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…तो लॉकडाउन होने लगा अनलॉक

दुनिया भर की करीब आधी आबादी इन दिनों घरों में कैद है। कोरोना का खौफ बरकरार है। पूरे विश्व में करीब 12 लाख कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। 2.50 लाख से ज़्यादा मरीज ठीक भी हो चुके हैं और 64 हज़ार से ज़्यादा की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से लड़ने और बचने के तरीके अलग-अलग देशों में अलग-अलग हैं।
भारत में लॉकडाउन के साथ ही सामाजिक दूरी को अपनाया गया। शायद इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं था। यहां पर टेस्ट की सीमित उपलब्धता है, साथ ही सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से ही चरमराई हुई है। गरीबी और कुपोषण के मामले पहले से ही हैं। ऐसे में लॉकडाउन ने नई तरह की तमाम परेशानियों को जन्म दे दिया है। लोग घरों में भी ऊबने लगे हैं। गुस्सा बढ़ रहा है। बेरोजगारी का खतरा भी मंडरा रहा है, ऐसे में अब घरेलू हिंसा के बाद क्राइम की खबरें भी सामने आने लगी हैं। वेस्ट यूपी के बाद इलाहाबाद में गोली मारकर हत्या किये जाने का ताजा मामला सामने आया है।
पाकिस्तान सीमा पर लगातार गोले बरसा रहा है। इसमें कुछ जनहानि की भी सूचना है। कश्मीर में आतंकी भी सक्रिय हैं। शनिवार को ही चार आतंकी मारे गए। इतना ही नहीं अयोध्या में मंदिर में बड़ी तादाद में श्रद्धालु जुटने का वीडियो भी वायरल हुआ है। सड़कों पर पसरे सन्नाटे के बीच गुजरात में भीषण सड़क हादसा हुआ है, जिसमें 5 लोगों की जान चली गई। ये कुछ ऐसी घटनाएं हैं, जो लॉकडाउन के विफल साबित होने का संकेत दे रही हैं।
इसलिए अब लगता नहीं है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद आगे बढ़ेगा। हालांकि एयर इंडिया ने 30 अप्रैल तक किसी भी तरह की बुकिंग नहीं करने का एलान किया है। ट्रेन के टिकट ज़रूर ऑनलाइन बुक हो रहे हैं क्योंकि सबकुछ तो बंद ही है। आगे सशर्त छूट मिलने के आसार बन रहे हैं।
इस बीच, यूपी के नोएडा में धारा-144 को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। बता दें कि यूपी में नोएडा के बहुत से इलाके और सोसायटियां सील कर दी गई हैं क्योंकि इन जगहों पर कोरोना वायरस के संक्रमित लोग पाए गए हैं। दिल्ली से सटे नोएडा के गांवों में भी संक्रमण फैलने की आशंका है, इसलिये सख्ती यहाँ लंबे समय तक कायम रह सकती है।

कोविड-19: देश के विभिन्न अस्पतालों में आईसोलेशन बेड बढ़ाये जाने की तैयारी

कोविड-19 से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने देश में विभिन्न अस्पतालों में 280 आईसोलेशन बेड बढ़ाये जाने की योजना तैयार की है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय के रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (डीपीएसयू) और आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) को शामिल किया गया है।
प्राप्त सूत्रों के अनुसार, ओएफबी ने देश के छः राज्यों के 10 अस्पतालों में 280 आईसोलेशन बेडों की योजना बनायी है। ये अस्पताल व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर, धातु एवं इस्पात फैक्ट्री ईशापुर (पश्चिम बंगाल), गन एवं शेल फैक्ट्री कोसिपुर (पश्चिम बंगाल), एमुनिशन फैक्ट्री खड़की (महाराष्ट्र), आर्डनेंस फैक्ट्री कानपुर (उत्तर प्रदेश), आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया, हेवी वेहीकल फैक्ट्री अवदी (तमिलनाडु) एवं आर्डनेंस फैक्ट्री मेडक (तेलंगाना) में स्थित हैं।
भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आग्रह पर अगले दो महीने के दौरान आईसीयू के लिए 30,000 वेंटिलेटरों के निर्माण एवं आपूर्ति के लिए क़दम बढ़ाया है।
इन वेंटिलेटरों की डिजाइन मूल रूप से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा तैयार की गयी थी, जिसमें मेसर्स एसकैनरी, मैसूर द्वारा सुधार लाया गया था; जिसके साथ बीईएल का गठबंधन है। आर्डनेंस फैक्टरी, मेडक ने हैदराबाद में विभिन्न अस्पतालों में वेंटिलेटरों की मरम्मत आरम्भ कर दी है।

हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) बेंगलूरु में इंटेसिंव केयर यूनिट में तीन बेड एवं 30 वार्ड के साथ आईसोलेशन सुविधा है। इसके अलावा 30 कमरों वाला एक भवन तैयार किया गया है। कुल मिलाकर एचएएल सुविधा केंद्र में 93 लोगों को समायोजित किया जा सकता है।

फ़िलहाल ओएफबी ने अल्प सूचना पर अरुणाचल प्रदेश सरकार के लिए 50 विशिष्ट तम्बुओं का निर्माण करके है कोविड-19 मरीज़ों को वहाँ भेजा है।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप ओएफबी की फैक्ट्रियों में हैंड सैनिटाइजरों का विकास और उत्पादन शुरू कर दिया गया है। भारत सरकार द्वारा केंद्रीकृत ख़रीद के लिए नियुक्त नोडल एजेंसी एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल) से उन्होंने 13,000 लीटर सैनेटाइजर की स्वीकृति प्राप्त की है। बता दें कि 1,500 लीटर सैनेटाइजरों की पहली खेप 31 मार्च, 2020 को कोर्डाइट फैक्ट्री अरुवनकाडु (तमिलनाडु) से भेजा गया था। अब दो और फैक्ट्रियों- आर्डनेंस फैक्ट्री (ओएफ) इटारसी (मध्य प्रदेश) और ओएफ भंडारा (महाराष्ट्र) बल्क उत्पादन के साथ तैयार हैं। इनकी क्षमता एक साथ मिलकर प्रति दिन 3000 लीटर सैनेटाइजर तैयार करने की है।
वहीं कवरआल (कोरोना वायरस से बचाव के लिए पहनने के वस्त्र) और मास्क तैयार करने में कानपुर, शाहजहाँपुर, हज़रतपुर (फ़िरोज़ाबाद) एवं चेन्नई स्थित आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्रियाँ लगी हुई हैं। इन फैक्ट्रियों ने कवरआल और  निर्माण के लिए स्पेशल हीट स्केलिंग मशीनों की भी व्यवस्था की हुई है।
फैक्ट्रियों के बोर्डों ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, ग्वालियर से इसके सैंपल के लिए आग्रह किया था। मास्कों का परीक्षण कोयंबटूर के साउथ इंडिया टेक्स्टाइल रिसर्च एसोसिएशन (एसआईटीआरए) में किया जाना जा रहा है, जो जारी रहेगा। ओएफबी जल्द ही प्रति सप्ताह 5,000 से 6,000 पीस तक कवरआल का बल्क उत्पादन शुरू करने जा रहा है। यहाँ तीन मशीनें और लगायी गयी हैं, जिन्हें कवरआल तथा मास्कों की दक्षता के परीक्षण के लिए एसआईटीआरए द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। इनका उपयोग उत्पादन से लेकर मानकों के रखरखाव में किया जाएगा।

कोरोना पीड़ितों के साथ-साथ दूसरे रोगियों की तरफ भी ध्यान दे सरकार

जब कोई एक समस्या आती है, तो यह निश्चित ही होता है कि दूसरी समस्या भी विकराल रूप धारण कर लेती है। ऐसा ही हाल दिल्ली में है। दिल्ली में एक ओर कोरोना वायरस का कहर है, तो दूसरी ओर दिल्ली में एम्स व दिल्ली सरकार के अस्पतालों में ओपीडी बंद होने के कारण कोरोना के अलावा अन्य रोग के मरीजों को अपने इलाज कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारण मरीजों के सामने ये विकट संकट बना हुआ है कि वे इस स्थिति में क्या करें? तहलका संवाददाता को उन मरीजों ने बताया कि दिल्ली सहित पूरे देश में लॉकडाउन है। सोशल डिस्टेंस बना हुआ है। ऐसे में उन मरीजों का क्या होगा, जिनको 2 और 3 महीने पहले एम्स और अन्य अस्पतालों में तारीख मिली थी कि वो आकर अपनी जांच करवा लें।

