वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनने के लिए मंथन से जो भी समाधान निकलेंगे, उनका इस्तेमाल प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में करेगें- डॉ महेंद्र नाथ पांडेय

भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने “स्थानीय से वैश्विक भारत तक – विनिर्माण से आत्मनिर्भरता तक” विषय पर नई दिल्ली में बुधवार को द्वारका स्थित यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में एक विचार विमर्श सह मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया। साथ ही इस अवसर पर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने भारी उद्योग मंत्रालय की नई वेबसाइट का भी शुभारंभ किया गया।

आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि, “भारी उद्योग मंत्रालय के माध्यम से न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यू इंडिया’ के दृष्टिकोण को पूरा करने की वचनबद्धता के साथ इस परिवर्तनकारी यात्रा में भाग ले रहे हैं, बल्कि हमने एक लंबा सफर तय किया है और हम भी काफी आगे बढ़ चुके हैं। भारी उद्योग से जुड़े तथा इससे संबंधित सभी घटक सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।”

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने उल्लेख करते हुए आगे बताया कि, “ऑटोमोटिव क्षेत्र ने ऑटोमोबाइल और ऑटो उपकरणों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के कार्यान्वयन के साथ ही प्रौद्योगिकी के उन्नयन की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। उन्नत प्रौद्योगिकियों और ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स की बढ़ती मांग को पूरा करने का रास्ता आत्मनिर्भर भारत से होकर ही गुजरता है, जिसमें हमारी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना मददगार है। स्थानीयकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंत्रालय द्वारा शुरू की गई उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना हो या फिर फेम योजना जैसी योजनाएं हों, इन सभी के माध्यम से भारत एक सशक्त अर्थव्यवस्था बनने की ओर त्वरित गति से आगे बढ़ रहा है।”

निर्यात प्रोत्साहन पर बोलते हुए डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि, “निर्यात प्रोत्साहन पूंजीगत उत्पाद योजना और व्यावसायिक उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही अन्य योजनाएं भी एक ही लक्ष्य के साथ चलाई जा रही हैं कि हम देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्पाद बनाएं और भारत के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करें। प्रधानमंत्री ने पहले लोकल को वोकल और फिर लोकल को ग्लोबल बनाने का मंत्र दिया है, ऐसे में हमें इस दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए पहले लोकल के लिए वोकल बनना होगा और फिर लोकल से ग्लोबल (स्थानीय से वैश्विक) बनना होगा। यह मंत्र ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करेगा।”

मंथन आयोजित कार्यक्रम पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “आज के मंथन से जो भी समाधान निकलेंगे, भारी उद्योग मंत्रालय उनका इस्तेमाल प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में करेगा।”

बता दें, देश में आयात पर अंकुश लगाने और स्थानीयकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न गतिविधियों के परिणामस्वरूप ऑटोमोबाइल और ऑटो उपकरणों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (25,938 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ) सहित विभिन्न प्रमुख कार्यक्रम शुरू किये गए हैं। कैपिटल गुड्स सेक्टर, देश भर में समर्थ उद्योग प्रौद्योगिकी फोरम स्थापित करने के लिए सेंटर फॉर इंडस्ट्री 4.0 (सी4आई4) के सहयोग से हरसंभव प्रयास कर रहा है। इन प्रयासों का लक्ष्य देश में जागरूकता बढ़ाना और स्मार्ट तरीके से विनिर्माण तथा उद्योग 4.0 की प्रगति को विस्तार देना है।