राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन का मामला दिलचस्प हो गया है। जहाँ शरद पवार ने भतीजे के खिलाफ पूरी तरह कमर कस ली है, वहीं अजित पवार गुट के 9 मंत्री बनाये जाने से शिंदे और उनकी शिवसेना नाराज हो गयी है। शिंदे पर उनके साथी विधायक मंत्री पद को लेकर दबाव बना रहे हैं। इसी के चलते उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शिंदे से मिले हैं।
शरद पवार ने गुरूवार को जिस तरह पार्टी संगठन कर 27 राज्य यूनिटों के समर्थन का दावा किया है उससे अजित गुट को झटका लगा है। यही नहीं एनसीपी के पांच में से चार सांसद शरद पवार के साथ हैं। अजित पवार ने पहले 40 विधायकों का दावा किया था, लेकिन अभी तक वे 36 के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाए हैं। ऐसा लगता है कि शरद पवार ने ठान लिया है कि अजित पवार को जीतने नहीं देंगे।
उधर इस सारी कवायद के बीच शिव सेना के शिंदे गुट में ही झगड़ा बढ़ गया है। इसी के चलते उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने गुरूवार देर रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की।
अजित पवार खेमे से नौ विधायकों को मंत्री बनाने से शिंदे गुट में बेचैनी है। शिंदे गुट के ज्यादातर विधायकों को दलबदल किए एक साल बाद भी कुर्सी नहीं मिली है जिससे उनमें गुस्सा है। अभी 14 पद मंत्री के लिए खाली हैं।
माना जा रहा है कि अगले हफ्ते वहां मंत्रिमंडल में फिर विस्तार हो सकता है। इसमें शिवसेना को तरजीह मिल सकती है। इसे विरोध और बढ़ सकता है। उधर शिंदे के नेतृत्व वाले समूह से संबंधित महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा कि शिंदे के इस्तीफे के बारे में खबरें झूठी हैं।