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रफाल सौदे की जांच जेपीसी से क्यों नहीं, राहुल का सवाल; ट्वीटर पर शुरू किया ‘पोल’  

फ्रांस के मीडिया में रफाल लड़ाकू विमान में कथित घूसखोरी की जांच की खबर आते ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार मोदी सरकार पर हमलावर हो गए हैं। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को हाल के महीनों में सबसे ज्यादा उठाया है और लगातार सरकार को घेरा है। अब खबर आने के बाद राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक पोल शुरू किया है और लोगों से पूछा है कि जेपीसी जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है। इसमें उन्होंने चार ऑप्शन भी दिए हैं। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा – ‘चोर की दाढ़ी….’ और साथ में एक फोटो जोड़ी है जिसमें लम्बी दाढ़ी के नीचे रफाल की आकृति बनी है।
राहुल का यह हमला फ्रांस के भारत के साथ 59 हजार करोड़ रुपये की रफाल डील में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच का आदेश दिए जाने के बाद आया है। कल ही फ्रांस की मशहूर खोजी मीडिया वेबसाइट  ‘मीडियापार्ट’ ने इस बात का खुलासा किया था कि रफाल को लेकर फ्रांस सरकार ने जांच शुरू कर दी है। इस खबर के बाद रफाल का मामला फिर गरमा गया है।
याद रहे संसद में कांग्रेस रफाल सौदे में कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए जेपीसी की मांग करती रही है लेकिन सरकार ने यह कहकर इसका विरोध किया है कि सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर सरकार को ‘क्लीन चिट’ दे चुका है। शनिवार को यह खबर आने के बाद कांग्रेस के प्रधान प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर जमकर हमला बोला था।
अब रविवार को राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक पोल शुरू किया है।  इसमें उन्होंने लोगों से पूछा है – ‘जेपीसी जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है? ऑप्शन :  अपराधबोध, मित्रों को भी बचाना है, जेपीसी को राज्यसभा सीट नहीं चाहिए या ये सभी ऑप्शन सही हैं।’ राहुल का यह ट्वीट ख़ासा वायरल हो गया है और शाम 4.35 बजे तक 63,418 लोग इस पोल में हिस्सा ले चुके थे।
याद रहे शनिवार को भी राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके रफाल मामले में ट्वीट किया था – ‘चोर की दाढ़ी….’ लिखकर कमेंट किया था जिसमें एक लम्बी दाढ़ी के नीचे रफाल की आकृति बनी है।
बता दें फ्रांसीसी वेबसाइट ‘मीडिया पार्ट’ के अनुसार, दो सरकारों के बीच हुए इस सौदे को लेकर जांच 14 जून को औपचारिक रूप से शुरू हुई है। इस डील पर फ्रांस और भारत के बीच 2016 में हस्ताक्षर हुए थे, जब पीएम मोदी फ्रांस के दौरे पर गए थे।
वेबसाइट ने फ्रांस की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की जांच का हवाला देते हुए दावा किया था कि रफाल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविशन ने एक भारतीय बिचौलिए को 10 लाख यूरो दिए थे। दसॉ एविएशन ने हालांकि आरोप को खारिज करते हुए हुए दावा किया था कि अनुबंध को तय करने में कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
डील में कथित अनियमितताओं को लेकर अप्रैल में भी ‘मीडिया पार्ट’ की एक रिपोर्ट सामने आने और फ्रांसीसी एनजीओ ‘शेरपा’ की ओर से शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पीएनएफ ने जांच का आदेश दिया था। ‘मीडिया पार्ट’ के पत्रकार यान फिलिपीन ने कहा कि 2019 में दायर की गई पहली शिकायत को पूर्व पीएनएफ प्रमुख की ओर से ‘दबा’ दिया गया था।

चंद महीने के ‘बिना चुने’ मुख्यमंत्री तीरथ विवादों से चर्चा में रहे

उत्तराखंड में चुनाव से ऐन पहले भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री बदलकर तीरथ सिंह रावत को कमान सौंपी, पर वह चार महीने भी इसे चला न सके। संवैधानिक संकट और सांसदी का ख्याल रखते हुए फिलहाल आलाकमान ने पिथौरागढ़ के युवा नेता पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी है। पार्टी को उम्मीद है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में यह नेता शायद कोई कमाल दिखा सके। क्योंकि इससे पहले कोरोना काल में तीरथ सिंह रावत ने शपथ लेने के साथ ही विवादित बयान और फैसलों को लेकर चर्चा में रहे और पार्टी की भी किरकिरी करवाते रहे।

