संवैधानिक बाधा नहीं आरक्षण में : हार्दिक

hardik pat

‘मुद्दे बीजेपी ने हरामाओ चे, अनामत नो नाथी’

गुजरात की सत्ता पार्टी के खिलाफ अपने कड़े रूख को कायम रखते हुए हार्दिक पटेल ने यह बात कहीं। पटेल समुदाय के लोगों के बीच बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘आरक्षण देने में कोई संवैधानिक बाधा नहीं है। मैंने सात दिन संविधान पढ़ा। मुझे ऐसी चीज़ कहीं भी नहीं मिली जिससे यह पता लगे कि पचास फीसद से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। उन्होंने पाटीदारों से उसी तरह एक होने को कहा जैसे दलित हैं।’11 नवंबर को प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने यह कहा। वहां मौजूद पटेल समुदाय ने इस पर ‘हार्दिक हार्दिक’ के नारे लगाए।

जब पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पीएएएस) के इस युवा नेता से पूछा गया कि क्या वे किसी पार्टी में शामिल होने को हैं? उन्होंने उस पर कोई जवाब नहीं दिया। यह पूछने पर कि क्या उन्हें लगता है कि कांग्रेस का इरादा आरक्षण देने का है। उन्होंने कहा, यदि इरादा आरक्षण नहीं देने का होता तो वे बातचीत ही क्यों करते और संभावना नहीं तलाशते। हार्दिक ने कहा, वे मुझसे रात में बारह बजे मिले। हमने तीन घंटे बातचीत की। अगर इरादा नहीं होता तो वे इतनी देर तक बात क्यों करते।
उन्होंने कहा उनसे अभी बातचीत और होनी है। इसके बाद ही घोषणा हो जाएगी। लेकिन यह तय है कि जो फैसला लिया जाएगा। वह समुदाय से पूरी रात बात करके ही होगा। गुजरात के किसानों के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनके लिए कुछ नहीं करती दिखती। उनके साथ मिल कर आवाज उठाई जाएगी। उन्होंने कहा, वे खुद उनके बीच कुछ दिन रहेंगे और उनकी समस्याएं सुनेंगे। उन्होंने कहा कि पाटीदार ओबीसी के कतई खिलाफ नहीं हैं ।
पाटीदारों के लिए गुजरात में आरक्षण आंदोलन छेडऩे वाले युवा नेता हार्दिक पटेल ने पाटीदारों को सलाह दी कि वे ऐसे उपयुक्त उम्मीदवार को ही वोट दें जो अगले पांच साल तक उनकी शिकायतों पर ध्यान दे सकें। हार्दिक छोटा उदयपुर जिले के सांखेदा नालुक के गांव टिंबा में पाटीदारों के बीच बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पाटीदारों के समाज को दलितों की तरह ही एकजुट होना चाहिए।
पटेल की उम्र अभी चुनाव लडऩे लायक नहीं हुई है लेकिन जिस तरह उन्होंने पटेलों को संगठित किया वह बेजोड़ है। उनका पाटीदार समाज में व्यापक समर्थन के साथ ही कुछ विरोध भी है। उस विरोध को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा छोटा उदयपुर में तीस हज़ार से कुछ ही ज्य़ादा पटेल होंगे। जब वे आ रहे थे तो सात-आठ लोग सड़क पर काले झंडे लिए दिखे। ये मेरे आने से खुश नहीं थे।
उधर गुजरात के सूरत में पाटीदारों और भाजपा के कार्यकर्ताओं में झड़पों की खबर है। छह नकाबपोश लोगों ने सूरत के वराच्छा इलाके में एक पाटीदार को बुरी तरह घायल कर दिया। सूरत के पुनगाम इलाके में डोर-टू-डोर प्रचार कार्यक्रम में भाजपा विधायक जनक बागडिया को जब पाटीदारों में चुनाव प्रचार से रोका तो इसने झगड़े का रूप ले लिया। पिछले कई दिनों से वराचछा, करान्ज और कारमेज निर्वाचन क्षेत्रों में पाटीदार भाजपा के नेताओं का विरोध कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस ने पाटीदारों के दो युवकों को हिरासत में लिया है।
सूरत में ‘पासÓ के नेता धार्मिक मालवीय का कहना है कि जब पाटीदार पहले ही भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से कह चुके हैं कि वे पाटीदारों के इलाकों में कोई कार्यक्रम न रखें। पर वे मानते नहीं। हम जबकि इसका लगातार विरोध करते रहे हैं। भाजपा नेता अब पुलिस की मदद ले रहे हैं जो हमारे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करती है।
पाटीदार बहुल इलाकों में चुनाव प्रचार के लिए भाजपा नेताओं के लिए कठिन हो गया है। वे पुलिस बंदोबस्त में ही जाते हैं और लौटते हैं। भाजपा विधायक मुकेश पटेल और सूरत शहर के मेयर अश्मिताबेन शिरोया को भी पाटीदारों के विरोध का सामना करना पड़ा। यही हाल सूरत के पूर्व म्युनीसिपल कारपोरेटर अरविंद गोयानी को सरथना में नाराज़ पाटीदारों की नाराज़गी झेलनी पड़ी।
जबकि वाराच्छा इलाके के करंज, वरच्छ और कामरेज विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा विधायक तीनों ही इलाकों में विजयी हुए थे।
पाटीदारों के युवा नेता हार्दिक पटेल के एक सहायक नरेंद्र पटेल ने दस नवंबर का बताया कि उसे सत्ता पार्टी भाजपा में शामिल होने के लिए एक करोड़ रुपए की राशि देने का लालच दिया गया है। यह पेशकश उससे अमित शाह ने खुद की। नरेंद्र ने कहा कि ज़रूरत पडऩे पर कथित पेशकश संबंधी सबूत वे अदालत में भी पेश करेंगे। जब तमाम प्रत्याशी अपने नामांकन दाखिल कर देंगे। मैंने वरुण पटेल (पहले ‘पासÓ में थे अब भाजपा में हैं), राज्य भाजपा प्रमुख जीतू वाधानी से संबंधित एक धमाका पहले किया था अब दूसरा धमाका जल्दी ही करूंगा जिससे अमित शाह के लिए गुजरात में मुश्किल हो जाएगी।Ó नरेंद्र पटेल अमदाबाद के थक्करबाया नगर में बोल रहे थे। ‘पासÓ की इस रैली में हार्दिक पटेल मुख्य वक्ता थे।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि सूरत के छोटे व्यापारियों को कांग्रेस भड़का रही है। कांग्रेस जीएसटी के बहाने उन्हें भाजपा सरकार के खिलाफ उकसा रही है। ईरानी की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सूरत यात्रा और विमुद्रीकरण और जीएसटी पर उनका भाषण था। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय व्यापारियों की तमाम मुश्किलें हल करने में जुटी है। सूरत के व्यापारी चाहे वे बड़े हों या फिर छोटे। वे सभी मेरे संपर्क में हैं और कर की नई प्रणाली से सहयोग कर रहे है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपने निर्वाचन क्षेत्र में तो जीत नहीं पाते और गुजरात में वे यह सपना लेकर आए हैं कि वे जीत जाएंगे। उनका सपना कभी कामयाब नहीं होगा।