पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है. उनका दिल्ली स्थित सैन्य अस्पताल में ऑपरेशन किया गया था जिसके बाद वे आईसीयू में हैं. वे गुरुवार को घर में फिसल गए थे और उनके सिर में चोट आई थी.अस्पताल ने शुक्रवार दोपहर जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा कि सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है.
इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी डॉक्टरों और परिजनों से उनका हालचाल पूछा. 75 साल के जसवंत सिंह ने हालिया लोकसभा चुनावों में टिकट न मिलने पर पार्टी से बगावत की थी और राजस्थान के बाड़मेर से भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. बाद में उनके पुत्र विधायक मानवेंद्र सिंह को भी पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. हालांकि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने जसवंत सिंह को पत्र लिखकर उनके प्रति सम्मान जताया था और उनके अनुभव से लाभ मिलने की उम्मीद की थी. वे केंद्र में विदेश, रक्षा और वित्त सहित कई मंत्रालय संभाल चुके हैं. वे योजना आयोग के भी उपाध्यक्ष भी रहे. 2004 में जब भाजपा के सत्ता से बाहर होने के बाद सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने थे. 2009 में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर लिखी उनकी किताब पर बहुत बवाल हुआ था. रिपोर्टों के मुताबिक इसमें मोहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा और नेहरू-पटेल की आलोचना की गई थी जिसके चलते 19 अगस्त, 2009 को उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. हालांकि बाद में उनकी वापसी भी हो गई थी.