सबसे बुरा होता है सपनों का मर जाना

क्राइम पेट्रोल की अभिनेत्री के खुदकुशी से पहले के आखिरी लफ्ज

लॉकडाउन 4.0 के बीच फ़िल्म इंडस्ट्री से बुरी खबर आई है। छोटे पर्दे के चर्चित टीवी शो ‘क्राइम पेट्रोल’ में नजर आईं अभिनेत्री प्रेक्षा मेहता ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। प्रेक्षा तालाबंदी के चलते काम न मिलने से परेशान थीं। प्रेक्षा ने नाटकों में भी नाख़ूबी किरदार निभाती रही हैं। वो उभरती हुई कलाकार थीं। मध्य प्रदेश के इंदौर से ताल्लुक रखने वाली प्रेक्षा  ने  ‘खूबसूरत बहू’, ‘बूंदें’, ‘राक्षस’, ‘प्रतिबिंबित’, ‘पार्टनर्स’ और ‘अधूरी औरत’ जैसे प्रमुख नाटकों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया।
मूल रूप से इंदौर की रहने वाली प्रेक्षा ‘क्राइम पेट्रोल’ के कई एपिसोड में काम कर चुकी हैं। इसके अलावा कुछ और सीरियलों में भी काम कर चुकी थी। प्रेक्षा के परिवार वालों का कहना है कि उसे लॉकडाउन में काम नहीं मिल रहा था और इससे वह काफी निराश थी। इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में प्रेक्षा कहती हैं-ये जो मेरे अलावा तुमपे मरते हैं, मर क्यों नहीं जाते।
प्रेक्षा मेहता थिएटर में भी सक्रिय थी। उन्होंने थिएटर ग्रुप ‘ड्रामा फैक्टरी’ से शुरुआत की और यहीं से ऐक्टिंग का चस्का लग गया। प्रेक्षा का पहला नाटक था ‘खोल दो’। इसमें उनकी ऐक्टिंग को खूब पसंद किया गया था।
महाराष्ट्र में खासकर मुंबई में जिस तरह से कोरोना बढ़ रहा था और लगातार लॉकडाउन बढ़ाया जा रहा है, उससे फ़िल्म-टीवी इंडस्ट्री के लोग डिप्रेशन में जाने लगे हैं। शायद प्रेक्षा को लगने लगा कि लंबे समय तक काम नहीं मिलने वाला, इसी से हताश होकर उसने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। प्रेक्षा ने जान देने से ठीक पहले इंस्टाग्राम स्टोरी पर दिल दुखाने वाला संदेश लिखा-‘ सबसे बुरा होता है सपनों का मर जाना।’