मणिपुर में इनर लाइन परमिट विवाद

ILP - WEBइनर लाइन परमिट (आईएलपी) को लेकर हंगामा क्यों?

मणिपुर में इनर लाइन परमिट को लेकर पिछले दो महीने से चला आ रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य में बाहरी लोगों की आबादी के लगातार बढ़ने से स्थानीय आबादी असुरक्षित महसूस कर रही है. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि इनकी आबादी राज्य की बहुसंख्यक आबादी मेइतेई के आसपास पहुंच चुकी है. मणिपुर में मेइतेई की आबादी सबसे ज्यादा 7.51 लाख के करीब है जबकि बाहरी लोगों की आबादी की जनसंख्या 7.04 लाख पहुंच चुकी है. इस आबादी को नियंत्रित करने के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) का प्रस्ताव 13 जुलाई 2012 को विधानसभा में लाया गया था. मुख्यमंत्री ने इस बारे में केंद्र सरकार को अगस्त 2012 में लिखा था लेकिन तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री ने यह कहते हुए इस मांग को ठुकरा दिया था कि आईएलपी को मणिपुर में लागू नहीं किया जा सकता.

क्या है आईएलपी?

इनर लाइन परमिट एक विशेष पास है, जो अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम में प्रवेश करने के लिए भारतीय नागरिकों के लिए जरूरी होता है. आईएलपी बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर विनियम, 1873 के अंतर्गत जारी किया जाता है. ब्रिटिश शासन में ही इसे लागू किया गया था. आईएलपी एक निश्चित समय का यात्रा दस्तावेज है, जो भारत सरकार की ओर से देश के कुछ संरक्षित राज्यों में आने-जाने के लिए नागरिकाें को जारी किया जाता है. इसके जरिये सरकार अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे राज्यों में बाहरी लोगों की आवाजाही नियमित करती है. मणिपुर में भी इसे लागू किया गया था, लेकिन 1950 में इसे खत्म कर दिया गया. अब राज्य में बाहरियों की बढ़ती आबादी के चलते वहां के लोग इसे फिर से लागू करने के लिए आंदोलनरत हैं.

क्या है वर्तमान हालात?

31 अगस्त को दक्षिण मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में एक बार फिर हिंसा भड़्क उठी. इस शहर में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के अलावा पांच विधायकों के घर जला दिए गए. लोग मणिपुर विधानसभा में आईएलपी से जुड़े तीन विधेयकों के पास होने से आक्रोशित हैं. इससे पहले एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में एक छात्र की मौत के बाद राज्य के कुछ इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी. आईएलपी को लागू करवाने की मांग पर मणिपुर में एक गैर-सरकारी संगठन ‘फ्रैंड्स’ सहित कुछ महिला व छात्र संगठन लामबंद हो चुके हैं. राज्य में प्रदर्शन और भूख हड़ताल का दौर जारी है. हजारों की संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं भी इन प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

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