अरुणा शानबाग के गुनहगार ने गांव छोड़ा!

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42 साल अचेतावस्‍था में बिताने के बाद बलात्कार की शिकार अरुणा शानबाग की पिछले दिनों मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) हॉस्‍पिटल में मौत हो गई. उनकी मौत के बाद उनके गुनहगार सोहनलाल वा‌ल्मीकि के गांव छोड़ देने की सूचना है. पता चला है कि वह मध्य प्रदेश में अपने किसी रिश्तेदार के यहां रहने चला गया है. हालांकि खबर लिखे जाने तक इसकी पुष्‍टि नहीं हो सकी है.

सोहनलाल इन दिनों हापुड़ जिले के परपा गांव में रह रहा था. इसके अलावा एनटीपीसी में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करता था. मुंबई के एक दैनिक अखबार के मुताबिक सीआईएसएफ ने एनटीपीसी के लिए उसका एंट्रीपास जब्त कर लिया है. मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर सीआईएसएफ ने यह जानकारी दी है.

वार्ड नंबर चार अरुणा के नाम

इधर, सोमवार को केईएम अस्पताल में दिवंगत अरुणा शानबाग का 68वां जन्मदिवस मनाया गया. इस अवसर पर अस्पताल प्रबंधन ने वार्ड नंबर चार का नाम अरुणा के नाम करने का निर्णय किया है. इसी वार्ड में अरुणा ने अचेतावस्‍था के 42 साल गुजारे थे.