अखंड भारत : भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के एकीकरण के विचार में कितना दम है?

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आजादी के बाद से ही ऐसी आवाजें उठती रहीं कि भारत और पाकिस्तान का बंटवारा सही नहीं था और दोनों देशों का एकीकरण होना चाहिए. भारत-पाकिस्तान का एकीकरण तो नहीं हुआ, पाकिस्तान का विभाजन जरूर हो गया, जिसके बाद बांग्लादेश बना. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से समय-समय पर इन तीनों देशों का एकीकरण करके अखंड भारत अथवा बृहत्तर भारत बनाने की बात उठाई जाती रही है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 2010 में एक इंटरव्यू में कहा, ‘हमने अखंड भारत का सपना छोड़ा नहीं है. वृहद भारत दोबारा बनेगा, दूसरा इलाज नहीं है. यह काम सरकार नहीं कर सकती. इसके लिए समाज का निर्माण करना पड़ता है और यह हम कर रहे हैं.’ बीते दिसंबर में भाजपा महासचिव राम माधव ने अल-जजीरा चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘आने वाले समय में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश फिर से एक होकर अखंड भारत का निर्माण करने वाले हैं.’ इस बयान की आलोचना शुरू हुई तो भाजपा ने इससे पल्ला झाड़ लिया तो राम माधव ने भी खेद जताते हुए कहा कि उनका बयान दक्षिण एशिया की सांस्कृतिक एकता पर आधारित था. सवाल उठता है कि जिन देशों के राजनयिक संबंध भी बेहद तनावपूर्ण हालत में हैं, उनके एकीकरण के विचार में कितना दम है?

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