शान्ति का उपाय

नफ़रतें बोने वालों के पास लोगों को उकसाने के लिए कई हथियार हैं। इन हथियारों में सबसे मारक और तेज़ चलने वाला हथियार है- धर्म। लेकिन नफ़रत की हर आग को बुझाने के लिए सबसे प्रभावी और अच्छा हथियार है- प्यार। प्यार दुनिया में फैली हर तरह की नफ़रतों की वजहों पर एक झटके में पानी फेरने की सामथ्र्य रखता है। वो नफ़रत ही है, जिसके चलते अपने भी दुश्मन बन जाते हैं। लेकिन प्यार की ख़ुशबू विश्व के दो छोरों पर रहने वालों को भी दोस्त, भाई-बहिन अथवा पति-पत्नी के बंधन में बाँध देती है। प्यार ही वह अमृत है, जिसे चखने वाला हर दु:ख को भूल जाता है। प्यार में ही वह ताक़त है, जो नफ़रत करने के सभी बहानों को किनारे लगाते हुए सभी धर्मों, सभी धर्मों के लोगों को इंसानियत की राह दिखाता है और सबको सुरक्षा दे सकता है।

आजकल जब दुनिया के लगभग हर देश में हर धर्म के लोग रहते हैं। ज़्यादातर देशों में कई-कई देशों के लोग रहते हैं। इतने पर भी हमारे बीच इतनी नफ़रतें, मार-काट और तबाही की साज़िशें हम इंसानों के साथ-साथ इंसानियत पर न केवल एक कलंक हैं, बल्कि ईश्वर के बनाये सभी प्राणियों में हमें श्रेष्ठ नहीं, बल्कि निकृष्ट साबित करती हैं। अभी कुछ महीने पहले ही में अफ्रीका के एक देश मोरक्को की मुस्लिम लडक़ी ने भारत लगभग 8,000 किलोमीटर दूर आकर ग्वालियर के एक हिन्दू लडक़े से शादी कर ली। अपना देश छोडऩे वाली युवती के घर वालों ने इस शर्त पर यह रिश्ता स्वीकार कर लिया कि लडक़ी का धर्म परिवर्तन नहीं कराया जाएगा। अब यहाँ देखने वाली बात यह है कि लडक़ी ने भारत के युवक को उसका सनातन धर्म देखते हुए भी अपनाया और लडक़े ने यह जानते हुए लडक़ी को अपनाया कि वह विदेशी भी है और मुस्लिम भी। ये ताक़त प्यार में ही हो सकती है, अन्यथा नफ़रत से तो भाई-भाई भी दुश्मन बन जाते हैं। ज़ाहिर है लडक़ी को सनातन धर्म के पति से कोई समस्या नहीं है। ऐसे ही लडक़ी के मुस्लिम धर्म से लडक़े और उसके घर वालों को कोई आपत्ति नहीं है। कुल मिलाकर अब दोनों एक-दूसरे और एक-दूसरे के धर्मों की इज़्ज़त करके और एक-दूसरे की संस्कृति का सम्मान करके एक-दूसरे के धर्मों के अनुसार मनाये जाने वाले त्योहारों को भी मिलकर मनाते होंगे और आशा है कि मनाएँगे। सोशल मीडिया के माध्यम से मिला यह जोड़ा धर्मों के नाम पर नफ़रत करने वालों के मुँह पर ज़ोरदार तमाचा है। क्या पूरेविश्व के सभी धर्मों और पंथों के लोग इस तरह मिलकर नहीं रह सकते?

यह तो प्यार करके विवाह करने का एक उदाहरण मात्र है। ऐसा भी हीं है कि अंतर्धर्म में होने वाला यह कोई पहला विवाह है। इससे पहले भी कई ऐसे विवाह हुए हैं। लेकिन इससे लोगों को एकता का वह सन्देश नहीं मिला है, जो सन्देश एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान करने से मिलेगा। बिहार के नालंदा ज़िले के मारी गाँव में सनातन धर्मियों का गाँव है। इस गाँव में सन् 1947 के बँटवारे के बाद से एक भी मुस्लिम नहीं रहता। लेकिन यहाँ लगभग 100 साल पुरानी एक मस्जिद आज भी सुरक्षित है। इस मस्जिद की हर रोज़ साफ़-सफ़ाई भी होती है और रेडियो से मस्जिद में पाँचों वक़्त की अज़ान भी लगती है। यह सब सनातन धर्म के लोग ही करते हैं। हैरानी की बात है कि गाँव में किसी भी सनातनधर्मी के घर में विवाह आदि होता है, तो वह मस्जिद में जाकर इबादत करता है। सनातन धर्मियों द्वारा इस मस्जिद को जिस तरह सुरक्षित और इस्लाम की परम्पराओं के मुताबिक रखा हुआ है, वह भारत के उन मुसलमानों के लिए इंसानियत और दूसरे धर्म का सम्मान करने की एक बड़ी मिसाल है, जिससे उन्हें सनातन धर्म के लोगों और उनके धार्मिक स्थलों को नुक़सान न पहुँचाने की सीख है। इसी तरह विश्व में कई इस्लामिक देश हैं, जहाँ कई सनातन धर्म के धार्मिक स्थल सुरक्षित और संरक्षित हैं। पंजाब के महदियां गाँव में 350 साल पुरानी मुगलकालीन मस्जिद की सफ़ाई ग्रंथी करते हैं और नमाज़ अता करने के बाद मुस्लिम यहाँ के गुरुद्वारे में शीश नवाते हैं।

ऐसे ही बरेली शहर के कटरा चाँद खाँ इलाक़े में लक्ष्मी नारायण का मन्दिर है, जो चुन्ना मियाँ का मन्दिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस मन्दिर को चुन्ना मियाँ ने ही बनवाया था और आज भी उनका परिवार इस मन्दिर की देख-रेख करता है। कटरा चाँद खाँ जैसे मुस्लिम इलाक़े में बने इस मन्दिर में पूजा, आरती, घंटा, शंख की ध्वनि हर दिन सुबह-शाम गूँजती है और कई मुस्लिम भी पूजा करते हैं। अगर हम मुस्लिम देशों की बात करें, तो पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत के चकवाल ज़िले में महाभारत काल का कटासराज मन्दिर है, जिसकी देखभाल पाकिस्‍तान के पुरातात्विक विशेषज्ञ करते हैं। मलेशिया में भी बहुत सारे मन्दिर हैं, जहाँ मन्दिरों की पूरी देखरेख रहती है। संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में अल रिग्गा स्ट्रीट से कुछ दूरी पर 200 साल पुराना एक सनातन मन्दिर है। इस मन्दिर के निकट ही एक गुरुद्वारा भी है। का अर्थ यही है कि एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान ही एक मात्र शान्ति का उपाय है।