भारत सरकार अपने उपक्रम कोल इंडिया (सीआईएल) में 10 फीसदी हिस्सेदारी 358 रुपये प्रति शेयर के भाव से बेचने का फैसला किया है. यह इसके आज के बंद भाव से पांच फीसदी कम है. इस बिक्री में 20 फीसदी हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए सुरक्षित रखा गया है, जिन्हें तय भाव पर पांच फीसदी की छूट दी गई है. सरकार को इस बिक्री से तकरीबन 22,000 करोड़ रुपये हासिल होने की उम्मीद है.
सरकार ने इस साल सरकारी कंपनियों में हिस्सा बेचकर 43,425 करोड़ रुपए हासिल करने का लक्ष्य रखा है और अकेले सीआईएल के शेयर की बिक्री से ही केन्द्र सरकार को इसका आधा लक्ष्य पाने में कामयाबी मिल जाएगी. वर्तमान में सीआईएल में सरकार की हिस्सेदारी 89.25 फीसदी है, जो बिक्री के बाद घटकर 79.25 फीसदी रह जाएगी.
वित्तीय घाटे को कम करने के लिए कंपनियों में हिस्सेदारी की बिक्री की फेहरिस्त में सीआईएल के बाद अगला नाम ओएनजीसी है, जिससे सरकार तकरीबन 15000 करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद कर रही है.