तीरथ रावत को अपनी ही पार्टी के उनसे पहले के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लिए गए फैसलों को उलटने से शुरू हुआ, जो उन्होंने अपने चार साल तक सत्ता चलाने के दौरान किए थे। आलाकमान ने मार्च में उनसे इस्तीफा दिलवा दिया था। भाजपा नेताओं ने इस बदलाव को त्रिवेंद्र की कथित गलतियों के चलते सही करार देने की कोशिश की थी, लेकिन अब वही नेता किस मुंह से तीरथ रावत को सही करार दे सकेंगे। त्रिवेंद्र की तरह से तीरथ रावत की भी छुट्टी हो चुकी है।
तीरथ सिंह रावत के प्रमुख विवादित   फैसले और बयान
गैरसैंण पर फैसला पलटा
संघ से ताल्लुक रखने वाले तीरथ सिंह रावत ने शपथ ग्रहण के कुछ दिनों बाद, कैबिनेट के फैसले के जरिये गढ़वाल और कुमाऊं के बाद राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को राज्य में तीसरा प्रशासनिक प्रभाग घोषित करने के त्रिवेंद्र के फैसले को निलंबित कर दिया।

तीरथ की कैबिनेट ने इस फैसले के पीछे जन भावनाओं का हवाला दिया था। बता दें कि इससे पहले कुमाऊं क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर उठी थी, जिसमें त्रिवेंद्र के इस्तीफे की मांग तेजी से की गई थी।

चार धाम देवस्थानम बोर्ड की समीक्षा
हरिद्वार कुंभ में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और संतों की अप्रैल में हुई बैठक में तीरथ सिंह रावत ने पिछले साल 15 जनवरी को त्रिवेंद्र द्वारा गठित उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड की समीक्षा की घोषणा की थी। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित चार प्रमुख मंदिरों और कई अन्य मंदिरों को बोर्ड के दायरे में लाया गया। विभिन्न मंदिरों और उनके पुजारी और पंडों और विहिप के सदस्य बोर्ड को खत्म करने और मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग कर रहे थे।

मंत्रिमंडल का विस्तार
12 सदस्यीय राज्य मंत्रिपरिषद में, 2017 में सरकार बनने के बाद से कैबिनेट के दो पद खाले थे और 2019 में वित्त मंत्री प्रकाश पंत की मृत्यु के बाद यह मंत्रालय भी रिक्त हो गया था। विधायकों की बार-बार मांग के बावजूद त्रिवेंद्र ने विस्तार नहीं किया था। कैबिनेट और उनके पास 50 से अधिक विभाग थे। त्रिवेंद्र की जगह नए सीएम तीरथ ने दो दिन बाद मंत्रिपरिषद पूरी की।

महामारी अधिनियम में दर्ज मामले वापस लिए
तीरथ कैबिनेट की पहली ही बैठक में कोविड-19 दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत लॉकडाउन के दौरान दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया। त्रिवेंद्र शासन के दौरान राज्य भर में लगभग 4,500 ऐसे मामले दर्ज किए गए थे। लॉकडाउन के दौरान लौटे भाजपा कार्यकर्ताओं, कांग्रेस नेताओं और प्रवासी मजदूरों के खिलाफ कई मामले दर्ज थे।

सरकार का सालाना समारोह रद्द किया
तीरथ सरकार ने राज्य में अपनी सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 18 मार्च को सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में ‘बातें कम काम ज्यादा’ थीम के साथ आयोजित होने वाले समारोहों को रद्द कर दिया था। त्रिवेंद्र ने अपने निर्वाचन क्षेत्र डोईवाला में एक मुख्य कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की थी जहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। पिछले महीने तीरथ ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर एक बुकलेट ‘सेवा, समर्पण और विश्वास के 100 दिन’ जारी की थी।

नियुक्तियों को रद्द करना
तीरथ सरकार ने त्रिवेंद्र द्वारा विभिन्न आयोगों, बोर्डों और निगमों में मंत्री रैंक के साथ अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, सलाहकार के रूप में नियुक्त किए गए लोगों को हटाने का फरमान जारी कर दिया। तीरथ ने इन पदों पर नई नियुक्तियां नहीं की।