सबसे चौंकाने वाली बात ये सामने आयी है कि दूर-दराज के राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मरीज जो किडनी, लीवर, न्यूरो और कैसर जैसे रोगों से पीड़ित हैं। वे अपनी जांच अब कैसे करवाएं? मरीज सुधीर के परिजन और सुरेश चौबे के भाई पवन ने बताया कि उनको कैंसर की जाँच की तारीख 6 अप्रैल की मिली है। वे आज उत्तर प्रदेश के झांसी से अधिकारियों व चिकित्सा अधिकारी से लिखित में रैफर कागजात लेकर एम्बुलेंस में आ रहे हैं। ऐसे में अब उनको चिंता सता रही है कि कहीं लॉकडाउन के कारण उनको कहीं रास्ते में पुलिस के सामने दिक्कत का सामना न करना पड़े और कहीं ऐसा न हो कि उनकी एम्स में जांच भी न हो। ऐसी स्थिति में क्या किया जाए? ऐसे तमाम मरीज हैं।

उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से अपील की है कि कोरोना वायरस के अलावा उन मरीजों के लिए भी अलग से ध्यान दें और ऐसे मरीजों के लिए वे अलग से गाइडलाइन बनाएं, जिससे मरीजों को दिक्कत न हो। बताते चलें कि देश में कोने-कोने में कोरोना वायरस के डर के कारण और लॉकडाउन की वजह से लोगों में एक साथ कई तरह का भय बना हुआ है। जैसे आर्थिक संकट, रोजगार का संकट और स्वास्थ्य संकट। गौर करने वाली बात यह है कि अगर कोरोना वायरस के अलावा अन्य रोगियों को समय पर इलाज नहीं मिलेगा, तो और भी गंभीर दिक्कत सामने आ सकती है।

15 अप्रैल से चलेंगी ट्रेनें

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में हुए 21 दिनों के लॉकडउन के ख़त्म होते ही सामान्य जीवनशैली के पटरी पर लौटने का सभी को बेसब्री से इंतज़ार है। उम्मीद की जा रही है कि लॉकडाउन के आख़िरी दिन 14 अप्रैल के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा। क्योंकि भारतीय रेलवे ने 15 अप्रैल से ट्रेन सेवा शुरू करने की बात कही है। विदित हो कि कोरोना वायरस के मद्देनज़र देश भर में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से सभी यात्री ट्रेनों का संचालन बन्द कर दिया गया है। रेलवे सूत्रों मुताबिक, रेलवे के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को 15 अप्रैल से अपनी-अपनी ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दे दिये गये हैं।

हालाँकि, केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद ही ट्रेनों का संचालन शुरू हो सकेगा। इस मामले पर मंत्रणा के लिए सरकार ने मंत्रियों का एक समूह गठित किया है। रेलवे ने ट्रेनों के संचालन की समय सारिणी और अन्य सेवाओं को बहाल करने की योजना जारी कर दी है।

सूत्रों के मुताबिक, 15 अप्रैल से निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप लगभग 80 प्रतिशत ट्रेनें पटरी पर दौड़ेंगी। इन ट्रेनों में शताब्दी, राजधानी, दुरंतो जैसी सुपरफास्ट ट्रेनों के साथ-साथ अन्य ट्रेनें भी शामिल हैं। इसके लिए रेलवे ने सभी 17 जोनों को अपनी-अपनी सेवाएँ संचालित करने के लिए तैयार रहने को कहा है।

यात्रियों की होगी थर्मल स्क्रीनिंग

सूत्रों के मुताबिक, रेलवे स्टेशन पर पहुँचने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। साथ ही सरकार के सभी दिशा-निर्देशों का भी रेलवे द्वारा पालन किया जाएगा। रेलवे का कहना है कि फ़िलहाल सरकार ने कोई नया आदेश जारी नहीं किया है। रेलवे ने सभी यात्री सेवाएँ 14 अप्रैल तक रद्द कर दी थीं, इसलिए हालात सामान्य रहने पर संभवतः सरकार कोई नया आदेश जारी न करे। इस सप्ताह के अन्त में जोनों को ठोस कार्य-योजना भेजे जाने की सम्भावना है। विदित हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 मार्च को बन्द की घोषणा करने के बाद रेलवे ने मालवाहक ट्रेनों को छोड़कर 13,523 ट्रेनों की सेवाएँ 21 दिनों के लिए रद्द कर दी थीं।

