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सोमालिया के होटल पर अल-शबाब के आतंकी हमले में 15 लोगों की मौत

सोमालिया के मोगादिशु शहर में एक होटल पर हमला करके आतंकवादियों ने 15 लोगों की हत्या कर दी है। इस हमले में कई लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में कई बड़े कारोबारी और अन्य लोग शामिल हैं। आतंकी संगठन अल-शबाब ने हमले की जिम्मेवारी ली है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अल-कायदा से जुड़े अल-शबाब नाम के आतंकी संगठन ने यह हमला किया है। आतंकियों ने हयात होटल को निशाना बनाया। हमले घटना में 15 लोगों की मौत हुई है जबकि घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है।

मृतकों में होटल के मालिक समेत कई बड़े कारोबारी शामिल हैं। मोहादिशु के हयात होटल पर हमले की अल-शबाब आतंकी समूह ने जिम्मेदारी ली है। होटल में आतंकवादी काफी समय तक रहे। रिपोर्ट्स के मुताबिक आंतकी हमले के दौरान हयात होटल में इंटेल के अधिकारी बैठक कर रहे थे।

आतंकियों ने हयात होटल में बड़ी संख्या में लोगों को बंधक बना लिया था, लेकिन उन्होंने कितने लोगों को बंधक बनाया था इसकी सही जानकारी नहीं है। हमले में हयात होटल के मालिक समेत अब्दिरहमान इमान समेत 15 लोगों की मौत हो गई। सुरक्षा बलों ने, हालांकि, ऑपरेशन चलाकर 15 घंटे बाद होटल को आतंकियों से मुक्त करा लिया।

मुंबई में चार मंजिला इमारत गिरी, कुछ लोगों के दबे होने की आशंका

मुंबई के बोरीवली वेस्ट इलाके के साईं बाबा नगर में एक चार मंजिला बिल्डिंग गिरने की खबर हैं, साथ ही इसके मलबे में कुछ लोगों के फंसने की आशंका भी जताई जा रही है।

अधिकारियों के अनुसार पुरानी और जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने के कारण बिल्डिंग को खाली करा लिया गया है। मौके पर दमकल की आठ गाड़ियां, दो बचाव वैन और तीन एंबुलेंस पहले से ही मौजूद हैं।

हालांकि हादसे में अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। बिल्डिंग के आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि बिल्डिंग की जर्जर अवस्था की वजह से पहले ही लोग उसमें से निकल गए थे।

घटना की जानकारी देते हुए फायर ब्रिगेड ने बताया कि दमकलकर्मी वहां पहुंच चुके हैं। और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं कोई व्यक्ति मलबे में फंसा तो नहीं है।

बता दें, दमकल की आठ गाड़ियां, दो बचाव वैन और तीन एंबुलेंस पहले से ही मौजूद है।

बिलकीस दोषियों की सजा रद्द न हो, सुप्रीम कोर्ट से प्रमुख लोगों की मांग

देश भर के 6000 से ज्यादा सामाजिक, महिला और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि 2002 के बिलकीस बानो मामले में दुष्कर्म और हत्या के 11 दोषियों के गुजरात सरकार के सजा माफ करने के निर्णय को रद्द करने का निर्देश दिया जाए। इन लोगों ने आशंका जताई है कि दुष्कर्म जैसे जघन्य जुर्म के दोषियों को छोड़ने से बहुत गलत सन्देश जाएगा और इससे इन अपरोधों की शिकार महिलाएँ निराश होंगी।

इन सभी लोगों ने एक साझे बयान में कहा कि सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषी लोगों की सजा माफ करने से उस प्रत्येक दुष्कर्म पीड़िताओं पर निराशाजनक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि वे न्याय व्यवस्था पर भरोसा करती हैं।

जिन प्रमुख हस्तियों ने इस बयान पर हस्ताक्षर किये हैं उनमें सहेली वूमन्स रिसोर्स सेंटर, गमन महिला समूह, बेबाक कलेक्टिव, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वूमन्स एसोसिएशन, उत्तराखंड महिला मंच और अन्य सामजिक संगठनों के अलावा सैयदा हमीद, जफरुल इस्लाम खान, रूप रेखा, देवकी जैन, उमा चक्रवर्ती, सुभाषिनी अली, कविता कृष्णन, मैमूना मुल्ला, हसीना खान, रचना मुद्राबाईना, शबनम हाशमी जाइए प्रमुख अभियानकर्ता शामिल हैं।

