माओवादियों से कथित सांठगांठ रखने के मामले में स्वामी अग्निवेश की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. अग्निवेश और माओवादी नेताओं के कुछ वीडियो पुलिस के हाथ लगे हैं. इसी को आधार बनाकर छत्तीसगढ़ पुलिस जल्द ही स्वामी अग्निवेश से माओवादियों से मेलजोल रखने के मुद्दे पर पूछताछ कर सकती है.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नारायणपुर पुलिस ने नौ अगस्त को नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को संचालित करने वाली महिला नक्सली सोनी उर्फ श्यामवती और उसकी सहयोगी जलदोई को गिरफ्तार किया है. सोनी ने पुलिस और स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो (एसआईबी) की पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं. श्यामवती से मिली जानकारी के आधार पर एसआईबी की टीम राजधानी के औद्योगिक क्षेत्र उरला, सिलतरा और भनपुरी की कई कंपनियों की जांच की तैयारी में है. पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, कांकेर, कोंडागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा के कई नक्सली कमांडर नाम और पहचान बदलकर औद्योगिक क्षेत्रों में शरण लिए हुए हैं.
पीएचक्यू सूत्रों के मुताबिक श्यामवती की गिरफ्तारी के वक्त एसआईबी के हाथ कई वीडियो भी लगे हैं. जिनमें स्वामी अग्निवेश महिला नक्सली श्यामवती के साथ नजर आ रहे हैं. अब इसे आधार बनाकर पुलिस आगे की कार्रवाई करने की तैयारी में है. खबर है कि सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश से पूछताछ की तैयारी चल रही है.
इस बारे में स्वामी अग्निवेश तहलका से बात करते हुए कहते हैं, ‘ मुझे अब तक छत्तीसगढ़ सरकार या पुलिस की तरफ से कोई पत्र नहीं मिला है. इसलिए इस विषय पर अनावश्यक बोलने की जरूरत मैं नहीं समझता.’
चेतना नाट्य मंडली की अध्यक्ष श्यामवती के खिलाफ नारायणपुर थाना छोटेडोंगर में चार मामले दर्ज हैं. नारायणपुर एसपी अमित तुकाराम कांबले का कहना है कि उसके खिलाफ एक स्थाई वारंट भी लबित है और श्यामवती पर राज्य सरकार ने एक लाख रुपए व कोंडागांव पुलिस ने दस हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था.
बताया जाता है कि आठवीं तक पढ़ी महिला नक्सली सोनी उर्फ श्यामवती स्कूल की पढ़ाई छोड़कर माओवादियों के साथ जुड़ गई थी. सन् 2000 में डौला दलम के महिला नक्सली कमांडर फूलवती ने उसे अपने संगठन में शामिल किया. 2000-04 तक वह डौला लोकल ऑपरेटिंग स्क्वैड (एलओएस) की सदस्य रही और 2004-09 तक कुदूर एलओएस की साथ.
पुलिस के मुताबिक नक्सली नेता श्यामवती ने जानकारी दी है कि वह लगातार और सीधे तौर पर सेंट्रल कमेटी के सचिव गणपति, भूपति, कोसा, राजू उर्फ गुडसे उसेंडी के संपर्क में रहती थी और उनके निर्देशों पर काम करती थी.
एडीजी नक्सल ऑपरेशन आरके विज जानकारी देते हैं, ‘गिरफ्तार दोनों महिला नक्सलियों पर सीआरपीएफ कैंप पर हमला, झाराघाटी पहाड़ी के पास सीआरपीएफ पार्टी पर हमला, नारायणपुर में पुलिस पार्टी पर हमला, विधानसभा चुनाव के दौरान हर्राकोडेर में पुलिस पार्टी पर हमला और मतदान पेटी लूटने के लिए फायरिंग करने के संगीन आरोप हैं. इन लोगों ने टेटम में सीआरपीएफ पार्टी पर भी हमला किया था.’