कालेधन के सौदागर

2,000 के नोट बदलवाने के लिए सक्रिय हुए दलाल

जैसे ही आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की, कमीशन के बदले 2,000 रुपये के नोट अन्य छोटे नोटों से बदलने वाले नोट माफ़िया (दलाल) भी बाहर निकल आये। ‘तहलका एसआईटी’ ने अपनी इस जाँच रिपोर्ट में ख़ुलासा किया है कि किस तरह इस धंधे में कथित तौर पर कुछ भ्रष्ट बैंक कर्मचारियों की भी मिलीभगत रहती है। तहलका एसआईटी की रिपोर्ट :-

‘आरबीआई के बैंकिंग प्रणाली से उच्च मूल्य वाले बैंक नोटों को वापस लेने के फ़ैसले की घोषणा के 24 घंटे के भीतर मैंने कम मूल्य के नोटों से दो करोड़ रुपये के 2,000 रुपये मूल्य के नोटों का आदान-प्रदान किया। नि:संदेह यह सब काला धन था। इस दौरान मैं ऐसे लोगों से मिला हूँ, जिनके कमरे अवैध नक़दी से भरे हुए थे; सभी 2,000 रुपये के नोटों से। मुझ पर विश्वास करें, मैं आपके 2,000 रुपये के 10 लाख रुपये क़ीमत के नोटों को उसी दिन अन्य मूल्यवर्ग के नोटों से बदलवा दूँगा। लेकिन आपको मुझे कमीशन के रूप में 15 फ़ीसदी अदा करना होगा।’ दरअसल यह सुरेंद्र भाटी है; जो नक़दी माफ़िया (दलालों) का एक सदस्य है। यह आरबीआई के 2,000 रुपये के नोट प्रचलन से वापस लेने के फ़ैसले के बाद सक्रिय हो गया है।

ट्रांसपोर्ट का कारोबार करने वाले ग्रेटर नोएडा निवासी सुरेंद्र भाटी ने ‘तहलका’ को बताया कि 2016 में नोटबंदी के दौरान भी उसने लोगों को बंद किये गये नोटों से निजात दिलाने में मदद की थी। अब यह दूसरी बार है, जब नक़दी माफ़िया फिर सक्रिय हो गये हैं। बता दें कि 2016 में नोटबंदी के बाद भी सीबीआई और ईडी ने बंद की गयी करेंसी को अवैध तरीक़े से बदलने के आरोप में कुछ बैंक अधिकारियों समेत कई लोगों को गिरफ़्तार किया था। अघोषित धन रखने वाले लोगों को उनके उच्च मूल्य वाले करेंसी नोटों से छुटकारा दिलाने में सहायता करने के अवैध कारोबार में शामिल व्यक्ति के लिए सुरेंद्र भाटी एक बहुत ही साधारण दिखने वाला व्यक्ति लगता है।

मुद्रा विनिमय के लिए उसके पास आने वाले लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए भाटी उनके साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करता है। अपनी पहचान के बारे में किसी भी तरह की ग़लतफ़हमी को दूर करने के लिए भाटी ‘तहलका’ के रिपोर्टर को आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईकार्ड और अपना ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान दस्तावेज़ भी दिखाता है। यहाँ तक कि वह ग्राहकों को ग्रेटर नोएडा में अपने घर आने और अपने माता-पिता से मिलने के लिए भी प्रोत्साहित करता है। यह सब उन लोगों की किसी भी आशंका को दूर करने के लिए है, जो उसे बड़ी मात्रा में बंद हो चुकी करेंसी सौंपेंगे। वह ग्राहकों से कहता है कि चूँकि वह एक साधारण व्यक्ति है और उसे अपने परिवार का भरण-पोषण करना है। लिहाज़ा वह कभी भी उनकी नक़दी लेकर भाग नहीं सकता।

भाटी के पास लोगों का एक ग्रुप है, जो उसके लिए काम करता है। उसके दो सहयोगी- राजेश कुमार और हरीश ऐसे ग्राहक लाते हैं, जो अपने 2,000 रुपये के नोटों को कम मूल्य वाली मुद्रा से बदलने पर पाँच फ़ीसदी कमीशन देने को तैयार हैं।