इन लोगों ने मांग की है कि बिलकिस बानो मामले में सजा माफी का गुजरात सरकार का फैसला तुरंत वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि हत्या और रेप के इन दोषियों को सजा पूरी करने से पहले रिहा करने से महिलाओं के प्रति अत्याचार करने वाले सभी पुरूषों के मन में (दंडित किए जाने का) भय कम हो जाएगा।

उन्होंने बयान में कहा – ”हमारी मांग है कि न्याय व्यवस्था में महिलाओं के विश्वास को बहाल किया जाए। हम इन 11 दोषियों की सजा माफ करने के फैसले को तत्काल वापस लेने और उन्हें सुनाई गई उम्र कैद की सजा पूरी करने के लिए जेल भेजने की मांग करते हैं।

फिर उछाल पर कोरोना; देश में आए 15,754 नए मामले, 47 की मौत

देश में कोरोना के मामलों में कुछ सुस्ती के बाद पिछले 24 घंटे में 25 फीसदी का उछाल आया है और इस दौरान 15,754 नए मामले सामने आये हैं। इन 24 घंटों में कोरोना से 47 लोगों की मौत हुई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज सुबह बताया कि देश भर में सक्रिय मामलों की संख्या 101,830 है। पिछले 24 घंटे में कोरोना से 15, 220 लोग ठीक हुए हैं। अब तक कुल 43,685, 535 लोग ठीक हो चुके हैं।

पिछले 24 घंटे में कोरोना से 47 लोगों की मौत हुई है जिससे अब तक कुल 527,253 लोगों की जान कोरोना से जा चुकी है। पिछले 24 घंटे में 31,52,882 वैक्सीनेशन हुई हैं जो अब कुल 2,09,27,32,604 हो चुकी हैं।

राजधानी दिल्ली में कोरोना के 1964 नए मामले दर्ज किए गए हैं जिससे संकेत मिलता है कि यहाँ संक्रमण बढ़ रहा है। इस दौरान आठ लोगों की जान गयी है। दिल्‍ली में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 9.42 फीसदी है जबकि एक्टिव मरीजों की संख्‍या 6826 है।

उधर महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 2246 नए मरीज़ों की पुष्टि हुई और छह संक्रमितों की जान चली गई। महाराष्ट्र में वायरस के कुल मामले 80,78,411 हो गए हैं जबकि 1,48,186 लोगों की जान जा चुकी है।

डोवल ने रूस यात्रा में दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी पर गहन चर्चा की

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवल ने अपने दौरे के दौरान गुरुवार रात रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव के साथ बैठक की जिसमें दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी पर गहन चर्चा की गयी। रूस ने कहा है कि द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए अंतर-सरकारी आयोग की प्रणाली का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए।

रूस सरकार ने डोवल की यात्रा को लेकर जो बयान जारी किया है उसके मुताबिक उप प्रधानमंत्री मांतुरोव ने गुरुवार व्यापारिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीय और सांस्कृतिक सहयोग के लिए अंतर-सरकारी रूस-भारत आयोग के रूसी भाग के अध्यक्ष के नाते डोवल से बातचीत की।

रूसी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने व्यापार और आर्थिक संबंधों के विकास के अलावा बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग समेत परस्पर हित के अन्य क्षेत्रों में सहयोग से संबंधित मौजूदा विषयों पर चर्चा की। मांतुरोव ने कहा – ‘मुझे लगता है कि द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए अंतर-सरकारी आयोग की प्रणाली का अधिकतम उपयोग किया जाए।’

डोवल रूस के दो दिन के सरकारी दौरे पर गए थे और अब स्वदेश लौट आए हैं। इससे पहले वे पहले दिन रूस के अपने समकक्ष निकोलाई पात्रुशेव से भी मिले थे। हाल के महीनों में भारत ने रूस से सस्ते मूल्य के चलते कच्चे तेल के आयात बढ़ाया है। अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देश इससे परेशान दिखे हैं।

दो महीनों में रूस से भारत के कच्चे तेल का आयात 50 गुना बढ़ा है और रूस भारत को तेल देने के मामले में ईराक के बाद दूसरे नंबर पर आ पहुंचा है जबकि यूक्रेन युद्ध से पहले वह आठवें नंबर पर था।