कोरोना पॉजिटिव डॉक्टर दंपति के घर आया नन्हा मेहमान

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कोरोना वायरस का दुनिया में कहर जारी है। पूरा यूरोप हलकान है। इस बीच राजधानी नई दिल्ली से अच्छी खबर आई है। वायरस की दहशत और लॉकडाउन में कहां देश और दुनिया के तमाम देशों के लोग अपने घरों में कैद हैं और खुद को बचाने के लिए बाहर नहीं निकल रहे हैं।
शुक्रवार की रात दिल्ली के एम्स में कोरोनो वायरस की चपेट में आए डॉक्टर दंपति के घर पर नन्हा मेहमान आया है। दोनों ही मां और बच्चा स्वस्थ्य हैं। हालांकि दोनों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है और लगातार निगरानी की जा रही है। महिला के डॉक्टर पति की तीन दिन पहले कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
देश में अब तक 50 से अधिक डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। डॉक्टर दंपति की रिपोर्ट एक ही दिन सामने आई थी, और महिला डॉक्टर 9 महीने की गर्भवती थीं। अब तक दिल्ली के 9 डॉक्टर कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
इससे पहले, सफदरजंग अस्पताल के दो रेजिडेंट डॉक्टरों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के इलाज की टीम में शामिल एक डॉक्टर ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुआ । वहीं, बायोकेमिस्ट्री विभाग में पीजी की छात्रा, महिला रेजिडेंट डॉक्टर भी संक्रमित हो चुके हैं। इनका सफदरजंग के अलग वार्ड में इलाज जारी है।

कश्मीर में ५ आतंकी ढेर, २ जवान घायल

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों ने ५ आतंकियों को मार गिराया गया है। सेना के २ जवान भी इस मुठभेड़ में घायल हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों ने हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के पांच आतंकियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ इलाके में उस घटना के बाद हुई जिसमें आतंकियों ने पिछले १५ घंटे में चार नागरिकों की हत्या कर दी।

जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने कुलगाम जिले के हर्दमंगुरी गांव में ऑपरेशन के दौरान तलाशी शुरू की। इस दौरान सुरक्षा बल एक सेब के बगीचे के बीच बने घर के पास पहुंचे तो भीतर छिपे आतंकियों ने उनपर जबरदस्त गोलीबारी शुरू कर दी।

आतंकियों ने गोलीबारी कर भागने की कोशिश की थी जिसे सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को सुबह मार गिरयाया था। उसके बाद भी मुठभेड़ जारी रही। छह घंटे बाद सुरक्षा बलों ने एक और आतंकी को मार गिराया और सुरक्षा बलों ने पूरे घर को विस्फोटक बारूद लगा कर उड़ा दिया।

अब मिली जानकारी के मुताबिक कुल ५ आतंकी मारे गए हैं। इस घटना में २ जवान भी घायल हुए हैं। जेके पुलिस के मुताबिक आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए थे।

कोरोना के भय से अमृतसर में दंपति ने आत्महत्या की  

कोरोना न होने के बावजूद लॉक डाउन और कर्फ्यू के चलते तन्हाई झेल रहे एक दंपति ने पंजाब के अमृतसर में कोरोना के भय से आत्महत्या कर ली। कोरोना के शोर के बीच यह दूसरी ऐसी घटना है। इससे पहले मार्च में दिल्ली के एक अस्पताल में कूद कर आत्महत्या कर ली थी।

जानकारी के मुताबिक कोरोना विषाणु के भय भर से ही इस दंपति ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा है। यह दोनों अकेले ही रहते थे। डॉक्टरों ने कल कोरोना का जिक्र आने के बाद उनके शवों का पोस्टमॉर्टम करने से मना कर दिया था जिसके बाद आज उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है।

यह घटना अमृतसर के बाबा बकाला के सठियाला गांव की है। इनके नाम गुरजिंदर कौर (६३) और बलविंदर सिंह (६५) हैं। जानकारी के मुताबिक सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि हम कोरोना वायरस के कारण नहीं मरना चाहते हैं। हमें कोरोना से टेंशन हो गई थी।

