मनमोहन उवाच

 चक्र सुदर्शन

तेरा हुलसेगा हिया, कुर्सी पर तो बैठ,

हर प्रकार से राज पर, अब है अपनी पैठ.

अब है अपनी पैठ, देश ने मान लिया है,

बा तू सा है, सबने जान लिया है.

चक्र सुदर्शन, सब हैं कुर्सी को व्याकुल से,

आजा प्यारे! मनमोहन कहते राहुल से. 

 अशोक चक्रधर

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