अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बगावत का सामना करने के बाद कांग्रेस के सामने अब मेघालय में चुनौती आ खड़ी हुई है. कांग्रेस के कुछ विधायक और मंत्री मुख्यमंत्री मुकुल संगमा को हटाने की मांग कर रहे हैं. असंतुष्ट विधायकों का आरोप है कि संगमा तानाशाह के रूप में काम कर रहे हैं और बिना पूछे फैसले ले रहे हैं. हाल ही में तुरा लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद मामला और गंभीर हो गया. इस उपचुनाव में मुकुल संगमा की पत्नी दिकांची डी शिरा कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरी थीं. लेकिन उन्हें पूर्व लोकसभा स्पीकर पीएम संगमा के बेटे कोनराड के संगमा ने 1.92 लाख वोटों से हरा दिया. राज्य में यह जीत का सबसे बड़ा अंतर है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान बगावत को लेकर गंभीर है. 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 30 सीटें हैं. साथ ही उसे राकांपा के दो और 11 निर्दलीयों का समर्थन है. विपक्ष में मेघालय पीपल्स फ्रंट के 12, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के आठ, नेशनल पीपल्स पार्टी के दो और दो निर्दलीय विधायक हैं. इनके अलावा हिल्स स्टेट पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के चार और एनईएसडीपी का एक विधायक है.