चार धाम यात्रा
पिछले हफ्ते तीरथ सरकार ने दो चरणों में चार धाम यात्रा शुरू करने के लिए एक कार्यक्रम की घोषणा की थी। कैबिनेट के फैसले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट के रोक के बावजूद, सरकार ने यात्रा खोलने का निर्णय 25 जून को लिया था। हालांकि सरकार को बाद में अपना फैसला बदलना पड़ा और कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए चारथाम यात्रा स्थगित कर दी।

मोदी को भगवान राम और कृष्ण जैसा बता डाला
शपथ लेने के चार दिन बाद, रावत ने हरिद्वार में एक कार्यक्रम में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान राम और कृष्ण से की और कहा कि भविष्य में मोदी की राम और कृष्ण की तरह प्रशंसा की जाएगी। आज मोदी जी के सामने विभिन्न देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री फोटो खिंचवाने के लिए लाइन होते हैं, कब मेरा नंबर आयेगा। पहले यह हाल था कि भहारत का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कहं दूर जा के खड़ा होता था। बगल में भटकने भी नहीं देते थे। लाइन में नंबर भी नहीं हो था। आज नया भारत मोदी जी के कारण है। मोदी का चमत्कार है। मैं तो कई बार कहता हूं लोगों को द्वापर में त्रेता में राम-कृष्ण हुए हैं और राम ने भी यही समाज के काम किया था इसलिए लोग भगवान मानने लग गए। आने वाले समय में नरेंद्र मोदी को भी उसी रूप में हम मानने लगेंगे वो काम नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री इस देश के अंदर कर रहा है उसकी जय जयकार। मोदी है तो मुमकिन है।

महिलाओं के जींस पर ‘संस्कारी’ टिप्पणी
तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने हवाई सफर का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी बगल में बैठी एक युवती की फटी जींस से उसके मूल्यों पर विवादित बयान दे डाला था। जब उनकी तरफ देखा तो नीचे गमबूट थे, जब और ऊपर देखा तो घुटने फटे थे, हाथ देखे तो कई कड़े थे… बच्चे दो साथ में उनके थे। मैंने कहा बहनजी कहां जाना है…दिल्ली जाना है, हस्बैंड कहां हैं। जेएनयू में प्रोफेसर हैं, तुम क्या करती हो…मैं एक एनजीओ चलाती हूं। एनजीओ चलाती हैं, घुटने फटे दिखते हैं, समाज के बीच में जाती हो, बच्चे साथ में हैं, क्या संस्कार दोगी?

राशन बांटने में बयानबाजी से नहीं चूके
रावत ने कहा कि हर घर में प्रति यूनिट पांच किलो राशन देने का काम किया। जसके 10 थे तो 50 किलो ले गया, 20 थे तो एक क्विंटल ले गया, दो थे तो 10 किलो हिस्से आया। लोगों ने स्टोर बना लिए, खरीदार सामने ढूंढ लिए। इतना बढ़िया चावल आया, कभी सामान्य जीवन के लिए आपने लिया नहीं होगा।

पुष्कर सिंह धामी होंगे उत्तराखंड के नए सीएम, राज्यपाल से मिले  

पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा आलाकमान की पसंद धामी को भाजपा विधायक दल ने औपचारिक रूप से शनिवार शाम अपना नेता चुना।  नेता चुने जाने के बाद धामी राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिले हैं और वे आज या कल शपथ ग्रहण कर सकते हैं।
सुबह से चर्चा थी कि भाजपा आलाकमान ने पर्यवेक्षकों नरेंद्र तोमार और पुरंदेश्वरी को अपनी पसंद बता दी है और विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुने जाने की औपचारिकता पूरी की जाएगी। उनके नाम की अन्य नामों के साथ चर्चा भी थी। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सतपाल महाराज और धन सिंह रावत जैसे वरिष्ठ नेता भी थे। धामी को पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशियारी का बेहद करीबी माना जाता है और एक समय में उनके ओएसडी भी रहे हैं।
धामी उत्तराखंड भाजपा में युवा नेता हैं। धामी का जन्म पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में हुआ और वे ऊधम सिंह नगर के खटीमा विधानसभा हलके से पिछले चुनाव में दूसरी बार विधायक बने थे। धामी को चुने जाने की एक और बजह उनकी आरएसएस की पृष्ठभूमि होना है।
छात्र राजनीति के समय धामी एबीवीपी के कई अहम पदों पर रहे। यही नहीं वे दो  बार भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। धामी के नाम का एलान निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने किया और सभी विधायकों ने हाट खड़े करके उनका समर्थन किया।
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद धामी ने पहली प्रतिक्रिया में कहा – ‘मेरी पार्टी ने एक सामान्य से कार्यकर्ता को सेवा का अवसर दिया है। जनता के मुद्दों पर हम सबका सहयोग लेकर काम करेंगे।’ उत्तराखंड के गठन के 20 साल में अब तक 10 मुख्यमंत्री बन चुके हैं। धामी संभवता राज्य के सबसे कम उम्र के सीएम होंगे।