‘तहलका एसआईटी’ ने यह जाँच तब की, जब आरबीआई ने अपनी ‘स्वच्छ नोट नीति’ के अनुसरण में प्रचलन से 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को वापस लेने का फ़ैसला किया, और जनता को सलाह दी कि वे इस मूल्य के नोटों को अपने बैंक खाते में जमा करें या 23 मई और 30 सितंबर, 2023 के बीच की अवधि में उन्हें अन्य मूल्यवर्ग के नोटों से बदल लें।

जाँच के दौरान हमारी पहली मुलाक़ात राजेश कुमार से हुई, जो लोगों से वादा करता है कि वह कुछ ही समय में उनके 2,000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के नोटों से बदल देगा। हमने राजेश को एक काल्पनिक सौदा दिया कि हमारे पास 10 लाख रुपये नक़द हैं, जिसमें केवल 2,000 रुपये के नोट हैं; और हम उन्हें अन्य मूल्यवर्ग के नोटों में बदलना चाहते हैं।

रिपोर्टर : अच्छा, 10 लाख से अगर ज़्यादा हों 2,000 के नोट?

राजेश : 30 करोड़ तक कह दिये हैं मैंने।

रिपोर्टर : हैं?

राजेश : अगले बंदे को मैंने कहा है, अगर 30 करोड़ तक आ जाए, तो क्या उसको चेंज करेगा? …कहता है- हाँ, कर दूँगा।

रिपोर्टर : 2,000 के 30 करोड़?

राजेश : हाँ, वो ही कहा है मैंने; बस उसमें समय लगता है। मैंने उसको कह दिया है एक महीने तक का समय दे दूँगा, वो कह रहा था- एक मंथ तो नहीं, वहाँ जाकर ही पता चलेगा कितना टाइम लगेगा; …मैंने कहा- ठीक है।

राजेश के 32 करोड़ रुपये के सौदे के प्रस्ताव को एक तरफ़ रखते हुए हमने उससे पूछा कि क्या वह 2,000 रुपये के नोटों में हमारी 10 लाख रुपये की नक़दी को बैंक से बदलवा सकता है? राजेश ने हमें भरोसा दिलाया कि वह यह काम कर देगा। उसने कहा कि बदले गये पैसे को हमारे बैंक खाते में स्थानांतरित किया जा सकता है या सावधि जमा (एफडी) में रखा जा सकता है, या नक़द में भी दिया जा सकता है।

रिपोर्टर : ये बताओ 2,000 के नोट बंद हो गये हैं। 30 सितंबर तक बदले जा सकते हैं; …तो 2,000 के नोट पड़े हैं, किसी के पास, …10 लाख, बदलवा दो?

राजेश : हो जाएगा, …कैसे बदलवाओगे?

रिपोर्टर : आप बताओ?

राजेश : देखिए, 24 घंटे का टाइम चाहिए कम-से-कम, दो दिन लग जाते हैं। …उसके बाद अकाउंट में डाले जाएँगे या फिर एफडी किया जाएगा या कैश दिया जाएगा।

जब राजेश से पूछा गया कि हमारे 2,000 रुपये के नोट कैसे बदले जाएँगे? तो उसने कहा कि वह 5-5 लाख रुपये की दो क़िस्तों में 10 लाख रुपये नक़द लेगा। नक़दी सौंपने के दो दिन बाद हम अपना पैसा अपने खाते में या एफडी के माध्यम से या कम मूल्य वाले नोटों की नक़दी में वापस पा सकते हैं।

रिपोर्टर : राजेश भाई! काम कैसा होगा, मुझे तरीक़े से बताओ?

राजेश : काम ऐसे होगा, …आपको पहले आपके 5 लाख रुपये जाएँगे।

रिपोर्टर : अच्छा, 5 पहले जाएँगे…5 बाद में? …टोटल 10 लाख हैं उनके पास।

राजेश : जी हाँ; …हो सकता है 10 लाख एक साथ भी चले जाएँ।

रिपोर्टर : 10 लाख एक ही बार में बदल जाएँ?

