बुजुर्ग लोगों से हमेशा सुनने को मिलता है, शादी भगवान के हाथ में होती है। भगवान रिश्ता बनाकर भेजते हैं। किससे शादी होगी? भगवान पहले से तय कर देते हैं। हालाँकि भगवान तय करते हैं या नहीं, इसका प्रमाण तो नहीं है; लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया शादी कराने में अहम भूमिका निभा रहा है। देश में दूर-दराज़ से ही नहीं, विदेशों से भी रिश्ते जुड़ रहे।
सात समंदर पार कर विदेशी लड़कियाँ भारत के शहरों और छोटे-छोटे गाँवों तक में शादी के लिए आ रही हैं। देश के कई राज्यों के युवकों से विदेशी लड़कियों के शादी करने की ख़बरें सामने आती रहती हैं। आख़िर यह प्रचलन क्यों बढ़ रहा है? क्या कारण है कि विदेशी लड़कियों को भारतीय लडक़े भा रहे हैं? क्या देश में विदेशी लडक़ी से शादी के लिए नियम-क़ानून का पालन हो रहा है? क्या उन्हें सामाजिक मान्यता मिल रही है? ऐसे ही कई सवाल सरहद पार की लड़कियों से शादी को लेकर लोगों के ज़ेहन में उठते हैं।
विदेशी लड़कियों का भारतीय प्रेम
भारत, यहाँ की संस्कृति और भारतीय लडक़ों से विदेशी लड़कियों का प्रेम कोई नया नहीं है। जब भारत में ब्रिटिश हुकूमत थी, तब भी वहाँ की लड़कियों को भारत, भारतीय संस्कृति और भारतीय लडक़ों ने आकर्षित किया था। अब भी विदेशी लड़कियों को यही चीज़ें आकर्षित कर रही हैं। विदेशी लड़कियों से भारतीय लडक़ों की कुछ शादियाँ तो सुर्ख़ियों में आती हैं। मीडिया तक इनकी ख़बर पहुँच जाती है, तो कुछ शादियों की जानकारी तक नहीं मिलती। राजस्थान के भरतपुर में एक युवक ने फ्रांस की राजधानी पेरिस की युवती से भारतीय रीति-रिवाज़ से शादी की। दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लेकर साथ जीने-मरने की क़समें खायीं। आगरा के नगला गाढ़ी गाँव के रहने वाले पालेंद्र को इंग्लैंड की रहने वाली हैना हाबिट अपना दिल दे बैठी। प्रेम परवान चढ़ा। हैनी आगरा पहुँची और पालेंद्र से शादी कर ली। इसी तरह की शादियों के देश में कई राज्यों के बहुत से मामले हैं।
झारखण्ड आयी विदेशी महिला
देश में इन दिनों सीमा हैदर की चर्चा ख़ूब हो रही है। वह पाकिस्तान की रहने वाली है। पाकिस्तान से नोएडा पहुँची सीमा हैदर के बारे में तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। पुलिस और उत्तर प्रदेश एटीएस की सीमा हैदर के बारे में जाँच जारी है। सीमा हैदर उसके पति सभी से पूछताछ की गयी है। इस मामले के ख़ुलासे के बाद झारखण्ड का एक मामला प्रकाश में आया। जब पुलिस मामले की तफ़्तीश के लिए पहुँची, तब मीडिया को विदेशी महिला के हज़ारीबाग़ पहुँचने की भनक लगी।