महंगाई के खिलाफ दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन

देश में लगातार बढ़ रही महंगाई से जनता परेशान है। इसी बीच घरेलू गैस सिलेंडर पर बढ़ती कीमत से जनता को एक और बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को नई दिल्ली के शास्त्री भवन, पेट्रोलियम मंत्रालय के बाहर बढ़ती महंगाई पर विरोध प्रदर्शन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बढ़ती महंगाई के खिलाफ नारेबाजी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस्तीफे की मांग की। विरोध प्रदर्शन में नारेबाजी कर पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने व एलपीजी पर बढ़ते दाम वापस लेने की मांग की जा रही है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर निशाना साधाते हुए दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस महासचिव अर्जुन मारवा ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी जी से पूछना चाहता हूं कि जब देश में कोरोना महामारी का महाकाल चल रहा है, देश की अर्थव्यवस्था भी बिगड़ी हुई है। इस बीच वे तेल की कीमतों में दिन-प्रतिदिन इजाफा क्यों किया जा रहा है?  मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं की बढ़ती महंगाई के पीछे का कारण जनता को बताया जाए।“

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) राष्ट्रीय सचिव खुशबू शर्मा ने कहा, “कांग्रेस पार्टी के समय एलपीजी के दाम 414 थे, उस समय भाजपा की महिला मंत्रियों ने रोड़ पर बढ़े दामों के खिलाफ प्रदर्शन किया था और आज जब देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डगमगार्इ हुई है, साथ ही कोरोना के कारण लोगों ने नौकरियां भी चली गर्इ तो इस दौरान लगातार अलग-अलग चीजों के दामों में बढ़ोतरी क्यों की जा रही है। केंद्र सरकार जनता को इसका जवाब दें।“

कुछ समय पहले भी पेट्रोल के दाम बढ़ाए गए थे और इसी प्रकार तब भी कांग्रेस पार्टी ने देश के कई हिस्सों में केंद्र सरकार की गलत नीतियों और बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। हालांकि पार्टी का कोई बड़ा चेहरा इस विरोध प्रदर्शन में नहीं दिखा। विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों की संख्या 60 के करीब थी।