राजेश : हाँ, मगर उसमें लगेगा आपको 2 दिन का टाइम।

रिपोर्टर : ठीक है।

राजेश : 2 दिन के बाद आप एफडी कहोगे, तो एफडी; या पैसा कहो, तो पैसा; …जैसा आप कहो।

रिपोर्टर : कैश दिलवा दो?

राजेश : ठीक है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उसने पहले 2,000 रुपये के नोट बदले हैं? राजेश ने कहा कि वह नोट एक्सचेंज के इस व्यवसाय में सीधे तौर पर शामिल नहीं है। लेकिन उसके एक दोस्त, जिसने एक बैंक मैनेजर के साथ गठजोड़ किया है, वापस लिये गये नोटों को बदलने का प्रबन्ध करता है।

रिपोर्टर : देखो, पहले ये बताओ… तुमने कराया है अभी तक?

राजेश : मैंने नहीं कराया, …मेरा एक दोस्त है, उसने कराया है। उसका मैनेजर से डायरेक्ट कनेक्शन है।

रिपोर्टर : कौन-से बैंक से?

राजेश : अभी पता लगा लेता हूँ?

अपने दोस्त को फोन करने के बाद राजेश ने हमें बताया कि उसके दोस्त ने सलाह दी थी कि हमें पहले पूरे 10 लाख रुपये की जगह दो लाख रुपये ही बदलवाने चाहिए। उसने कहा, इससे भरोसा पैदा करने में मदद मिलेगी। बाक़ी 8 लाख रुपये पहले एक्सचेंज के कुछ दिन के भीतर बदलवाये जा सकते हैं।

रिपोर्टर : बताओ राजेश क्या कह रहे हैं?

राजेश : वो ये कह रहे हैं, पहले आपको देने पड़ेंगे 2 लाख, वो जमा कर देंगे हम, …आपको 24 घंटे में आ जाएँगे आपके पास ठीक है; …आपको भी विश्वास हो जाएगा, हमें भी।

रिपोर्टर : कैश आ जाएगा?

राजेश : 500 का कैश ले लो, अकाउंट में डलवा लो या एफडी करवा लो; …उसके हिसाब से फिर विश्वास भी हो जाएगा, …फिर जितना करवाना चाहो करवा लेना।

रिपोर्टर : अच्छा, जैसे 2 लाख हमारे हो गये, …बचे 8 लाख, वो कितने दिन में हो जाएँगे?

राजेश : वही है 2-3 डेज।

रिपोर्टर : हफ़्ता मान के चलो पूरा हो जाएगा?

राजेश : हाँ, एक्सचेंज एक हफ्ते तक हो जाएगा।

रिपोर्टर : किस बैंक से?

राजेश : वो अभी नहीं पता।

विश्वास की कोई कमी न रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए राजेश ने बताया कि वह हमें अपने दोस्त से मिलवाने जा रहा है। राजेश ने हमें सौदा फाइनल करने से पहले उसके तमाम पहचान प्रमाण जैसे आधार, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, उसका निवास प्रमाण-पत्र जाँच लेने के लिए कहा। उसने ज़ोर देकर कहा कि जिस व्यक्ति को आप अपनी नक़दी सौंपने जा रहे हैं, उसकी पहचान की जाँच करना सबसे महत्त्वपूर्ण है।

राजेश : वो कह रहे… मैं अपना आईडी दिखाऊँगा; घर मकान दिखाऊँगा; आधार दिखाऊँगा; गाड़ी जो चल रही है मेरी, उसका लाइसेंस दिखाऊँगा; और वो क्या कहते हैं… आरसी, …वो भी आपको चेक करवाऊँगा।

रिपोर्टर : मेरी आरसी?

राजेश : नहीं-नहीं; आपका तो माल है। वो अपना इसलिए दिखाएँगे, पता चले ये बंदा फ्रॉड है या नहीं, …वो कह रहा है, आप मेरे गाँव भी पहुँचना, मेरे घर वालों से और आसपास भी मेरे बारे में पूछो, के भैया ये यहीं रहता है या कहीं और?

रिपोर्टर : वो अपनी कह रहे हैं?

राजेश : हाँ, के भैया मैं फ्रॉड तो नहीं हूँ ना! वो अपनी कह रहे हैं।

रिपोर्टर : सही बात है भाई! हमारा तो पैसा जाएगा; आदमी पैसा लेकर भाग जाए…?

