वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदा

वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में क्या अनियमितताएं हैं?
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कैबिनेट मंत्री और देश के अति विशिष्ट अतिथियों के लिए 12 हेलिकॉप्टर खरीदे जाने हैं. इस खरीद के लिए 2010 में एक एंग्लो-इतालवी कंपनी ‘अगस्ता वेस्टलैंड’ के साथ रक्षा मंत्रालय का करार हुआ था. आरोप है कि भारत की बुनियादी जरूरतों पर इस कंपनी के हेलिकॉप्टर खरे नहीं उतरते थे लेकिन इस कंपनी के साथ सौदा  पक्का करने के लिए भारत ने अपनी जरूरतों में बदलाव किया. 3,546 करोड़ रुपये के इस सौदे में अब अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा 350 करोड़ रुपये की दलाली दिए जाने की बात कही जा रही है.  इतालवी अभियोजकों द्वारा इस मामले में 15 लोगों को आरोपित बनाया गया है जिनमें से तीन भारतीय हैं. इस मामले में एक भारतीय ब्रिगेडियर पर भी 50 लाख डॉलर की रिश्वत मांगने का आरोप है.

दलाली की बात कैसे सामने आई?
इतालावी अखबार ‘ला रिपब्लिक’ के अनुसार स्विस सलाहकार गिडो राल्फ हाश्के की इस सौदे में मुख्य भूमिका है. इतालवी अभियोजन पक्ष द्वारा कोर्ट में पेश किए गए तथ्यों में हाश्के को अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से हुई फोन वार्ताओं में लगातार इस सौदे पर चर्चा करते हुए पाया गया है. हाश्के की ही कंपनी के एक अधिकारी द्वारा इस बात का खुलासा किया गया था कि यह सौदा करवाने की जिम्मेदारी हाश्के को सौंपी गई थी जिसके बदले उन्हें करोड़ों रुपये की दलाली भी दी गई. कुछ दिन पहले स्विट्जरलैंड से दो लोगों को इस सौदे में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इसके बाद भारत में यह मामला चर्चा में आ गया है.

भारत सरकार द्वारा अब तक क्या कदम उठाए गए?
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने विदेश मंत्रालय से इस संदर्भ में ब्रिटेन से जानकारी मांगने की अपील की है. इटली को इस संबंध में पहले ही लिखा जा चुका है. मामला वहां के न्यायालय में लंबित है. इसलिए इटली की सरकार अभी कोई भी जानकारी देने में अपनी असमर्थता जता रही है. भारत में इटली के राजदूत को भी मामले की गंभीरता के विषय में सूचित करते हुए भारत सरकार ने उनसे हर संभव सहयोग करने की अपील की है. रक्षामंत्री ने इस संबंध में कहा है कि दोनों देशों से जानकारी मिलने के बाद यदि कोई  अनियमितता सामने आती है तो वे कड़े कदम उठाएंगे.
-राहुल कोटियाल