खूबसूरत लड़कियां नहीं मिलतीं आसानी से होती हैं कई प्रतियोगिताएं मिस सिटी से मिस यूनिवर्स तक अब मिसेज भी होने लगी हैं इसके बावजूद नहीं मिलतीं उनके चेहरे पर लिपे होते हैं प्रायोजकों के लेप हर अंग पर लिपटी होती हैं आयोजकों की चिंदियां फिर भी नहीं होतीं वे खूबसूरत उनके चेहरे पर चमकता है बाजार अंतत: खारिज हो जाती हैं अगले साल खूबसूरत लड़कियां नहीं मिलती प्रतियोगिताओं से खूबसूरत लड़कियां जूझती हैं जीवन से उनके चेहरे पर चमकती हैं पसीने की बूंदें उनके दिल में होती है निश्छलता नहीं जानतीं वे बाजार भाव वे बिकाऊ नहीं होतीं राजू कुमार |
तैंतीस वर्षीय राजू, भोपाल में मीडिया जगत से जुड़े हैं.
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