राजेश : आपने दिया इकट्ठा, …वो $गायब हो जाए…, क्या करोगे? कहाँ ढूँढोगे?

रिपोर्टर : 10 लाख लेकर भाग गया?

राजेश : अब स्पोज मैं ही हूँ; …मैंने आपसे ले लिया 2 लाख, और निकल लिया यहाँ से, मैंने तो कोई प्रूफ नहीं दिया न आपको।

रिपोर्टर : आप किराये पर रहते हो वैसे भी।

राजेश : हाँ, उसका तो घर-मकान सब कुछ है।

इसके बाद राजेश ने दोपहर क़रीब 1:00 बजे की अपने दोस्त सुरेंद्र भाटी से हमारी मुलाक़ात तय की। उसने हमें आश्वस्त किया कि नोट बदलने के इस व्यवसाय में शामिल व्यक्ति उसका दोस्त है और हमें किसी भी बात की चिन्ता करने की ज़रूरत नहीं है।

रिपोर्टर : हाँ राजेश! ये बताओ ये आ जाएँगे 1:00 बजे? तुम भी रहोगे मीटिंग में? काम हो जाएगा ये गारंटी है?

राजेश : गारंटी है, …अगला प्रूफ दे रहा है अपना।

रिपोर्टर : और इसने बदलवाये भी हैं?

राजेश : हाँ।

राजेश ने हमें बताया कि उसके पास एक और ग्राहक था, जो 2,000 रुपये के 5 लाख रुपये के नोट बदलवाना चाहता था।

राजेश : एक और बंदा है मेरा, …उसने भी चेंज करवाने हैं।

रिपोर्टर : कितने? 5 लाख हैं 2,000 के नोट, उसके भी बदलवाने हैं, बात हुई आपसे?

राजेश : हाँ, मेरी बात हुई है, उसने 2-3 दिन का टाइम दिया है।

रिपोर्टर : कहाँ का है वो?

राजेश : फ़िलहाल यहाँ का ही है।

राजेश ने अब हमें बताया कि वह इस काम के लिए कमीशन के रूप में 5 फ़ीसदी लेगा।

रिपोर्टर : तुम्हारा क्या होगा उसमें?

राजेश : देखो जी, मुझे भी कुछ चाहिए, आपसे मिलने आये हैं, …वो भी लेगा।

रिपोर्टर : कितना चाहिए?

राजेश : आपकी ख़ुशी से, आपकी ख़ुशी रहे।

रिपोर्टर : फिर भी आपने कुछ सोचा तो होगा ही भाई, मैं इतने लूँगा?

राजेश : सोचा तो मैंने ये था कि 5 परसेंट लूँगा

रिपोर्टर : जो भी टोटल अमाउंट होगा, उसका 5 परसेंट?

राजेश : जी, …बाक़ी आपके ऊपर है।

अब राजेश ने हमें अपने दोस्त सुरेंद्र भाटी से मिलवाया, जिसके बारे में वह हमसे बात कर रहा था। हमने सुरेंद्र भाटी को बताया कि हमारे पास 2,000 के नोटों की 10 लाख रुपये की नक़दी है और हम इसे अन्य मूल्य के नोटों से बदलना चाहते।

रिपोर्टर : हाँ, बताओ भाई सुरेंद्र भाटी!

भाटी : हाँ भाई, बताओ; …पहले तो आप ये बताओ कितना है?

रिपोर्टर : 10 लाख रुपीज, 2,000 के नोट हैं।

भाटी : बस?

भाटी ने हमें बताया कि हमें उसी दिन अपने 10 लाख के 2,000 रुपये के नोटों के बदले पैसे मिल जाएँगे। यह या तो हमारे बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जाएगा या नक़द में दिया जाएगा।

भाटी : सेम डे मिल जाएगा, …सेम डे दे देंगे हाँ-हाँ।

रिपोर्टर : सेम डे 10 लाख रुपीज, 2,000 के नोट?

भाटी : सेम डे हाँ-हाँ; …अकाउंट में डाल देंगे, …और बताओ?

रिपोर्टर : बहुत अच्छी बात है ये तो; …मतलब हमारे अकाउंट में डायरेक्ट या कैश दोगे?