तीरथ के इस्तीफे के बाद भाजपा विधायक उत्तराखंड में आज करेंगे नए नेता का चयन  

सिर्फ 114 दिन तक (उत्तराखंड के इतिहास में सबसे काम समय तक) मुख्य्मंत्री रहने वाले तीरथ सिंह के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड भाजपा में मुख्यमंत्री बनने वालों की फेहरिस्त लम्बी होती जा रही है। कहने को भाजपा आज शाम विधायल दल की बैठक कर नया नेता चुनेगी, लेकिन जानकारी के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने पर्यवेक्षकों नरेंद्र तोमर और पुरंदेश्वरी को अपनी पसंद बता दी है और बैठक औपचारिकता मात्र है। नया नेता आज ही राज्यपाल से मिलकर शपथ ग्रहण के लिए वक्त मांग सकता है।
फिलहाल यह बैठक के बाद ही साफ़ होगा कि उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा लेकिन फिलहाल सतपाल महाराज और धन सिंह रावत से लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत तक का नाम चर्चा में है। वरिष्ठ विधायक बिशन सिंह चुफाल, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, अजय भट्ट, पुष्कर सिंह धामी, अनिल बलूनी, ऋतू खंडूड़ी और रेखा आर्य कुछ और नाम हैं जिनकी चर्चा है।
वैसे तीरथ रावत के इस्तीफा देने के कारण भाजपा को फ़ज़ीहत झेलनी पड़ी है। वैसे भी अगले चुनाव से पहले भाजपा अपनी हालत बेहतर करना चाहती हैं क्योंकि उसके आंतरिक सर्वे बता रहे हैं कि सरकार का कामकाज ऐसा नहीं रहा है कि वो अगला चुनाव जीतने की गारंटी बन सके। तीरथ रावत 114 दिन तक मुख्यमंत्री रहे लेकिन अपनी या सरकार की कोई पहचान बनाना तो दूर, अपने विवादित बयानों से उन्होंने भाजपा की फ़ज़ीहत ही करवाई।
प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में जाहिर है ज्यादा समय नहीं बचा है और इसी दौरान भाजपा को अपनी स्थिति पटरी पर लानी है। आज की बैठक के लिए केंद्र के दूत नरेंद्र सिंह तोमर और पुरंदेश्वरी देहरादून पहुँच गए हैं। वे वहां भाजपा नेताओं से मिल रहे हैं। शाम 3 बजे भाजपा विधायक दल की बैठक होनी है। नया नेता आज ही राज्यपाल से मिलकर शपथ ग्रहण के लिए वक्त मांग सकता है।

रफाल लड़ाकू विमान सौदे में आरोपों की फ्रांस में जांच का मीडियापार्ट वेबसाइट का दावा

रफाल लड़ाकू विमान के 59,000 करोड़ रुपये के खरीद सौदे में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा फिर गरमा गया है। मोदी सरकार की इस खरीद को लेकर पहले भी कई सवाल उठते रहे हैं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसे लेकर हमेशा सरकार पर हमलावर रहे हैं। अब यह मामला फ्रांस के न्यायालय में पहुंचता दिख रहा है क्योंकि इस खरीद की न्यायिक जांच का फैसला करते हुए एक फ्रांसीसी जज की नियुक्ति कर दी गयी है।
फ्रांस की ऑनलाइन मीडिया वेबसाइट मीडियापार्ट, जिसने कुछ समय पहले इस मामले में भ्रष्टाचार को लेकर दस्तावेजों के साथ कुछ खुलासे किये थे, ने अब जानकारी दी है कि ‘साल 2016 में हुई इस इंटर गवर्नमेंट डील की अत्यधिक संवेदनशील जांच औपचारिक रूप से 14 जून को शुरू की गई थी’। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2 जुलाई को फ्रांसीसी लोक अभियोजन सेवाओं की वित्तीय अपराध शाखा ने इस बात की पुष्टि की है।
रफाल को लेकर फ्रांस सरकार का यह बड़ा कदम है। यदि जांच में कुछ गड़बड़ पाई जाती है तो भारत में पहले ही कुछ संकटों से घिरी दिख रही मोदी सरकार के लिए दिक्क्तें गंभीर रुख अख्तियार कर सकती हैं। रिपोर्ट से जाहिर होता है कि 59,000 करोड़ रुपये के रफाल सौदे में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की फ्रांस में न्यायिक जांच शुरू हो गयी है। याद रहे इसी फ्रांसीसी वेबसाइट ने इसी साल अप्रैल में रफाल सौदे में कथित गड़बड़ियों पर सिलसिलेबार रिपोर्ट प्रकाशित की थीं जिसमें कुछ दस्तावेजों का भी हवाला दिया गया था।
बता दें मीडियापार्ट ने उस समय अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया था कि ‘फ्रांस की सार्वजनिक अभियोजन सेवाओं की वित्तीय अपराध शाखा के पूर्व प्रमुख, इलियाने हाउलेट ने सहयोगियों की आपत्ति के बावजूद रफाल जेट सौदे में भ्रष्टाचार के कथित सबूतों की जांच को रोक दिया’। हाउलेट ने हालांकि, फ्रांस के हितों, संस्थानों के कामकाज को संरक्षित करने के नाम पर जांच को रोकने के अपने फैसले को सही ठहराया।
अब मीडियापार्ट ने एक ताजा रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें दावा किया गया है कि
‘अब, पीएनएफ के नए प्रमुख जीन-फ्रेंकोइस बोहर्ट ने जांच का समर्थन करने का फैसला किया है। आपराधिक जांच तीन लोगों के इर्द-गिर्द रहेगी जिनमें फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, जो सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने के समय पद पर थे, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जो उस समय हॉलैंड के वित्त मंत्री थे और विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन, जो उस समय रक्षा विभाग संभाल रहे थे, शामिल हैं।’

