देश की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल 622 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा चंदा (437.35 करोड़ रुपये) केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को मिला. उसके खाते में आई रकम चार राष्ट्रीय दलों कांग्रेस, राकांपा, भाकपा और माकपा को मिले कुल चंदे के दुगने से भी ज्यादा है. वहीं देश के छठे राष्ट्रीय दल बसपा को कोई चंदा ही नहीं मिला. सभी दलों द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए चंदे के ब्योरे से ये आंकड़े निकले हैं. गौरतलब है कि सभी राष्ट्रीय दलों को 20 हजार रुपये से ज्यादा मिले चंदे की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होती है. इसी के तहत भाजपा ने बताया है कि उसे 1,234वीं बार दान में कुल 437.35 करोड़ रुपये की रकम मिली. इनमें बड़े व्यावसायिक घराने और व्यक्तिगत दानदाता दोनों शामिल हैं. वहीं बसपा ने बताया है कि उसे 20 हजार रुपये से बड़ा कोई चंदा नहीं मिला. बसपा के साथ यह स्थिति पिछले 10 साल से है. इसके अलावा राकांपा ने घोषित किया है कि उसको 2013-14 में 14.02 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले थे. इसमें एक साल में 177 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 2014-15 में उसे 38.82 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले थे. वहीं भाजपा को पिछले वित्त वर्ष के 170.86 करोड़ रुपये के मुकाबले 437.35 करोड़ रुपये मिले. यानी भाजपा के चंदे की रकम में कुल 156 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.