महाराष्ट्र के तट पर मिली नाव, हथियार से आतंकी साजिश के संकेत नहीं : सरकार

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य के रायगढ़ तट से गुरुवार को जो संदिग्ध नाव और हथियार मिले थे, उसकी प्रारंभिक जांच से किसी ‘आतंकी साजिश’ के संकेत नहीं मिलते। उनके मुताबिक इस नाव से जुड़ी सभी जानकारियां उनके समक्ष आई हैं जिसके आधार पर यह बात कही जा सकती है।

याद रहे इस नाव में तीन एके-47 राइफल और कारतूस (गोलियां) बरामद हुए हैं। यह नाव मिलने के बाद सरकारी स्तर पर हड़कंप मच गया था क्योंकि आरंभ में इसे आतंकी साजिश से जोड़कर देखा गया था।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने एक बयान में हालांकि, कोई ‘टेरर एंगल’ नहीं दिख रहा। नाव की पूरी जानकारी और घटनाक्रम मिला है। लेकिन जब तक पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक सब एंगल से जांच जारी रहेगी।’

गुरुवार को राज्य के रायगढ़ तट से संदिग्ध नाव मिले थी। बाद में इसकी जांच करने पर उसमें से हथियार भी मिले थे। इसके बाद आतंकी साजिश की आशंका जताई जाने लगी थी। फिलहाल जांच जारी है, और सरकार पूरी तसल्ली करने के बाद बयान जारी करेगी, ऐसी संभावना है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के घर सहित सीबीआई के 21 जगह छापे

आखिर काफी दिन की चर्चा के बाद शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर सहित 21 जगह सीबीआई ने छापे मारे हैं। खुद मनीष ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम दिल्ली सरकार के शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए अच्छे काम रोकने के कोशिश की है।

एक के बाद एक तीन ट्वीट करके मनीष सिसोदिया ने केन्द्र की मोदी सरकार पर खूब हमला बोला है। सिसोदिया ने ट्वीट में कहा – ‘दिल्ली सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में अच्छे काम करने से रोका जा रहा है।’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई छापे की निंदा करते हुए कहा – ‘जिस दिन विदेशी अखबार में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की तारीफ की गई है उसी दिन इस सीबीआई दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के आवास पर छापा मार रही है।’

इस बीच सीबीआई की टीमें कुल 21 जगह छापेमारी कर रही हैं। ये छापे एक्साइज विभाग के कई अफसरों और शराब कारोबारियों के यहां हो रहे हैं। आबकारी नीति को लेकर चल रहे इन छापों में सिसोदिया के अलावा तीन सरकारी पब्लिक सर्वेंट और शामिल है बाकी अन्य लोग है।

छापे पर केजरीवाल का ट्वीट -@ArvindKejriwal जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अखबार NYT के फ़्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने CBI भेजी। CBI का स्वागत है। पूरा cooperate करेंगे। पहले भी कई जाँच/रेड हुईं। कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा।

गैर-स्थानीय लोगों को जम्मू कश्मीर में मतदान के अधिकार का किया विरोध

जम्मू कश्मीर में 25 लाख नए मतदाता बनने के संभावना वाले मामले ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल मतदाता सूची में एक संशोधन के प्रावधान के चलते इतनी बड़ी संख्या में एक ही प्रदेश में मतदाता बढ़ने की संभावना बन गयी है क्योंकि इसमें गैर-स्थानीय निवासियों को मतदाता के रूप में पंजीकृत करने की मंजूरी मिल जाएगी। राज्य की पार्टियों नैशनल कांफ्रेंस (एनसी) और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने इसका कड़ा विरोध करते हुए खतरनाक कदम बताते हुए इसे राज्य के चुनाव में नतीजों को प्रभावित करने की कोशिश बताया है।

मतदाता सूची का एक विशेष संशोधन गैर-स्थानीय लोगों को पहली बार जम्मू और कश्मीर में मतदाता के रूप में पंजीकृत होने का रास्ता साफ़ कर देगा जिससे बाहर के लोगों को यहाँ वोटर के रूप में मतदान का अधिकार मिल जाएगा।

दरअसल केंद्र ने 2019 में अनुच्छेद-370 के तहत कश्मीर के विशेष दर्जे को 5 अगस्त, 2019 को संसद में एक क़ानून लाकर खत्म कर दिया था। इसके बाद
सूबे में गैर-कश्मीरियों को वोट देने और जमीन खरीदने की अनुमति देने के लिए संविधान में बदलाव किया गया था। अब इसके चलते इस क्षेत्र में 20 लाख से अधिक नए मतदाताओं के पंजीकृत होने की संभावना है।

