे पर लटका कर रखा गया। इसके बाद डाक्टर ने उनकी मौत होने के दस्तावेज पर दस्तखत किये।
घर में रहें, २२ को जनता कर्फ़यू करें : मोदी
कोरोना वायरस पर पीएम मोदी ने गुरूवार शाम राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जनता से अपील की है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। मोदी ने इस रविवार (२२ मार्च) को सुबह ७ बजे से रात ९ बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करने के लिए कहा है।
मोदी ने कहा कि इस स्थिति में, जबकि इस बीमारी की कोई दवा नहीं है तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है। इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम। कहा कि आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे।
उन्होंने कहा कि जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है। शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है। इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रेकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।
पीएम ने कहा कि अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है। ”मैं आप सभी देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए। आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।”
मोदी ने कहा – ”साथियों, आपसे मैंने जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है। ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है। इसलिए प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है।
पीएम ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं। लेकिन बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है। ”आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है। लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है।”
उन्होंने कहा कि पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है।
इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। जितना संभव हो सके आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें।
उन्होंने कहा – ”संयम का तरीका क्या है? भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना। आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में ये बहुत ज्यादा आवश्यक है। मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है जनता-कर्फ्यू। जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू।”
मोदी ने कहा कि ”मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों, ६५ वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें। संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम १० लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए। २२ मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। उस दिन जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।”
पीएम ने कहा कि ”ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन २२ मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं।”
मध्यप्रदेश में कल फ्लोर टेस्ट
कमलनाथ को शुक्रवार को ही फ्लोर टेस्ट करना होगा और पांच बजे तक इस प्रक्रिया को पूरा करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार शाम यह आदेश दिया है। इसकी वीडियोग्राफी और लाइव टेलीकास्ट होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि १६ विधायक सदन में आना चाहें तो उन्हें डीजीपी पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
अब कल क्या होगा, इसपर सबकी नजर रहेगी। लेकिन १६ विधायकों वाले पेंच से कमलनाथ के लिए मुश्किल हो सकती है, हालांकि कांग्रेस को उम्मीद है कि भाजपा के कुछ विधायक ”टूट” सकते हैं।
कोर्ट ने यह निर्देश नहीं दिया है कि इन विधायकों को विधानसभा आना ही होगा। यह उन विधायकों की मर्जी पर छोड़ दिया गया है। इससे देखें तो भाजपा के पास १०६-१०७ विधायक हैं जिससे उसकी स्थिति मजबूत हो सकती है। बहुत कम संभावना है कि बेंगलुरु गए विधायक भोपाल लौटेंगे
गोगोई ने राज्य सभा सदस्य की शपथ ली, विपक्षी सदस्यों ने ‘शेम-शेम’ के लगाए नारे
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई गुरूवार को राज्यसभा के सदस्य हो गए। उन्होंने राज्य सभा में आज सदस्य के रूप में शपथ ली। हालांकि, उनकी शपथ के बीच कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने ”शेम-शेम” के नारे लगाए और वाकआउट किया।
गोगोई को सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। प्रधान न्यायाधीश रहते हुए गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने अयोध्या मसले के अलावा राफेल जैसे बड़े मुद्दों पर फैसले सुनाये थे। इधर गोगोई के शपथ लेने पर विपक्ष ने ”शेम-शेम” के नारे लगाए। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल गोगोई की नियुक्ति को ”न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला” बताकर इसकी आलोचना कर रहे हैं।
गुरूवार को राज्य सभा की कार्यवाही शुरू होने पर जैसे ही गोगोई शपथ लेने पहुंचे, विपक्षी सदस्यों ने शोर शराबा शुरू कर दिया। राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसा व्यवहार सदस्यों की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। शोर के दौरान ही गोगोई ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की। गोगोई चार महीने पहले प्रधान न्यायाधीश के रूप में रिटायर हुए हैं।
