राजस्थान कांग्रेस बैठक: पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी मैं उसे निभाऊंगा- सचिन पायलेट 

दिल्ली में गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में राजस्थान कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। यह बैठक करीब चार घंटे चली। इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए गुरुवार को अहम फैसला किया कि कांग्रेस पार्टी राजस्थान में बीजेपी के भ्रष्ट्राचार के खिलाफ मिलकर चुनाव लडेगी।

सुखजिंदर सिंह रंधावा, केसी वेणुगोपाल (संगठन महासचिव) और गोविन्द सिंह डोटासरा (राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष)

बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि, “कांग्रेस वर्ष 2018 से ज्यादा बहुमत से एक बार फिर राजस्थान में सरकार बनाएगी और जनता के बेहतर भविष्य के लिए कार्य करती रहेगी। आज सभी नेताओं ने मिलकर एकजुट होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उम्मीदवारों की सूची जल्द ही घोषित की जाएगी।”

आज की बैठक में सबकी नजरें सचिन पायलट पर थी क्योंकि वे कुछ समय से पार्टी से नाराज़ थे। सचिन पायलट ने जिन माँगों को लेकर अनशन और यात्रा की थी उन सभी माँगों को पार्टी ने मान लिया है। इनमें राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन (आरपीएससी) में रिफॉर्म होंगे, पेपल लीक को लेकर कानून बनाया जाएगा और वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार की जाँच भी होगी।

बैठक के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलेट ने कहा कि, “आज हमारी बैठक करीब 4 घंटे तक चली। हम विधनसभा चुनाव लड़ेंगे। एंटी इनकंबेंसी को तोड़ने पर चर्चा हुई। चुनाव में हम बीजेपी को हराएंगे और पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देरी मैं उसे निभाऊंगा।”

सूत्रों के अनुसार राजस्थान कांग्रेस बैठक में राहुल गांधी ने सरकार के कामों की तारीफ की साथ ही कहा कि हमारी सरकार को पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी के भ्रष्टाचार के खिलाफ हमें लड़ाई लड़नी है। वहीं इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रदेश में SC/ST के अत्याचार के खिलाफ सरकार कारवाई करें।

बता दें, राजस्थान विधनसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस बैठक में मलिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, सचिन पायलट, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अशोक गहलोत और कई नेता मौजूद रहे।

आपको बता दें, राजस्थान कांग्रेस में काफी समय से अंदरूनी कलह चली आ रही थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेद देखने को मिले है। साथ ही पिछले महीने सचिन पायलट ने पदयात्रा निकाली थी जिससे पार्टी में कलह भी रही। किंतु काफी समय से कांग्रेस लगातार सचिन पायलट को मनाने में लगी थी।