देश-भर में गर्मी और लू से जीना मुहाल हो गया है. अब तक 2200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों पर गर्मी का ये कहर आगे भी जारी रहने की उम्मीद है. सबसे ज्यादा मार आंध्र प्रदेश और नए राज्य तेलंगाना पर पड़ी है.
आंध्र प्रदेश की बात करें तो इसके विभिन्न जिलों में अब तक तकरीबन 1636 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा गुंटूर जिले में 233, पूर्वी गोदावरी में 192, विशाखापत्तनम में 185, विजयानगरम में 177, नेल्लोर में 163, कृष्णा में 78, चित्तूर में 64, श्रीकाकुलम में 60, अनंतपुर में 56, कडप्पा में 38, कुड़नुल में 34 और पश्चिम गोदावरी में 23 लोगों की मौत हुई है. वहीं तेलंगाना में 541 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें सबसे ज्यादा नालगोंडा जिले में 139, करीमनगर में 120, खम्मम में 95 और महबूब नगर में 42 लोगों की मौत हो चुकी है. ओडिशा में अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में भी लोगों की मौत होने की सूचना है.
जानलेवा गर्मी के चार साल
आंकड़ों के आधार पर देखा जाए तो अब तक चार ऐसे वर्ष रहे जब गर्मी जानलेवा साबित हुई. गर्मी से सबसे अधिक मौत वर्ष 1998 में हुई. उस साल 2541 लोगों की मौत हुई थी. उसके बाद वर्ष 2015 की बारी आती है. इस वर्ष अब तक 2200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 2003 में 1210 और 2002 में 1030 लोगों की मौत हुई थी.