पात्रा चॉल भूमि घोटाला में शिवसेना सांसद संजय राउत को विशेष पीएमएलए अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत को बढ़ाकर पांच सितंबर तक कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजय राउत के घर सुबह छापा मारा था और 31 जुलाई की देर रात उन्हें गिरफ्तार किया था।
पहले अदालत ने उन्हें चार अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेजा था जिसके बाद उनकी हिरासत को आठ अगस्त तक एक बार फिर 22 अगस्त तक उनकी रिमांड बढ़ा दी गर्इ थी। और आज अदालत ने पांच सितंबर तक के लिए उनकी रिमांड बढ़ा दी है।
आपको बता दें, वर्ष 2007 में 47 एकड़ जमीन पर 672 परिवारों के घरों के पुनर्विकास के लिए सोसायटी द्वारा महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) और गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था। इस करार में कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर महाराष्ट्र हाउसिंग डेवलपमेंट अथॉरिटी को देते थे, और बाकी बची हुई जमीन को प्राइवेट डेवलपर्स को बेचनी थी।
इस कंपनी के निदेशक गुरू आशीष, प्रवीण राउत, सारंग वधावन, और राकेश वधावन थे। और आरोप है कि कंपनी ने म्हाडा को गुमराह कर पात्रा चॉल की एफआईआर 9 अलग बिल्डरों को बेच कर 901 करोड़ रूपये जमा किए थे। इसके बाद मिडोज नामक एक नया प्रोजेक्ट शुरू कर 138 करोड़ फ्लैट की बुकिंग के नाम पर वसूले थे।
किंतु 672 लोगों को उनका मकान न देने के चलते पात्रा चॉल घोटाले में 1039.79 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। फिर वर्ष 2018 में म्हाडा ने गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
गौरतलब है कि संजय राउत गुरु कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक के करीबी है। पात्रा चॉल घोटाले में प्रवीण ने करीब 95 करोड़ रुपये कमाए थे और इन पैसों को उसने अपने करीबियों को बांटा था। इसमें 55 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में भी आए थे।
हालांकि ईडी ने प्रवीण को फरवरी 2022 में ही गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही र्इडी वर्षा राउत से पूछताछ कर चुकी है और ईडी की पूछताछ अभी भी जारी है।