गोगोई का कहना रहा है कि राज्यसभा में मौजूदगी से वह न्यायपालिका के मुद्दों को असरदार तरीक़े से उठा सकेंगे। बुधवार को ही गोगोई को राज्यसभा में मनोनीत करने के फैसले पर उनके पूर्व सहयोगी जस्टिस कुरियन जोसेफ ने भी सवाल उठाए थे। जस्टिस कुरियन ने कहा था कि भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश के राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामांकन की स्वीकृति ने निश्चित रूप से न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आम आदमी के विश्वास को हिला दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दल बदलकर मंत्री बने विधायक को किया बर्खास्त
सुप्रीम कोर्ट ने दल बदलकर सत्ता सुख हासिल करने वाले एक विधायक से मंत्री बने शख्स को न सिर्फ विधायक पद से बर्खास्त कर दिया है, बल्कि उसके विधानसभा में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी है। दरअसल, यह मामला मणिपुर का है, जहां पर टी श्याम कुमार कांग्रेस से चुने गए थे और फिर दल बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद उनको वन मंत्री बनाया गया था।
जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस आएस रवींद्र भट ने संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करते हुए वन मंत्री टी श्याम कुमार पद से बर्खास्त कर दिया। साथ ही उनके विधानसभा में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी है।
बता दें कि शीर्ष अदालत जनवरी में दिए अपने आदेश की खुली अवहेलना किये जाने के बाद यह सख्त फैसला सुनाया। कोर्ट आदेश की विधानसभा अध्यक्ष ने अनदेखी की, जिससे सुपीम कोर्ट खफा था। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।
21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष को आदेश दिया था कि वह विधायक की अयोग्यता पर चार हफ्ते में विचार करके फैसला ले। अगर ऐसा नहीं होता है तो याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं। कांग्रेस के दो विधायकों ने मंत्री को अयोग्य ठहराए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कांग्रेस के विधायकों फजुर रहीम और केशम मेघचंद्र ने मांग की थी कि 10वीं अनुसूची के तहत मंत्री की अयोग्यता बनती है और उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म की जानी चाहिए। 21 जनवरी को शीर्ष अदालत ने विधानसभा स्पीकर को एक माह का समय दिया था, जिसमें उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया।
भारत में कोरोना के मामले १६८ हुए, पीएम मोदी रात ८ बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे
भारत में कोरोनावायरस के मामले १६८ हो गए हैं। भारत में अब अचानक संख्या बढ़ने लगी है जिसे देखते हुए सावधानी रखना अब बहुत जरूरी हो गया है। इटली में कोरोना से मौतों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही है उससे लगता है कि आने वाले दिनों में वहां आंकड़ा चीन से ज्यादा हो सकता है। सीबीएसई ने अपनी परीक्षाएं ३१ मार्च तक टाल दी हैं। इस बीच पीएम मोदी गुरुवार रात ८ बजे कोरोना पर देश को संबोधित करेंगे।
देश के १६ राज्यों महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, लद्दाख, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस सामने आए हैं।
भारत में यदि लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो आने वाले दिनों में इससे कोरोना की समस्या मुसीबत बन सकती है। यह देखा जा कि देश में बड़े पैमाने पर आम लोग भी लापरवाही बरत रहे हैं। अभी भी एयरपोर्ट और मेट्रो आदि में उस तरह की सावधानी और उपाए नहीं दिख रहे, जिसकी इस समय बहुत जरूरत है।
इस बीच इटली में कोरोना वायरस कहर वरपा रहा है। वहां एक ही दिन में ४७५ मौतें हो गईं जिससे वहां मरने वालों का आंकड़ा २९७८ पहुँच गया है जो चीन के ३२३७ से अब कुछ सौ ही कम है। दुनिया भर में मरने वालों संख्या ८,६९४ हो गयी है जबकि इस भयंकर वायरस से पीड़ितों की तादाद २,०८,३८३ पहुँच गयी है।
इस बीच सीबीएसई ने १०वीं और १२वीं की निर्धारित सभी परीक्षाएं ३१ मार्च के बाद करवाने का फैसला किया है। इसकी जानकारी सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने दी है। उधर पीएम मोदी देश में कोरोना के खतरे को देखते हुए १९ मार्च की रात ८ बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे।
देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रम आदि में भीड़ जमा करने पर पाबंदी लगा दी गयी है।
यूएई, कतर, ओमान और कुवैत से १८ मार्च या उसके बाद आने वाले भारतीय को १४ दिनों के लिए क्वारंटीन में रहना अनिवार्य कर दिया गया है। १५ फरवरी के बाद चीन, साउथ कोरिया, इटली, स्पेन और जर्मनी की यात्रा करने वालों को क्वारंटीन किया जाएगा।
दिल्ली में कोरोना संदिग्ध ने सफदरजंग अस्पताल की ७वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या की
दिल्ली में कोरोना के एक संदिग्ध ने अस्पताल की ७वीं मंजिल से कूदकर बुधवार देर रात आत्महत्या कर ली है। यह व्यक्ति आज ही ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से लौटा था। जानकारी के मुताबिक इस व्यक्ति ने ऐसा क्यों किया, इसकी जानकारी नहीं है। अभी यह भी पुष्टि नहीं है कि वो कोरोना से पॉज़िटिव था या नहीं। डाक्टरों ने इसे लेकर कुछ साफ़ नहीं किया है। इस व्यक्ति की उम्र ३५ साल बताई गयी है। यह घटना सफदरजंग अस्पताल की है। अभी यह साफ़ नाहीं है कि उसने आखिर कूदकर जान क्यों की।
यह व्यक्ति आज ही ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से लौटा था। एयरपोर्ट पर उसकी रूटीन जांच की गयी थी, जिसके बाद संभवता उसे अस्पताल लाया गया था। लेकिन डाक्टरों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। ख़बरों के मुताबिक उसकी जांच अभी होनी थी।
यह घटना रात करीब नौ बजे की है। उसने अस्पताल की ७वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। हो सकता है कि यह व्यक्ति तनाव में हो, जिसके चलते उसने ऐसा किया। यह व्यक्ति पंजाब का रहने वाला बताया गया है।









