संसद में हंगामा, लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित की स्पीकर ने

बजट सत्र का दूसरा चरण भी हंगामे से भरा दिख रहा है। गुरुवार को संसद में जबरदस्त हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल जबकि राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी है। सत्र का आज आखिरी दिन है।

विपक्ष ने आज जेपीसी की अपनी मांग दोहराते हुए जमकर हंगामा किया। इसके बाद स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। याद रहे 13 मार्च से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों में बार-बार व्यवधान हुआ है।

विपक्षी दल जेपीसी गठित करने की मांग पर अड़े हुए हैं जबकि सत्तापक्ष ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिए गए एक बयान को लेकर उनसे माफी की मांग की है। आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे और जेपीसी की मांग करने लगे। उनके हाथों में जेपीसी की मांग वाली तख्तियां भी थीं।

स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्ष के विरोध के बीच कहा कि विपक्षी सदस्यों के व्यवहार ने सदन की गरिमा को कम किया है और उन्होंने व्यवस्थित रूप से कार्यवाही बाधित की है।  उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार संसदीय प्रणाली के खिलाफ है और सदन या देश की गरिमा के लिए अच्छा नहीं है।

विपक्षी सदस्यों ने स्पीकर की दलीलों को नजरअंदाज करते हुए विरोध जारी रखा। इसके बाद अध्यक्ष बिड़ला ने अपने समापन भाषण को पूरा करने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।

दिल्ली में संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन विपक्षी सांसदों ने संसद से विजय चौक तक ‘तिरंगा मार्च’ निकाला। संभावना है कि लोकसभा अध्यक्ष के तरफ से आयोजित की जाने वाली शाम की चाय बैठक में कांग्रेस सहित 13 राजनीतिक दल शामिल नहीं होंगे। लोकसभा में जब हंगामा हो रहा है था विपक्ष पार्टी के नेता काले कपड़े पहनकर पहुंचे थे। भाजपा सांसद पार्टी की स्थापना दिवस पर भगवा कपड़े पहनकर संसद में पहुंचे।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बाद में कहा कि राहुल गांधी को संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया है फिर भी भाजपा वाले माफी की मांग कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष की अदाणी मामले में जेपीसी की मांग पर खरगे ने कहा – ‘लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से लड़ना हमारा काम है। सरकार अगर नहीं मानती है तो ये हठधर्मी है। सरकार को हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए, प्रतिक्रिया देनी चाहिए। अगर आप लोकतंत्र को जिंदा रखना चाहते हैं तो विपक्ष की भी बात सुननी चाहिए।’