मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार के फिर से गठन को लेकर लग रही तमाम अटकलों के बीच भाजपा ने कहा है कि पिछले 8-9 महीने से जिस व्यवस्था के तहत सरकार चल रही थी, भाजपा उसी के साथ आगे बढ़ना चाहेगी. यानी अगर पीडीपी महबूबा मुफ्ती को विधायक दल का नेता चुनती है तो भाजपा उनका समर्थन करेगी.
भाजपा ने राज्य में किसी भी नए या पुराने गठबंधन की सरकार बनाने की कोशिशों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद उनका परिवार शोक में था, इसलिए कोई भी राजनीतिक चर्चा हुई ही नहीं है. आगे जो भी होना है, उसकी शुरुआत पीडीपी को करनी है. भाजपा पीडीपी की पहलकदमी का इंतजार कर रही है.
भाजपा महासचिव राम माधव ने सोमवार सुबह ‘तहलका’ को बताया बताया, ‘मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद भाजपा समेत सभी दलों के नेता पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से मिलने जरूर गए, लेकिन ये मुलाकातें संभवत: शोक संवेदना व्यक्त करने के क्रम में थीं.’ कांग्रेस के साथ मिलकर पीडीपी के सरकार बनाने की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक किसी तरह की राजनीतिक चर्चा की शुरुआत नहीं हुई है. फिलहाल राज्य में राज्यपाल शासन है. राम माधव ने बताया, ‘सरकार के गठन को लेकर प्रक्रिया आज से शुरू होगी, जिसके अंजाम तक पहुंचने में एक दिन भी लग सकता है या एक सप्ताह, इस बारे में अभी ठीक-ठीक कुछ कहा नहीं जा सकता.’
रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा नेता नितिन गडकरी ने महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की थी. इस मुलाकात को राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है, क्योंकि अब तक न तो पीडीपी की तरफ से विधायक दल का नेता चुना गया है, न ही भाजपा ने महबूबा को औपचारिक रूप से समर्थन दिया है. खबरें हैं कि भाजपा और पीडीपी में सरकार बनाने को लेकर जबरदस्त सौदेबाजी चल रही है.
सोनिया गांधी की महबूबा से मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 1999 में पीडीपी के गठन के पहले तक मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा मुफ्ती कांग्रेस में ही थे. इसके अलावा 2002 से लेकर 2008 तक पीडीपी और कांग्रेस मिलकर सत्ता में रह चुकी हैं. हालांकि, भाजपा और कांग्रेस दोनों की ओर से इन मुलाकातों को शोक संवेदना के क्रम में हुई मुलाकात बता जा रहा है.
पीडीपी के साथ गठबंधन में अहम भूमिका निभाने वाले भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा, ‘पीडीपी के साथ हमने एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सरकार बनाई थी. अगर पीडीपी उसी व्यवस्था पर आगे बढ़ना चाहती है तो हम भी उसी पर आगे बढ़ना चाहेंगे. राज्य के हित में यही होगा कि वह व्यवस्था जारी रहे. हालांकि, अब तक किसी भी तरह की बातचीत शुरू नहीं हुई है. मीडिया में जो खबरें छप रही हैं, वे सिर्फ अफवाह हैं. सोनिया गांधी के साथ महबूबा की क्या बात हुई, इस बारे में हम कुछ कह नहीं सकते. मेरे ख्याल से अन्य नेताओं की तरह सोनिया गांधी भी शोक संवेदना व्यक्त करने गई थीं, जो कि स्वाभाविक है.’