हालाँकि यह मामला सीमा हैदर से अलग है। महिला का नाम बरबरा पोलाक है और वह अपनी छ: वर्षीय बेटी आनिया पोलजा के साथ बाक़ायदा टूरिस्ट वीजा पर आयी है। अब वह यहाँ शादी करेगी। पोलैंड की रहने वाली 49 वर्षीय बरबरा पोलाक को झारखण्ड के हज़ारीबाग़ ज़िला स्थित खुटका गाँव के 35 वर्षीय शादाब मल्लिक से प्यार हुआ है। पुलिस ने मामले की छानबीन की, तो बरबरा के पास सारे वैध काग़ज़ात थे। उसके पास पाँच साल तक के लिए वैध टूरिस्ट वीजा है। शादाब और बरबरा दोनों जल्द ही शादी करेंगे। बरबरा यहाँ रहेगी या शादाब को लेकर पोलैंड ले जाएगी? इस पर अभी वह विचार कर रही है। हालाँकि उसकी शादाब को लेकर पौलेंड जाने की इच्छा है। बरबरा पोलाक पोलैंड में नौकरी करती है। घर-गाड़ी समेत सारी सुख-सुविधाएँ उसके पास हैं।
सोशल मीडिया बन रहा ज़रिया
पहले विदेशी लड़कियों से शादी का मामला बहुत ही कम होता था। फ़िल्म स्टार, राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी या किसी नेता द्वारा ‘विदेशी मेम’ लाने की ख़बर सुर्ख़ियों में रहती थी। या फिर जब भारत से बाहर युवा पढऩे के लिए जाते, तो विदेशी लडक़ी से प्रेम होता और शादी कर लेते थे। लेकिन इन मामलों की छिटपुट ख़बरें सामाजिक स्तर पर मिलती थीं। इनकी संख्या उँगलियों पर थी। विदेशी लडक़ी से शादी करने का सटीक आँकड़ा शायद ही उपलब्ध हो। क्योंकि देश में शादी का पंजीकरण अब भी कम होता है। हालाँकि विभिन्न रिपोर्ट के आधार पर कहा जा सकता है कि हर वर्ष देश में विदेशी लड़कियों से शादी के 40-50 मामले सामने आ रहे हैं। इस तरह के मामले शहर ही नहीं गाँव तक पहुँच रहे। इसकी मुख्य वजह सोशल मीडिया है।
विदेशी लड़कियों से शादी के मामलों पर $गौर किया जाए, तो 95 फ़ीसदी मामले सोशल मीडिया पर दोस्ती के ही निकलेंगे। कुछ ही मामलों में व्यक्तिगत मुलाक़ात, साथ पढऩे या साथ काम करने से प्रेम परवान चढ़ा होता है। झारखण्ड पहुँची पोलैंड की बरबरा पोलाक की शादाब के साथ इंस्टाग्राम पर 2021 में दोस्ती हुई। यह दोस्ती प्रेम में बदल गयी। सादाब ने भारत आने का न्योता दिया। बरबरा पोलाक 14 जुलाई को हज़ारीबाग़ पहुँची। इसी तरह पाकिस्तान से नोएडा पहुँची सीमा हैदर हो या न्यूयॉर्क से मुरादाबाद पहुँची सोनिया हो, इन सभी का भारतीय युवाओं से प्यार और फिर शादी का माध्यम सोशल मीडिया ही बना।
रास आ रहीं भारतीय परम्पराएँ
सात समंदर पार कर भारतीय लडक़ों से शादी करने किसी लडक़ी का भारत के दूरदराज़ गाँव तक पहुँचना एकबारगी आश्चर्य में तो डालता ही है। आख़िर क्या वजह है कि विदेशी लड़कियों को भारतीय लडक़े भा रहे हैं। इस सम्बन्ध आयी विभिन्न रिपोट्र्स और भारत पहुँची विदेशी लड़कियों से बातचीत पर जानकारी मिलती है कि यहाँ की परम्पराएँ उन्हें रास आती हैं। इसके अलावा भारतीय लडक़े अपने परिवार के प्रति बहुत ज़िम्मेदार होते हैं, इसलिए वे अपनी पत्नी और बच्चों को परेशानी में नहीं पडऩे देते। माता-पिता का भी ख़याल रखते हैं। अपने परिवार के सदस्यों के हर सुख-दु:ख में एक साथ खड़े होते हैं। इनके केयरिंग नेचर के कारण इनका दांपत्य जीवन ख़ुशहाल और सफल होता है। इनका जीवनसाथी के साथ सम्बन्ध काफ़ी मज़बूत होता है। भारतीय लडक़े अपने पार्टनर के प्रति काफ़ी व$फादार होते हैं। ऐसे में वे जिस किसी से भी जुड़ते हैं, उसकी पूरी ईमानदारी से इसे निभाते हैं। यह धारणा विदेश की ज़्यादातर लड़कियों में है। इन बातों की पुष्टि पोलैंड से हज़ारीबाग़ पहुँची बरबरा पोलाक भी करती हैं।