भाटी : अगर आप कैश कहो, तो कैश भी दे देंगे।

रिपोर्टर : कैश भी मिल जाएगा?

भाटी : अगर कैश चाहिए तो कैश, …अकाउंट में कहोगे तो अकाउंट में डल जाएँगे।

रिपोर्टर : और नोट कौन-कौन से होंगे…, 500 के?

भाटी : हाँ, 500 के।

हालाँकि बाद में भाटी ने बताया कि यह सब बैंक में विशेष दिन पर 500 रुपये के नोटों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। यदि नोट उपलब्ध हैं, तो हमें उसी दिन हमारी बदली हुई राशि मिल जाएगी। अन्यथा बैंक मैनेजर हमें एक दिन इंतज़ार करने के लिए कहेगा।

रिपोर्टर : क्योंकि उनका है ब्लैक मनी?

भाटी : देखो, मैं आपको बताता हूँ, …अगर बैंक में हुआ 500 का नोट, तो सेम डे दे दूँगा उसे; …अगर एक परसेंट बैंक मैनेजर बोला कि आपको कल दूँगा, तो मैं आपको दूसरे दिन दूँगा।

रिपोर्टर : कोई बात नहीं।

हमने भाटी को बताया कि आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट एक बार में बदलने की सीमा 20,000 रुपये तय की है। इस पर भाटी ने कहा कि चूँकि उनका एक सरकारी बैंक के मैनेजर के साथ गठजोड़ है, इसलिए हमें बदले जाने वाले पैसे की चिन्ता नहीं करनी चाहिए।

रिपोर्टर : क्यूँकि लिमिट जो है एक दिन की नोट बदलने की, 20,000 है। …उनको आ रही थी दि$क्क़त।

भाटी : यहाँ तो भाई बैंक मैनेजर से वास्ता है; …ऐसा नहीं है कि उससे बात करनी है, उससे बात करनी; …यहाँ तो भैया काम ही है। …पहले अपना जो काम पर्सनल, …जो काम, उसके बाद ये ही है।

रिपोर्टर : बैंक जान सकता हूँ सर! …ब्रांच नहीं पूछ रहा?

भाटी : ङ्गङ्गङ्गङ्गङ्ग बैंक।

रिपोर्टर : सरकारी बैंक है?

भाटी : हाँ, भाई! कोई दिक्क़त नहीं है।

जब हमने बदले में दिये जाने वाले 10 लाख रुपये की नक़दी पर अपनी चिन्ता जतायी, तो भाटी ने हमारे डर को दूर करने के लिए सौदे पर जाने से पहले हमें उसके ठिकाने की जाँच करने के लिए कहा। उसने सुझाव दिया कि हमें उसका घर देखना चाहिए। उसके माता-पिता से मिलना चाहिए। जाँचना चाहिए कि वह दिये गये पते पर रहता है या नहीं। फिर उसने हमारा विश्वास जीतने के लिए अपने सभी पहचान प्रमाण पत्र, जैसे- आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आई कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि दिखाये।

रिपोर्टर : भाटी जी! ये बताओ, …पैसे की क्या गारंटी है? पैसा सेफ है हमारा 10 लाख रुपीज?

भाटी : बड़े भाई, …पहले तो ये है…आप पहले मेरा घर देख लो, 10 लोगों से पहले ये पहचान करो के, पता करो ये इसी का घर है या किराये का? …घर जाकर आपको ये भी पता पड़ जाएगा के ये सुरेंद्र के माता पिता हैं या नहीं हैं।

रिपोर्टर : देखो जी, राजेश जी के थ्रू मिले हो आप, तो हमें तो पूरा भरोसा है।

भाटी : पहचान पत्र (पैन कार्ड बढ़ाते हुए)…।

रिपोर्टर : पैन कार्ड है ये तो आपका?

भाटी : पैन कार्ड, आधार कार्ड, पहचान पत्र…।

रिपोर्टर : अरे, इतना मत दिखाओ; आधार कार्ड ही बहुत है।

भाटी : ये लाइसेंस (लाइसेंस दिखाते हुए)…।

रिपोर्टर : अच्छा गाड़ी भी है, …सारे डॉक्युमेंट्स दे दिये आपने?

