सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सरकार के सामने सड़कों पर पुराने वाहनों के चलन को घटाने और समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है जिसमें 20 साल से पुराने पैसेंजर वाहन और 15 साल से पुराने कमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने में लगने वाले फीस 25 गुना बढ़ा दी गई है ।
इस प्रस्ताव के मुताबिक कमर्शियल वाहनों के लिए योग्यता परीक्षण शुल्क 200 रूपय की जगह अब 25,000 रुपय तक ली जा सकती है। मिनी ट्रक और कार पर लगने वाला शुल्क वाहन के हिसाब से 15,000 रुपय से 25,000 रुपय तक लिया जाएगा।
दो-पहिया वाहन के रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने की फीस में भी बढ़ोतरी करने पर भी नीति बनाई जा रही है, जिसके अंतरगर्त मौजूदा 300 रुपय शुल्क को 2,000 रुपय से 3,000 रुपय तक बढ़ाया जा सकता है।
पैसेंजर वाहनों का रजिस्ट्रेशन 15 साल बाद रिन्यू कराना हेता है जिसके लिए अब 15,000 रुपय तक देना पड़ सकता है, फिलहाल यह शुल्क 600 रुपय है। आगे योग्यता का प्रमाण पत्र लेने के लिए मौजूदा शुल्क ही लगेगा और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
वाहन का रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराना अगले 5 साल तक मान्य होगा और इन पांच सालों के बाद वाहन को दोबारा रजिस्टर कराना अनिवार्य होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में पेश किये गये यूनियन बजट में सबसे बड़ी घोषणाओं में वाहन नष्ट करने की नीति भी शामिल है।
बजट सुनाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस नीति से नए वाहनों की खरीद को बढ़ावा मिलेगा जिसके बाद पर्यावरण में प्रदूषण और तेल के आयात दोनों में कटौती होगी।