यदि ऐसा होता है तो इससे वोटर्स की संख्या एक तिहाई से ज्यादा बढ़ जाएगी। जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार ने पिछले कल कहा था कि ‘हम अंतिम सूची में (20-25 लाख) नए मतदाताओं (गैर-कश्मीरियों सहित) के जुड़ने की उम्मीद कर रहे हैं।’

इसे लेकर नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा – ‘यह फैसला भाजपा के क्षेत्र में समर्थन नहीं मिलने के डर को दर्शाता है। क्या भाजपा जम्मू-कश्मीर के असली वोटरों के समर्थन को लेकर इतनी असुरक्षित है कि उसे सीटें जीतने के लिए अस्थायी वोटरों को आयात करने की जरूरत है? इनमें से कोई भी चीज भाजपा की मदद नहीं करेगी जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका दिया जाएगा।’

इसी तरह जम्मू कश्मीर सरकार में तीन साल तक भाजपा की सहयोगी रही पीडीपी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट में कहा – ‘गैर-स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देना स्पष्ट रूप से चुनाव परिणामों को प्रभावित करना है। असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर सख्ती से शासन करना जारी रखना है।’

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 8 यूट्यूब चैनलों को किया ब्लॉक

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने भारत की सुरक्षा पर असर डालने वाली सामग्री पोस्ट करने के आरोप में 8 यूट्यूब चैनलों पर रोक लगा दी है। इन चैनलों पर भारत की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था एवं विदेशी रिश्तों पर असर डालने वाली सामग्री परोसने के आरोप है।

बता दे इन यूट्यूब चैनलों में सात चैनल तो भारतीय है किंतु एक पाकिस्तान का यूट्यूब चैनल भी शामिल है। इनके 118 करोड़ व्यूज़ हैं। इन चैनलों पर भारत के खिलाफ फेक कंटेंट फैलाने का आरोप हैं।

इन चैनलों को आईटी नियम 2021 के अंतर्गत ब्लॉक किया गया है। और दिसंबर 21 से अब तक 102 यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक किया जा चुका है।

आपको बता दें, सूचना प्रसारण मंत्रालय ने भारत की सुरक्षा, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।

“वरिष्ठों के लिए चुनौती बन रहे थे इसलिए गडकरी के पर कतर दिए” : एनसीपी

आरएसएस के करीबी नेता और वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भाजपा के संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से बाहर करने के बाद काफी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। महाराष्ट्र के प्रभावशाली नेता गडकरी को लेकर अब शरद पवार की पार्टी एनसीपी की टिप्पणी सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि गडकरी के बढ़ते कद के कारण उनके पर क़तर दिए गए क्योंकि वे वरिष्ठों के लिए चुनौती बन रहे थे।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने एक ट्वीट में कहा – ‘एक दक्ष राजनेता के तौर पर उनके बढ़ते कद की वजह से उन्हें बोर्ड से हटाया गया है। जब आपकी योग्यता और क्षमताएं बढ़ती हैं और आप वरिष्ठों के लिए चुनौती बन जाते हैं तो भाजपा आपके पर कतर देती है। दागियों को बढ़ाया जाता है…।’

गडकरी के भाजपा से बाहर भी कमोबेश सभी दलों के नेताओं से बेहतर रिश्ते रहे हैं क्योंकि उनके स्वभाव ही ऐसा है। इसके अलावा उन्हें मोदी सरकार में सबसे ज्यादा सक्रिय मंत्री माना जाता है और उनके प्रदर्शन की काफी प्रशंसा होती रही है।

बता दें कल भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की तरफ से भाजपा के नए संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति की घोषणा की थी जिसमें वरिष्ठ नेताओं गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जगह नहीं दी गई थी। महाराष्ट्र भाजपा में गडकरी के प्रतिद्वंदी माने जाने वाले देवेंद्र फडणवीस, जो अब राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं, को संसदीय बोर्ड और चुनाव

एनसीपी नेता क्रैस्टो ने ट्वीट में आगे कहा – ‘नितिन गडकरी को भाजपा संसदीय बोर्ड में शामिल नहीं किया जाना दर्शाता है कि एक कुशल राजनेता के तौर पर उनका कद कई गुना बढ़ गया है।’ बता दें कि भाजपा के भीतर नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री पद का मजबूत दावेदार माना जाता रहा है और मंत्री के तौर पर विपक्ष की तारीफ़ भी उन्होंने हासिल की है।