पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी नेताओं ने शरीफ की बातचीत की पेशकश नामंजूर कर दी है. गौरतलब है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता इमरान खान और अवामी तहरीक के नेता ताहिर उल-कादरी अपने हजारों समर्थकों के साथ सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. कादरी ने सरकार पर गरीब विरोधी नीतियों और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है तो इमरान पिछले साल के आम चुनाव में धांधली के आरोपों को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. .उन्होंने शरीफ को इस्तीफा देने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. इमरान की पार्टी ने यह भी फैसला किया है कि उसके सभी सांसद और तीन राज्यों के विधायक इस्तीफा दे देंगे. इससे पहले शरीफ ने कहा था कि वे प्रदर्शनकारी नेताओं की सभी संवैधानिक और जायज मांगों पर बातचीत को तैयार हैं. इमरान की पार्टी ने जहां बातचीत के लिए प्रतिनिधि तय करने पर कोई जवाब नहीं दिया वहीं, कादरी ने शरीफ की पेशकश सिरे से खारिज कर दी.
जाहिर है, पाकिस्तान की सरकार इससे चिंता में पड़ गई है. गृह मंत्री चौधरी निसार ने बयान दिया है कि इन प्रदर्शनों से देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि इन नेताओं को सड़क की बजाय संसद का रास्ता चुनना चाहिए. शरीफ सरकार के खिलाफ पिछले पांच दिन से धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं. उधर, पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि वह इस स्थिति में हस्तक्षेप नहीं करेगा और देश में जारी राजनीतिक संकट का समाधान सरकार को ही करना चाहिए.