एक्टर आमिर खान-किरण राव ने अलग होने का फैसला किया

अभिनेता आमिर खान और उनकी पत्नी किरण राव ने करीब 16 साल तक जीवनसाथी रहने के बाद आपसी सहमति से अलग होने का फैसला किया है। चौंकाने वाले इस फैसले की जानकारी दोनों ने आधिकारिक रूप से कर दी है। आमिर की यह दूसरी शादी थी। पिछले कुछ समय से आमिर-किरण के रिश्ते को लेकर छिटपुट ख़बरें मीडिया में आती रही थीं जो अब सही साबित हुई हैं।
एक साझे ब्यान में आमिर और किरण ने कहा – ‘जीवन की नई शुरुआत एक अच्छे माता-पिता की तरह करेंगे। हमने 16 साल जीवन अच्छे अनुभव के साथ जिया है। अब जीवन में नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। एक पति-पत्नी की तरह नहीं अपितु समर्पित  अभिभावक की तरह।’ बता दें कि दोनों का एक बेटा आज़ाद राव खान है।
दोनों तलाक के बावजूद फिल्मों और अन्य प्रोजेक्ट में साथ काम करते रहेंगे जिनमें वाणी फॉउंडेशन भी शामिल है। इस तरह आमिर खान और किरण राव शादी के 16  साल बाद अलग हो गए हैं।
याद रहे आमिर खान ने पहली शादी अपनी पड़ोस में रहने वाली बंगाली लड़की रीना दत्ता से की थी। अलग-अलग धर्मों के कारण परिवार वाले विवाह को राजी नहीं थे लिहाजा आमिर और रीना ने भागकर शादी की थी। इस रिश्ते में दोनों के दो बच्चे जुनैद और आइरा हैं। हालांकि, यह रिश्ता 2002 में टूट गया था। दोनों बच्चों की कस्टडी रीना के पास रही।
रीना से तलाक के बाद आमिर ने खुद से 9 साल छोटी किरण राव से शादी की। दोनों का प्रेम पहली मुलाकात फिल्म ‘लगान’ के सेट पर हुई थी जिसमें आमिर हीरो और किरण राव असिस्टेंट डायरेक्टर थीं। बाद में एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में किये फोन काल के दौरान किरण की बातों से आमिर इतने इम्प्रेस हुए कि उन्होंने उनसे विवाह का फैसला किया। दोनों ने 2005 में विवाह किया था। किरण सरोगेसी के जरिए बेटे की मां बनीं थीं।

