ISRO आज दोपहर 2.35 मिनट पर श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च करने जा रहा है। भारत चौथा ऐसा देश होगा जो कि चंद्रयान-3 को चांद की सतह पहुंचाने में सक्षम होगा।
चंद्रयान-3 को लॉन्च करने से पहले चंद्रमा लैंडर विक्रम को जीएसएलवी मार्क 3 हेवी लिफ्ट लॉन्च वाहन पर रखा जाएगा। और चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के 40 दिन बान यानी 23 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा। इसे लॉन्च व्हीकल मार्क 3 नाम दिया गया है। जीएसएलवी 43.5 मीटर ऊंचा है।
ISRO के पूर्व प्रमुख के सिवन ने कहा कि, “हमें इस बात का पता चल चुका है कि पिछले मिशन में क्या दिक्कत हुई हैं। हमने इस बार किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं छोड़ी हैं। हमें उम्मीद है कि हम तय समय पर चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर उतार पाने में जरूर सफल होंगे।“
इस मिशन के तहत वैज्ञानिकों को चंद्रमा की मिट्टी का विश्लेषण करने, चंद्रमा की सतह के चारों ओर घूमने, चंद्रमा से जुड़ी कुछ जानकारियों का पता लगाने की उम्मीद हैं। भारत का चंद्रयान के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। यहां पानी के अंश भी पाए गए है।
आपको बता दें, भारत का चंद्रमा के लिए पहला मिशन चंद्रयान-1 था। इसे अक्टूबर 2008 में लॉन्च किया गया और यह अगस्त 2009 तक चालू भी रहा था।
वहीं चंद्रयान-2 का लैंडर नियोजित प्रक्षेपक से भटक गया और उसे हैंड लैंडिंग का सामना करना पड़ा। हालांकि ऑर्बिटर अभी भी चंद्रमा के चक्कर लगा कर डेटा भेज रहा है। किंतु किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण चंद्रयान-2 चांद की सतह पर उतरने में विफल रहा।