विश्व कप क्रिकेट : एक और घपला!

इस साल मई में ‘तहलका’ एसआईटी ने ख़ुलासा किया था कि कैसे इंडियन प्रीमियर लीग के ‘नॉट फॉर सेल’ वाले कॉम्प्लिमेंट्री (मुफ़्त) पास क्रिकेट का एक और घोटाला साबित हो रहे हैं। ‘तहलका’ रिपोर्टर ने डिकॉय ग्राहक के रूप में कैमरे पर ऐसे दलालों को रिकॉर्ड किया, जो सरकारी अधिकारियों, सलाहकारों और अन्य लोगों को सद्भावना दिखाने के लिए मुफ़्त में वितरित किये जाने वाले ‘नॉट फॉर सेल’ कॉम्प्लिमेंट्री आईपीएल पास बेचने में माहिर हैं।

अब जबकि क्रिकेट के आईसीसी विश्व कप-2023 का बुख़ार पूरे देश में छाया हुआ है, ‘तहलका’ एसआईटी ने अपनी एक पड़ताल (रिपोर्ट) में पाया है कि दलाल ये कॉम्प्लिमेंट्री पास कुछ तय रक़म के लिए बेचकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। यह आईपीएल कॉम्प्लिमेंट्री पास विवाद में भी आया है, जिसे ‘तहलका’ ने उजागर किया था। यह भी पता चला है कि जब भी अधिकारियों ने कॉम्प्लिमेंट्री पास पर जीएसटी लगाने का फ़ैसला किया है, तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की आईपीएल फ्रेंचाइजी ने यह तर्क देते हुए इसका विरोध किया है कि इसमें कोई मौद्रिक लाभ नहीं है, और यह सिर्फ़ खेलों को बढ़ावा देने के लिए है। पड़ताल के दौरान ‘तहलका’ रिपोर्टर ने पाया कि भारत में क्रिकेट विश्व कप-2023 की शुरुआत से पहले क्रिकेट प्रशंसक आम जनता के लिए टिकट्स की बिक्री के तरीक़े से नाराज़ थे। टिकट्स की बिक्री उद्घाटन मैच से सिर्फ़ 41 दिन पहले 25 अगस्त को शुरू हुई थी। इसके अलावा टिकट बुकिंग प्रक्रिया परेशानी मुक्त नहीं थी। प्रशंसकों को टिकट बुक करने के लिए पहले पंजीकरण करना पड़ता था और फिर ख़रीदारी करने का अवसर मिलने से पहले घंटों इंतजार करना पड़ता था।

दुर्भाग्य से कई क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यह बेहतर मौक़ा कभी नहीं मिला। हालाँकि अगर कोई दलालों की हथेलियों को गरम कर सकता था, तो क्रिकेट विश्व कप मैचों के लिए कॉम्प्लिमेंट्री पास बहुत सारे उपलब्ध थे। यह इस उक्ति को साबित करता है कि ‘मुफ़्त दोपहर के भोजन जैसी कोई चीज़ नहीं है।’ क्योंकि कुछ भी नहीं के लिए कुछ प्राप्त करना असंभव है। समय-समय पर पुलिस ऐसे टिकट्स बेचने के लिए धोखाधड़ी और जालसाज़ी के मामले दर्ज करती रही है; लेकिन यह रैकेट धड़ल्ले से जारी है।

इनके काम करने का तरीक़ा सरल है। दलाल पैसे के बदले में इन्हें ख़रीदते हैं और फिर इन्हें भारी क़ीमत पर बेचा जाता है। यह क़ीमत फिक्स्चर के आधार पर निर्धारित की जाती है। उदाहरण के लिए भारत-पाकिस्तान मैच हमेशा क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक बड़ा ड्रॉ होता है। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि 14 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान के बीच मैच के लिए क्रिकेट प्रशंसकों ने ब्लैक मार्केट से 35,000 रुपये में टिकट ख़रीदे थे। ऐसी ख़बरें भी सामने आयीं कि किसी ने 60,000 रुपये में टिकट ख़रीदा था। कुछ मीडिया संस्थानों ने क्रिकेट विश्व कप के टिकट्स की कालाबाज़ारी के बारे में रिपोर्ट्स कीं। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने पहले ही सभी टिकट ऑनलाइन बेच दिये थे। इसके बावजूद स्टेडियम में बड़ी भीड़ देखने को नहीं मिली। इसका मतलब था कि क्रिकेट मैच के टिकट की कालाबाज़ारी करने वाले दलालों ने ऑनलाइन टिकट बुक किये थे और उन्हें बढ़ी हुई दरों पर बेच रहे थे। इसमें कोई शक नहीं कि दर्शक क्रिकेट स्टेडियमों से दूर रह रहे थे। ‘तहलका’ एसआईटी ने अपना काम कर दिया है और अब गेंद आईसीसी और बीसीसीआई के पाले में है कि वो कार्रवाई शुरू करें!