भारत और ईरान के बीच रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह को विकसित करने को लेकर समझौता हो गया है. भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की रेल कंपनी इरकॉन ईरान के चाबहार बंदरगाह से अफगानिस्तान तक 500 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाएगी जिस पर 1.6 अरब डॉलर की लागत आने का अनुमान है. यह रेल लाइन ईरान के दक्षिणी तटीय इलाके से अफगानिस्तान के जाहेदान तक बिछाई जाएगी. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली ईरान यात्रा के दौरान इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. भारत-ईरान के बीच यह करार ईरान के दक्षिणी तट पर चाबहार बंदरगाह के पहले चरण के विकास के बारे में है. इसे भारत के साथ एक संयुक्त उद्यम के जरिए विकसित किया जाएगा. इसमें चाबहार बंदरगाह के दो टर्मिनलों और पांच गोदी का 10 साल तक विकास एवं संचालन किया जाएगा. इसके लिए एक्जिम बैंक और ईरान के पोर्ट्स एेंड मैरीटाइम आॅर्गेइजेशन के बीच 15 करोड़ डॉलर के ऋण के लिए एमओयू समझौता भी शामिल है. एक्जिम बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ ईरान के बीच एक स्वीकृति वक्तव्य पर भी हस्ताक्षर किए गए जिसमें स्टील रेलों के आयात और चाबहार बंदरगाह के क्रियान्वयन के लिए 3000 करोड़ रुपये तक की ऋण उपलब्धता के लिए स्वीकृति दी गई है. सार्वजनिक क्षेत्र की नाल्को ने चाबहार मुक्त व्यापार क्षेत्र में 5 लाख टन क्षमता का एल्युमीनियम स्मेल्टर लगाने की संभावना के लिए एमओयू पर दस्तखत किए हैं.