भाटी ने ‘तहलका’ रिपोर्टर को बताया कि उसने हाल ही में 2,000 रुपये के नोट के 2 करोड़ रुपये की रक़म बदली है। उसने आगे दावा किया कि उसने इन दिनों कुछ घरों में 2,000 रुपये के नोटों के रूप में अवैध नक़दी से भरे कमरे देखे थे।

रिपोर्टर : और अभी 2,000 के नोट चेंज करवा चुके हो आप इसी 2023 में?

भाटी : अभी 23 में अभी भी करवाये हैं।

रिपोर्टर : कितने?

भाटी : 2 करोड़।

रिपोर्टर : 2,000 के नोट आपने अभी चेंज करवाये हैं, …23 में?

भाटी : क्यूँकि जिस दिन बंद हुए थे ना!

रिपोर्टर : 23 मई, 2023 को बंद हुए थे ये; …आज क्या है, आज है 3 जून, 2023…।

भाटी : भाई! मैं आपसे क्या कह रहा हूँ आपके पास 10 पैसे हैं।

रिपोर्टर : 10 लाख…।

भाटी : भाई! मैं आपसे कह रहा हूँ कि आपके पास कुछ नहीं है; …मैंने ऐसे-ऐसे लोग देख रखे हैं, जिनके कमरे-के-कमरे भरे पड़े हैं।

रिपोर्टर : 2,000 के नोट के?

भाटी : हाँ।

भाटी ने दावा किया कि वह एक दिन में 2,000 रुपये के नोटों के 2 करोड़ रुपये तक मुद्रा विनिमय (नोट बदली) का इंतज़ाम भी कर सकता है। यह बैंक में नक़दी की उपलब्धता पर निर्भर करता है।

रिपोर्टर : तो कितना तक बदल जाएगा, ये तो मैंने 10 लाख बताया; …आगे अगर नोट किसी के आते हैं, तो कितने तक का बदलवा दोगे आप बैंक से? …सेम डे?

भाटी : दो करोड़, …24 घंटे में; आज सुबह आप 10 बजे पैसे दे दो, …कल सुबह बैंक खुलते ही पैसे दे दूँगा।

रिपोर्टर : 2 करोड़?

भाटी : हाँ। …क्यूँकि जो बैंक मैनेजर ऑर्डर करता है, वो आगे के लिए करता है…कि मुझे इतना कैश चाहिए; …ठीक है ना! …अगर आप ये कहो कि मुझे साथ-के-साथ ही चाहिए, …अगर बैंक में इतना कैश है, तो कैश मिल सकता है। …अगर बैंक में कैश नहीं है, तो कैश नहीं मिल सकता। …क्यूँकि आगे के लिए बैंक मैनेजर को ऑर्डर देना पड़ता है…के आगे के लिए मुझे नोट चाहिए।

रिपोर्टर : मतलब आप 2 करोड़ तक के 2,000 के नोट बदलवा दोगे?

भाटी : हाँ।

अब भाटी बताता है कि वह अपनी सेवाओं के लिए कितना शुल्क लेगा। उसने नोट बदलने के लिए 15 फ़ीसदी कमीशन की माँग की। उसने दावा किया कि बैंक प्रबंधक, कैशियर और बैंक में नक़दी लाने वाली वैन के प्रभारी सहित सभी यह पैसा साझा करेंगे।

भाटी : मैं बताऊँ भाई! इसमें कमीशन किसका होता है? …बैंक मैनेजर का होता है, कैशियर का होता है, …और जो गाड़ी जो लेकर आती है उसका भी होता है।

रिपोर्टर : गाड़ी जो बैंक में पैसा लाती है, …वो क्यूँ लेता है भाई?

भाटी : वो इसलिए लेता है, क्यूँकि बैंक की कोई शाखा तो है नहीं, कोई यहाँ है, कोई वहाँ; …वो कहता हुआ आता है कि आज आपका कैश इतना ही हो पाएगा, …तो वो इसलिए लेता है।

रिपोर्टर : अच्छा 15 परसेंट में सबको बँटेगा?

भाटी : हाँ भाई! सबको बँटेगा।

रिपोर्टर : इसमें आपका, मैनेजर का कितना होगा?