इसी तरह की एक और घटना झारखंड की राजधानी रांची के अशोक नगर से भी मिली है। वहां एक युवक ने कोरोना की आशंका के चलते फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार देर रात की यह घटना बतायी गयी है। मृतक का नाम पप्पू कुमार सिंह था। वह बिहार के भोजपुर जिले के पीरो का निवासी था।

कोरोना : यूरोप से क्यों बेहतर हैं एशिया के हालात

भारत और पूरे एशिया क्षेत्र में में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़े जरूर हैं, लेकिन यूरोप की तुलना में बेहद कम हैं। इसकी एक बड़ी वजह मौसम भी है। एशिया में गर्मी का असर दिखना शुरू हो गया है, जबकि यूरोप के ज्यादातर देशों में वायरस के अनुकूल कहा जाना वाला मौसम यानी 18 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दावा किया दिल्ली मरकज की वजह से मामलों में ज्यादा इजाफा हुआ है। हालांकि उन्होंने तैयारियों पर पर कहा कि देश के किसी भी कोने में स्वास्थ्य उपकरणों की कमी नहीं होने दी जाएगी। हम किसी भी स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा देश में संक्रमण के मामलों में तेजी जरूर आई है, फिर भी यहां की स्थिति यूरोपीय देशों के मुकाबले बेहतर है। बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों से यूरोप इस संकट का केंद्र बना हुआ है, लेकिन ऐसे संकेत मिले हैं कि यह महामारी वहां चरम पर पहुंच सकती है। स्पेन और ब्रिटेन में 24 घंटे के दौरान क्रमश: 950 और 569 लोगों की मौत हुई हैं।

यूरोपीय देशों की हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन के साथ-साथ प्रिंस चार्ल्स तक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। प्रधानमंत्री जॉनसन ने ‘बड़ी संख्या में लोगों की जांच’ करने का आह्वान किया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आने वाले हफ्तों में एक दिन में 1 लाख लोगों की जांच करने का लक्ष्य है। खुद संक्रमण की चपेट में आए जॉनसन की बड़े पैमाने पर जांच न कराने के लिए आलोचना की गई।

बेबस है सबसे ताकतवर अमेरिका
सबसे ताकतवर देश अमेरिका को ही ले लें, वहां बीते 24 घंटों में ही 1,169 लोगों की मौत हो गई। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक यह अपने आप में एक रेकॉर्ड है। इससे पहले इटली में 27 मार्च को 969 लोगों की मौत हो गई थी। व्हाइट हाउस के विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी से 1 लाख से 2.40 लाख अमेरिकी जान गंवा सकते हैं। वहां पर संक्रमितों का आंकड़ा 2.25 दो लाख को पार कर गया है।

अब इसी उदाहरण से भारत और दक्षिण कोरिया की तुलना कीजिए। भारत में अभी संक्रमितों का आंकड़ा 2,500 तक पहुंचा ही है। हालांकि, जब पहले ग्राफ को देखकर लगता है कि भारत के मुकाबले दक्षिण कोरिया की स्थिति बहुत खराब है। लेकिन, हकीकत दूसरा ग्राफ बताता है। इस ग्राफ से पता चलता है कि दक्षिण कोरिया में नए मामलों की रफ्तार में  तेजी से गिरावट दर्ज की गई है जबकि भारत में स्थिति उलट है। वहां बिना लॉकडाउन के जांच के जरिये नियंत्रण पाया गया है, जबकि भारत में बड़ी आबादी के बावजूद लॉकडाउन किया गया है और उसी से इस पर नियंत्रण पाने के प्रयास जारी हैं।