तीरथ सिंह रावत इस्तीफा देंगे ! उत्तराखंड में गतिविधियां तेज

भाजपा उत्तराखंड में एक बार फिर मुख्यमंत्री बदलने की तैयारी है। महज चार महीने पहले मुख्यमंत्री पद सँभालने वाले तीरथ सिंह रावत की छुट्टी तय हो गयी है। पिछले तीन दिन से दिल्ली में बैठे तीरथ दिल्ली से देहरादून लौट रहे हैं और उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलने का वक्त माँगा है। जानकारी के मुताबिक कल भाजपा विधायक दल की बैठक होगी और किसी विधायक को ही भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसमें केंन्द्रीय मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर पार्टी प्रेक्षक के रूप में उपस्थित होंगे।
तीरथ, जो कि इस समय सांसद हैं, को 10 सितंबर तक किसी भी सूरत में विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है। हालांकि, ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने तीरत को बता दिया है कि उन्हें इस्तीफा देना है। तीरथ के मुख्यमंत्री पद से जाने की ख़बरें तब सामने आई हैं जब जल्दी ही मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की भी चर्चा तेज है।
जानकारी के मुताबिक कल उत्तराखंड भाजपा विधायक दल की बैठक होगी और किसी विधायक को ही भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसमें केंन्द्रीय मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर पार्टी प्रेक्षक के रूप में उपस्थित होंगे।
तीरथ यदि इस्तीफा देते हैं तो सतपाल महाराज और धन सिंह रावत के उनकी जगह लेने की चर्चा है। महाराज  और रावत के भी आज ही दिल्ली में होने की जानकारी है। उत्तराखंड में अगले साल ही चुनाव हैं और भाजपा वहां खुद को बहुत मजबूत नहीं मान रही।
यहाँ यह बताना भी दिलचस्प है कि बंगाल में भी ममता बनर्जी को भी नवंबर से पहले विधानसभा का सदस्य बनना होगा। हिमाचल में एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव होना है। कुछ और जगह भी उपचुनाव होने हैं। हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने इन उपचुनावों के लिए कोई संकेत नहीं दिए हैं। वैसे यह पहली बार है कि उपचुनावों को लेकर चुनाव आयोग खामोश बैठा है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि यदि उपचुनावों की घोषणा नहीं होती है, तो बंगाल सहित अन्य उपचुपानों का क्या होगा?
फिलहाल उत्तराखंड में राजनीतिक हलचल तेज है। मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज राज्यपाल से मुलाकात के लिए समय मांगा है। वे इस समय दिल्ली से देहरादून लौट रहे हैं। चर्चा तेज है कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्‍तीफा देने वाले हैं। रावत ने शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर उनसे और गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाक़ात की थी। तीन दिन में वे दो बार नड्डा से मिले हैं। इसके बाद ही उनके इस्तीफे की चर्चा तेज हुई है।

कश्मीर में मुठभेड़, पांच आतंकी ढेर और एक जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में शुक्रवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकी ढेर कर दिए। कार्रवाई के दौरान सेना का एक जवान भी शहीद हो गया। मारे गए आतंकवादियों में से एक पाकिस्तानी था लेकिन उसकी अभी पहचान नहीं हो सकी है।

पुलिस की ओर से बताया गया कि आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने कश्मीर के पुलवामा जिले के राजपुरा के हाजिन गांव में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था।

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के सुरक्षा बल पर गोलियां चलाने से अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया। सुरक्षा बल ने भी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। पूरे इलाके को घेर लिया गया। अधिकारी ने बताया कि शुरुआती गोलीबारी में एक जवान घायल हो गया था, जिनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
उन्होंने मौके पर अतिरिक्त बल भेजा गया और मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मारे गए। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से था और इनमें से एक निशाज लोन उर्फ खिताब संगठन का जिला सरगना था। बताया गया कि इलाके में आतंकियों से निपटने को महिला कमांडो भी तैनात की गई हैं।

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन पर यूएपीए सामना कर रहे अखिल गोगोई आरोप मुक्त

राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की विशेष अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्वोत्तर के जेल में रहकर चुनाव जीतने वाले विधायक अखिल गोगोई आरोपमुक्त कर दिया है। अखिल गोगोई पर असम में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों में उनकी भूमिका के लिए यूएपीए समेत तमाम धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने उनको सभी आरोपों से मुक्त कर रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है।

गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत दर्ज दोनों मामलों में उन्हें अदालत ने आरोप मुक्त किया है। इससे पहले बीते 22 जून को कोर्ट ने गोगोई को एक मामले में आरोपमुक्त किया था। अब गुरुवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए अन्य दोनों मामले में भी बरी कर दिया।
अखिल गोगोई ने जेल से रिहा होने के बाद कहा कि सरकार की ओर से लगाए गए आरोप बोगस थे। यह भारतीय न्यायपालिका के लिए ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि सरकार यूएपीए कानून का दुरुपयोग कर रही है।
असम के शिवसागर से विधायक अखिल गोगोई को एनआईए की विशेष अदालत से बड़ी राहत मिली है। विशेष एनआईए अदालत ने गोगोई के साथ ही उनके तीन साथियों को दिसंबर 2019 में असम में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक आंदोलन में कथित भूमिका के लिए यूएपीए के तहत सभी आरोपों से बरी किया है।

एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रांजल दास ने चांदमारी मामले के संबंध में गोगोई और उनके तीन साथियों धिरज्या कुंवर, मानस कुंवर और बीटू सोनोवाल पर आरोप तय नहीं किए। इस मामले में उनपर माओवादियों से संबंध रखने का आरोप लगाया गया था। गोगोई के तीन साथी पहले ही जमानत पर बाहर हैं।