भाटी : भाई! मैं मैनेजर को कितना दूँगा, इस चीज़ पर मत जाओ यार!

रिपोर्टर : अच्छा, आपको 15 परसेंट चाहिए, …15 परसेंट कितना हो गया हमारा?

भाटी : आप ही हिसाब लगा लो, पढ़े-लिखे हो।

रिपोर्टर : हैं, …1.50 लाख हो गया, तो ये डेढ़ लाख आपको एडवांस चाहिए होगा या काम होने के बाद?

भाटी : काम होने के बाद।

रिपोर्टर : इधर हम आपको 10 लाख देंगे, अगले दिन आप या सेम डे आप हमको कैश दे दोगे 10 लाख का?

भाटी : हाँ।

रिपोर्टर : 500 के नोट, …500 के नोट नहीं हुए तो आप कह रहे हो अगले दिन हो जाएँगे?

भाटी : हाँ।

रिपोर्टर : अगले दिन भी जो मिलेगा, वो 500 के नोट ही होंगे न?

भाटी : हाँ, 500 का ही मिलेगा।

रिपोर्टर : इससे नीचे का तो नहीं मिलेगा?

भाटी : नहीं।

भाटी ने हमें बताया कि हमें बाद में उसके बताये स्थान पर बदली गयी नक़दी को लेने जाना होगा। लेकिन एक चेतावनी थी; जब हम पैसे लेकर वह स्थान छोड़ देंगे, तो वह नक़दी से जुड़ी किसी भी चीज़ के लिए ज़िम्मेदार नहीं होगा।

रिपोर्टर : अच्छा, जो आप हमको 10 लाख कैश दोगे, वो हम कहाँ से कलेक्ट करेंगे? …बैंक से?

भाटी : मैं दूँगा।

रिपोर्टर : घर से, या कहाँ से?

भाटी : मैं आपको अपनी लोकेशन दे दूँगा, …के आपको यहाँ आना होगा, …आप आओ; …जब तक पैसे मेरे हाथ में हैं, पैसों को 10 बार गिनो, 10 बार गिनो, 10 बार, …पैसे मेरे हाथ से आपके पास जाएँगे, उसके बाद आप कहो- ये नोट असली है, नकली है, …उसकी मेरी कोई ज़िम्मेदारी नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि हमसे नक़दी कौन लेगा और उसे बदलने के लिए बैंक में कौन छोड़ेगा? भाटी ने कहा कि वह ख़ुद हमसे नक़दी लेगा और उसे बदलने के लिए बैंक में छोड़ेगा।

रिपोर्टर : अच्छा, कैश हमसे लेकर कौन जाएगा?

भाटी : भाई! मैं ही लेकर जाऊँगा, …और कौन लेकर जाएगा?

रिपोर्टर : या हम बैंक में पहुँचा दें?

भाटी : नहीं सर! नहीं, नहीं।

रिपोर्टर : बैंक में नहीं?

इस बीच भाटी ने हमें यह भी आश्वासन दिया कि जहाँ वह काम करता है, उस क्षेत्र में नक़दी ले जाते समय हमें पुलिस से किसी भी दिक्क़त का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालाँकि उसने यह साफ़ कर दिया कि वो जगह छोडऩे के बाद नक़दी को सुरक्षित रूप से ले जाने की ज़िम्मेदारी हमारी होगी।

भाटी : ऐसा है, मैं आपको बताता हूँ; सुनो, जैसे हम 5 लोग हैं। हम आपस में अपना ईमानदारी से काम कर रहे हैं, के हमारा काम होना चाहिए; …लेकिन हमें छठे बंदे की ये नहीं पता कि उसके मन में क्या है? …आप जानो मुझे, …अगले बंदे को मैं जानता हूँ। …इस बात की मुझे नहीं पता आप कैश कहाँ से लाये हो; …जो आपकी तरफ़ से पुलिस सिस्टम होगा, वो आप जानो, मुझ तक बात नहीं आनी चाहिए, जो मेरी होगी वो मैं जानू।

रिपोर्टर : यानी पुलिस और थाने की ज़िम्मेदारी आप ले रहे हो। …आप अपने इलाक़े की?