कोविड-19 : प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से सकारात्मक माहौल बनाने को कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 से निपटने के लिए ‘संकल्प, संयम, सकारात्‍मकता, सम्मान और सहयोग’ के पांच सूत्री मंत्र देने के बाद देश भर के नामचीन खिलाड़ियों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग करके देश में सकारात्मक माहौल बनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों ने राष्ट्र को गौरवान्वित किया है, अब उन्‍हें राष्ट्र का मनोबल बढ़ाने और सकारात्मकता का माहौल बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए  खिलाड़ियों ने सकारात्मकता और सामाजिक दूरी बनाये रखने के संदेश का प्रचार-प्रसार करने का संकल्प व्‍यक्‍त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘कोविड-19’ पूरी मानवता का दुश्‍मन है और वर्तमान स्थिति की गम्भीरता का पता इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार ओलंपिक गेम्‍स को स्थगित किया गया है। इस महामारी से उत्‍पन्‍न विकट चुनौतियों के कारण विम्बलडन जैसे कई अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों और क्रिकेट से सम्बन्धित इंडियन प्रीमियर लीग जैसे घरेलू खेल आयोजनों के पूर्व निर्धारित समय में परिवर्तन करने पर विवश होना पड़ा है।
प्रधानमंत्री ने खेल के मैदान पर शानदार प्रदर्शन कर राष्ट्र को गौरवान्वित करने के लिए खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आप सबको राष्ट्र का मनोबल बढ़ाने और सकारात्मकता का माहौल बनाये रखने में अत्‍यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इसके साथ ही खिलाड़ियों को लोगों से लॉकडाउन के दौरान जारी की जाने वाली एडवाइजरी का निरंतर पालन करने के लिए कहना है। प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि खेल प्रशिक्षण के दौरान सीखी जाने वाली विशिष्‍ट बातें जैसे कि चुनौतियों का डटकर सामना करने की क्षमता, स्‍व-अनुशासन, सकारात्मकता और आत्मविश्वास इस वायरस के फैलाव का मुकाबला करने की दृष्टि से भी अत्‍यंत आवश्यक तरीक़े हैं।
प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से लोगों को दिये जाने वाले अपने संदेश में इन पाँच बिन्दुओं का सकारात्मक प्रचार करने को कहा है। साथ ही खिलाड़ियों से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों के महत्त्व पर प्रकाश डालने के साथ-साथ आयुष मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लोकप्रिय बनाने के लिए भी कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अत्‍यंत आवश्‍यक है कि भारत महामारी के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में विजयी बनकर उभरे। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस लड़ाई में समस्‍त खिलाड़ी अत्‍यंत सक्रियतापूर्वक भाग लेंगे।
खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे इस लड़ाई में सबसे आगे रहकर नि:स्वार्थ सेवा करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों को सम्मान दिलाने के लिए तत्‍पर हैं, जिसके पात्र वे वास्‍तव में हैं। उन्होंने अनुशासन एवं मानसिक शक्ति के विशेष महत्त्‍व, फिटनेस बनाये रखने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने की भी चर्चा की।
इस वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग में सचिव तेंदुलकर, सरल गांगुली, विराट कोहली, युवराज सिंह, रानी रामलाल, पीजी सिंधु, हिमा दास समेत विभिन्‍न खेलों से जुड़े 40 से भी अधिक शीर्ष खिलाड़ियों और अनेक अधिकारियों ने भाग लिया।

कोरोना से निबटने के लिए भारत को विश्व बैंक से एक अरब डॉलर की आपातकालीन मदद का ऐलान

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत को विश्व बैंक से एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता मंजूर हुई है। देश में कोरोना विषाणु (कोविड-१९) मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसे में इस विषाणु को सामुदायिक स्तर तक पहुँचाने से रोकने की कोशिशें तेज हो गयी हैं।

अब विश्व बैंक ने भारत को कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है। विश्व बैंक की सहायता परियोजनाओं के १.९ अरब डॉलर की पहली खेप में २५ देशों को मदद दी जा रही है। इस इमरजेंसी मदद का सबसे बड़ा हिस्सा भारत को मिल रहा है एक अरब डॉलर का  है। इसका कारण भारत की बड़ी आबादी भी है।

संगठन ने कहा है कि भारत में एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता से बेहतर स्क्रीनिंग, संपर्कों का पता लगाने, प्रयोगशाला जांच, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण खरीदने और नए पृथक वार्ड बनाने में मदद मिलेगी। विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया में पाकिस्तान को २० करोड़ डॉलर, अफगानिस्तान को १० करोड़ डॉलर, मालदीव को ७३ लाख डॉलर और श्रीलंका को १२.८६ करोड़ डॉलर की सहायता को मंजूरी दी गयी है।

विश्व बैंक ने कहा है कि उसने वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से निपटने में देशों की मदद करने के लिए १५ महीने के लिहाज से १६० अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता जारी करने की योजना को मंजूरी दी है। बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमित मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।