आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वित्तीय अनियमितताओं (फेमा) के आरोप लगाए हैं. उनपर आईपीएल में घोटाले और मैच फिक्सिंग के भी आरोप हैं. आईपीएल 2010 फाइनल के बाद ललित मोदी को आईपीएल के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से मोदी लंदन में हैं. ईडी का आरोप यह भी है कि मोदी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2011 में ही ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द किया गया था फिर वो लंदन में कैसे रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ 16 केस हंै. यह समझ से परे है कि उन्हें नया पासपोर्ट किस आधार पर जारी किया गया? फिलहाल भारत में उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया जा चुका है.
क्या है सुषमा-ललित प्रकरण?
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा ललित मोदी को मदद पहुंचाने का मामला सामने आते ही भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है. विपक्षी दल सुषमा से इस्तीफे की मांग कर रहा है. लंदन के संडे टाइम्स में छपी खबर से इस बात का खुलासा हुआ है कि सुषमा स्वराज ने ललित मोदी को पत्नी के इलाज के लिए पुर्तगाल भेजने में मदद की. उन्होंने इस बारे में ब्रिटेन की सांसद कीथ वाज से सिफारिश की थी. इस मामले पर सफाई देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि हमने मानवीय आधार पर उनकी मदद की क्योंकि उनकी पत्नी को कैंसर है. हमने सिर्फ ब्रिटेन से यह आग्रह किया था कि अगर वहां का कानून इजाजत देता है तो उनकी पत्नी को इलाज के लिए पुर्तगाल जल्द भेज देना चाहिए.
इस मामले में भाजपा सुषमा स्वराज के साथ खड़ी है, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक उन्होंने कोई गलती नहीं की. ललित मोदी की पत्नी कैंसर से पीड़ित हैं और मानवीय आधार पर सुषमा ने उनकी मदद की.
वसुंधरा राजे को लेकर क्या है विवाद?
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी ललित मोदी की मदद करने के आरोप लग रहे हैं. वसुंधरा ने ललित की इमिग्रेशन अर्जी का अपने नाम की गोपनीयता रखने के शर्त पर समर्थन किया और सीक्रेट विटनेस बनी रहीं. 2011 में उन्होंने ललित के पक्ष में दिए बयान में कहा था, ‘मैं यह बयान ललित मोदी की इमिग्रेशन एप्लीकेशन के समर्थन में दे रही हूं लेकिन मेरे इस सहयोग का पता भारतीय अधिकारियों को नहीं चलना चाहिए’
कांग्रेस ने दस्तावेज पेश करते हुए वसुंधरा राजे पर ललित मोदी के साथ मिलकर धौलपुर महल को निजी जायदाद में बदलने का भी आरोप लगाया है. हालांकि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि 1954 के दस्तावेज यह साबित करते हैं कि धौलपुर महल किसी की निजी नहीं बल्कि सरकारी संपत्ति है. इस प्रकरण के बाद कांग्रेस जहां वसुंधरा राजे का इस्तीफा मांग रही है वहीं वसुंधरा ने इस मुद्दे पर चुप्पी ओढ़ रखी है.