हिंसा से जूझते लीबिया में फंसी 44 भारतीय नर्सें भारत लौट आई हैं. वहां के अलग-अलग अस्पतालों में काम कर रहीं इन नर्सों को पहले ट्यूनीशिया से बस के रास्ते दुबई लाया गया और फिर वहां से हवाई जहाज द्वारा कोच्चि. केरल सरकार कोच्चि से आगे की यात्रा के लिए हर नर्स को दो हज़ार रुपए देगी. कुल 58 भारतीय नर्सें त्रिपोली से ट्यूनीशिया पहुँची थीं जिनमें से 44 नर्सों का पहला दल स्वदेश पहुंच गया. इस बीच 43 नर्सों का एक और दल सोमवार को ट्यूनीशिया की सीमा पर पहुंच गया है. केरल के मुख्यमंत्री ओमेन चांडी ने एक अगस्त को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने लीबिया में फंसी भारतीय नर्सों की स्वदेश वापसी का इंतजाम करने का अनुरोध किया था. 2011 में कर्नल मोअम्मर गद्दाफ़ी को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से लीबिया में हिंसा और अस्थिरता का दौर जारी है. अलग-अलग इलाकों में स्थानीय लड़ाकों ने सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल रखा है. त्रिपोली में भी सरकारी सुरक्षा बलों और लड़ाकों में लड़ाई जारी है. वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए 2011 में भी भारत सरकार ने एक विशेष अभियान चलाया था.