दिल्ली की एक अदालत ने आज 2जी मामले में डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालू अम्मल को जमानत दे दी. दयालू, पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए राजा और कुछ अन्य लोगों पर इस मामले में काले धन से हेराफेरी के आरोप हैं.
सीबीआई की विशेष अदालत के जज ओपी सैनी ने 83 साल की दयालू को पांच लाख के निजी मुचलको को भरने के बाद जमानत दी. इससे पहले उन्होंने एक याचिका में अपने खराब स्वास्थ्य, मानसिक हालत और उम्र का हवाला देते हुए अदालत से खुद को आरोपमुक्त करने का आग्रह किया था. लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया.
इस मामले में राजा के साथ-साथ, करुणानिधि की बेटी व डीएमके की सांसद कनिमोरी और अन्य आरोपितों की जमानत पर फैसला भी आज ही आना है. प्रत्यावर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर इस केस में दस लोग और नौ फर्मों को आरोपित किया गया है. सीबीआई द्वारा अदालत में दाखिल किए गए आरोपपत्र के मुताबिक ये सभी आरोपित डीएमके के आधिपत्य वाले कलैनार टीवी को मिले 200 करोड़ रुपये के अवैध लेनदेन में शामिल थे और इस रकम के बदले डीबी ग्रुप ऑफ कंपनीज को 2जी स्प्रैक्ट्रम के लायसेंस मिले थे. दयालू की कलैनार टीवी में 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और कनिमोरी व शरद कुमार 20-20 प्रतिशत के हिस्सेदार हैं.
दयालू, राजा और कनिमोरी के अलावा ईडी ने इस मामले में स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर शाहिद बलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूट्स और वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के आसिफ बलवा व राजीव अग्रवाल और कलैनार टीवी के एमडी शरद कुमार, हिंदी फिल्मों के प्रोड्यूसर करीम मोरानी के साथ-साथ पी अमृतम को आरोपित बनाया है.
इन लोगों के अलावा इस मामले में स्वान टेलिकॉम प्राइवेट लिमिटेड, कुसेगांव रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड, सिनेयुग फिल्म्स मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, कलैनार प्राइवेट टीवी प्राइवेट लिमिटेड, डानामिक्स रियलिटी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कॉनवुड कंस्ट्रक्शंस एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, डीबी रियलिटी एंड निहार कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड पर भी आरोप हैं.