पंजीकरण में दिक़्क़त
भारतीय क़ानून में ऐसा कोई अनुच्छेद नहीं है, जिससे किसी भारतीय पुरुष या महिला के विदेशी से शादी करने पर रोक लगायी जा सके। भारतीय क़ानून के मुताबिक, भारत के किसी व्यक्ति का किसी भी विदेशी से शादी करना ग़ैर-क़ानूनी नहीं है। उनके विवाह में जाति, धर्म, क्षेत्र और यहाँ तक कि देश की सीमाएँ भी बाधा नहीं बन सकती हैं। केवल विदेशी लडक़ी या लडक़े से शादी करने के लिए कुछ क़ानूनी प्रक्रियाएँ अपनाना ज़रूरी है। देश में शादी पर हुए विभिन्न अध्ययनों और प्राप्त आँकड़ों के अनुसार केवल पाँच फ़ीसदी भारतीय अंतरजातीय विवाह होते हैं।
इनमें विदेशी लड़कियों से शादी करने वालों की तादाद का प्रतिशत और भी कम है। इसके बावजूद भी विदेशी लडक़ी से शादी के क़ानूनी प्रक्रियाएँ कम ही लोग अपनाते हैं। पाकिस्तान की सीमा हैदर जिस तरह से नोएडा पहुँची, इसका ख़ुलासा हो चुका है। जब मामला खुला तो उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी यह साफ़ नहीं हो सका है कि वह एक सामान्य महिला है या जासूस। इसी तरह कुछ साल पहले सेना के एक मेजर ने कनाडा की लडक़ी से शादी कर परेशानी मोल ले लिया था। उन्होंने सेना से शादी की इजाज़त नहीं ली थी। जब उन्होंने कनाडा जाने के लिए छुट्टी माँगी तो मामला खुला।
ये मामले दिखाते हैं कि विदेशी लडक़ी से शादी में क़ानूनी प्रक्रियाएँ अपनाने में लोग कम ही दिलचस्पी रखते हैं। जबकि भारत में शादी को लेकर हिन्दू मैरिज लॉ, मुस्लिम मैरिज लॉ, ईसाई मैरिज लॉ आदि हैं। विदेशी लडक़ी से शादी को विशेष विवाह अधिनियम-1954 के प्रावधानों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसके लिए नियम बने हैं। पंजीकरण करना ज़रूरी है।
बदलते भारत में परम्परा क़ायम
भारत में प्रेम और अंतरजातीय विवाह आज भी विवाद का विषय है। विभिन्न अध्ययनों में देखा गया है कि कई समाज आज भी अपनी सांस्कृतिक विरासत को सँभाल रहे हैं। अगर अध्ययनों का निष्कर्ष निकाला जाए, तो वैवाहिक सम्बन्धों का आधार जाति है। परम्परागत रूप में जाति से बाहर की जाने वाली शादी को अब तक सामाजिक स्वीकृति मिलने में मुश्किल होती है। यही कारण है कि ऑनर किलिंग अर्थात् अपने सम्मान की ख़ातिर हत्याओं का दौर आज भी देश-भर में जारी है। हालाँकि धीरे-धीरे प्रेम विवाह का प्रचलन बढ़ रहा है।
कुछ ख़ास जाति, समाज, वर्ग को छोड़ दें, तो सामाजिक और पारिवारिक मान्यता भी मिल रही है; लेकिन इसकी तादाद अभी भी बहुत कम है। इस बात को विदेशों में भी माना जाता है। पिछले दिनों ‘वाशिंगटन पोस्ट’ में भारतीय संस्कृति, परम्परा और शादी पर एक लेख देखने को मिला था। इस लेख में भी लिखा गया था कि 75 साल में भारत बहुत बदल गया है; लेकिन अरेंज मैरिज आज भी आदर्श बनी हुई है। यही कारण है कि इतने बदलाव के बाद भी ‘विदेशी मेम’ लाने का मामला थोड़ा बढ़ा है; लेकिन अभी तक होड़ नहीं मची है।