भाटी : हाँ।

रिपोर्टर : और हमारे एरिया की हमारी?

भाटी : हाँ आपकी।

सौदा बंद करने से पहले हमने एक बार फिर अपने पैसे की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। अपने तर्क को पुष्ट करने के लिए भाटी ने कहा कि 2016 में विमुद्रीकरण (नोटबंदी) के बाद भी जब लोगों ने प्रतिबंधित नोटों से छुटकारा पाने के लिए उनसे सम्पर्क किया था, तो उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि काम हो जाएगा; लेकिन उन्हें मुझ पर विश्वास करना होगा।

भाटी : भाई मैंने जिस टाइम नोटबन्दी हुई थी, उस टाइम मैंने 50-50 रुपये चेंज करवाये थे, 50-50…। हाँ; लेकिन उस समय भी मैंने ये कही कि आप मुझे जानते हो, दूसरे बंदे को नहीं जानते, आप पैसे मुझे दो, जिस दिन मैं टाइम दूँ, मेरे घर आओ, ले जाओ अपना पैसा, ले जाओ, ….मैं आपको नहीं जानता, न तुम मुझे जानते हो।

राजेश और सुरेंद्र के बाद अब ‘तहलका’ रिपोर्टर की मुलाक़ात पेशे से ड्राइवर हरीश से हुई। हरीश ने कहा कि उसका बॉस, जिसकी कार वह चलाता है; वह हमारे 10 लाख रुपये के 2,000 रुपये के नोटों को कम मूल्यवर्ग के नोटों में बदलने में हमारी मदद कर सकता है। उसने तुरन्त अपने बॉस को फोन किया। फोन रखने के बाद उसने हमें बताया कि सौदा हो सकता है, और उसका बॉस काम के बदले 5 फ़ीसदी कमीशन लेगा।

रिपोर्टर : किससे बात हुई आपकी?

हरीश : बॉस से।

रिपोर्टर : बॉस से, जिनकी गाड़ी चलती हो?

हरीश : मैंने सर से बात की थी।

रिपोर्टर : 2,000 के नोट, 10 लाख के, क्या बोले वो?

हरीश : बदलवा देंगे।

रिपोर्टर : कितने दिन में?

हरीश : एक दिन।

रिपोर्टर : वो कितना बता रहे हैं कमीशन?

हरीश : इतना ही बता रहे हैं, …5 परसेंट।

रिपोर्टर : 5 परसेंट?

साल 2016 के विमुद्रीकरण के बाद केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रतिबंधित मुद्रा को अवैध रूप से बदलने और धन शोधन में शामिल होने के लिए कुछ बैंक अधिकारियों सहित कई लोगों को गिरफ़्तार किया था। अब साल 2023 में विमुद्रीकरण के उस अभियान के छ: साल बाद, जब आरबीआई ने 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को प्रचलन से वापस लेने का फ़ैसला किया है, और लोगों को इन नोटों को अपने बैंक खातों में जमा करने के लिए 23 मई से 30 सितंबर तक क़रीब 4 महीने का वक़्त दिया है। या उन्हें इसके बदले कम मूल्य वाली मुद्रा लेने के लिए कहा है। मतलब नक़दी माफ़िया फिर धंधे में लौट आया है।

‘तहलका’ की जाँच में ऐसे तीन लोगों का ख़ुलासा होता है, जो लोगों को 2,000 रुपये के उच्च मूल्य वाले बैंक नोटों से छुटकारा दिलाने में मदद करने के लिए तैयार हैं; …वह भी एक या दो दिन में। उन्होंने अपने इस संदिग्ध काम के लिए 5 से 15 फ़ीसदी तक कमीशन की माँग की। हमने जाँच में पाया कि दलाल महज़ 24 घंटे में दो करोड़ रुपये तक नोट बदलने का वादा करते हैं। जबकि आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक, कोई एक बार में 2,000 मूल्य वाले बंद किये गये सि$र्फ 10 नोट ही बदल सकता है। दलालों का यह भी दावा है कि आरबीआई के 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा के बाद से अब तक वे पहले ही 2 करोड़ रुपये तक के उच्च मूल्य वाले नोटों को अन्य मूल्यवर्ग की मुद्रा में बदल चुके हैं।