Homeसहज अर्थात अविस्मरणीयबाल ठाकरे: मैं तस्वीरें खींच ही रहा था कि अचानक उन्होंने मुझे रोका और कहा कि अब उनका वाइन पीने का वक्त हो गया है. मैंने कहा कि कोई बात नहीं, आप पहले यह काम कर लें. वे अपनी पसंदीदा कुर्सी पर बैठे थे जिसके पीछे बाघ और शिवाजी की तस्वीरें थीं. अब बाल ठाकरे अपनी रौ में थे. उन्होंने सिगार का कश लगाया और उसी पल मैंने यह तस्वीर खींच ली.
बाल ठाकरे: मैं तस्वीरें खींच ही रहा था कि अचानक उन्होंने मुझे रोका और कहा कि अब उनका वाइन पीने का वक्त हो गया है. मैंने कहा कि कोई बात नहीं, आप पहले यह काम कर लें. वे अपनी पसंदीदा कुर्सी पर बैठे थे जिसके पीछे बाघ और शिवाजी की तस्वीरें थीं. अब बाल ठाकरे अपनी रौ में थे. उन्होंने सिगार का कश लगाया और उसी पल मैंने यह तस्वीर खींच ली.