वरिष्ठ नागरिकों के लिए चलाई जा रही तमाम योजनाओं के बावजूद गांव में रहने वाले बुजुर्गों की हालत खराब है. बुजुर्गों पर आई सरकार की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश के ग्रामीण इलाकों में मौजूद कुल बुजुर्गों में करीब 66 फीसदी ऐसे हैं जो अब भी दिहाड़ी पर अपना जीवनयापन कर रहे है. इसी तरह आजीविका कमाने को मजबूर बुजुर्ग महिलाओं की संख्या एक चौथाई से कुछ अधिक है. गांवों में करीब 28 फीसदी बुजुर्ग महिलाओं को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, गांव में मेहनत-मजदूरी करके जीवन-यापन करने वाली बुजुर्ग महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके अनुसार 2001 में ग्रामीण भारत में रोजी-रोटी कमाने वाली महिला बुजुर्गों की संख्या 24.9 फीसदी थी, जो 2011 आते-आते बढ़कर 28.4 फीसदी हो गई. वहीं 2001 में पुरुष बुजर्गों में 65.6 फीसदी अपनी रोजी-रोटी कमा रहे थे जो 2011 में बढ़कर 66 फीसदी हो गए.