केंद्र ने 2019 में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध बढ़ाया था, जिसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी। अब सर्वोच्च अदालत ने इसके खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है।
सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को आखिरी अवसर देते हुए कहा कि अब इसकी अगली सुनवाई पहली नवंबर को होगी। दिल्ली हाईकोर्ट के सुरेश कैट की अध्यक्षता वाली अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) ट्रिब्यूनल ने 2014 में सिमी पर प्रतिबंध को वर्ष 2019 तक बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले को सही ठहराया था। इसके बाद साल 2019 में केंद्र ने सिमी पर और पांच साल के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया था। इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
इससे पहले 2001 से लेकर अब तक ट्रिब्यूनल के जारी प्रतिबंध के समय-समय पर आदेश को सिमी ने सर्वोच्च न्यायालय में अलग से चुनौती दी हुई है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 2008 में ट्रिब्यूनल के उस फैसले को भी चुनौती दी गई है जिसमें सिमी पर प्रतिबंध हटा लिया गया था।
तब ट्रिब्यूनल ने कहा था कि अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट के तहत सिमी पर प्रतिबंध जारी रखने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। लेकिन अगले ही दिन सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रिब्यूनल के फैसले पर रोक लगा दी थी।