विपक्ष ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ रविवार को सदन में कृषि बिलों पर चर्चा के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जवाब के दौरान हुए हंगामे और इसके बाद की घटनाओं ने साफ कर दिया है कि किसान बिलों के मसले पर केंद्र सरकार और विपक्ष में गहरी रेखा खिंच गयी है। भले दोनों कृषि बिल राज्यसभा में भी पास हो गए, विपक्ष ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। इस बीच शाम को मोदी सरकार के छह मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस करके दिन में राज्यसभा में विपक्ष के इस आचरण को लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल ने कहा – ‘उन्हें (राज्यसभा के उप सभापति) को लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उनके रवैये ने आज लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचाया है। हरिवंश सिंह के इस रवैये को देखते हुए हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया।’
बता दें सदन की कार्यवाही के दौरान आज टीएमसी सांसद ने रूल बुक फाड़ दी। उनका कहना था कि सदन में सारे नियम तोड़ दिए गए हैं। इसके अलावा सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। अहमद पटेल ने कहा कि ‘जिस तरह से लोकतांत्रिक प्रकियाओं को अनदेखा करके इस बिल को पास किया है, वह लोकतंत्र की हत्या के सामान है। आज का दिन इतिहास के काले दिन के रूप में जाना जाएगा। आज 12 विपक्षी दलों ने राज्यसभा के उप सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है।’
कृषि बिल के खिलाफ राज्यसभा में आज नारेबाजी भी खूब हुई थी। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन उपसभापति की वेल तक आ गए और फिर उपसभापति से बिल छीनने की कोशिश की। इस दौरान मार्शल ने बीच बचाव किया तो उपसभापति के सामने रखा माइक टूट गया। इसके बाद टीएमसी सांसद वहां से नारेबाजी करते हुए पीछे की ओर लौट गए।
बिल पास होने के बाद राज्यसभा की कार्रवाई को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष ने राज्यसभा के भीतर ही प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। उधर बाद में भाजपा अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य जेपी नड्डा ने कहा – ‘विपक्षी दल किसान विरोधी हैं, इस प्रक्रिया का साथ देने के बजाए इन लोगों ने किसानों की आजादी में रोड़ा डालने की कोशिश की। जिस तरह से विपक्ष ने इन बिल का राज्यसभा में विरोध किया और इसे पास होने से रोकने की कोशिश की, वह बहुत ही गैरजिम्मेदाराना है और यह सीधे तौर पर लोकतंत्र पर हमला है।’
छह मंत्रियों की प्रेस कांफ्रेंस
इस बीच शाम को मोदी सरकार के छह मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस करके विपक्ष के दिन में राज्यसभा में आचरण को लोकतंत्र के खिलाफ बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जो कृषि विधेयक आज राज्यसभा से पास हुए हैं वो ऐतिहासिक हैं। किसानों को इसके जरिए वो आजादी मिलेगी जिसका वो हकदार है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने कभी भी किसानों के अहित की बात नही सोची है और सरकार हमेशा उनके भले के लिए कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं खुद एक कृषक रहा हूं और किसानों की समस्याओं को लेकर जागरुक हूं, सरकार के लिए गए कदमों की मैं सराहना करता हूं और इन कानूनों से किसानों को वो आजादी मिलेगी जिसके लिए वो इतने सालों से इंतजार कर रहे हैं।
सिंह ने कहा कि इन दोनों विधायकों के पारित होने से कृषि क्षेत्र में वृद्धि और विकास का एक नया इतिहास लिखा जाएगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि इन दोनों विधेयकों के पारित होने से न केवल भारत की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में भी यह एक बड़ा प्रभावी कदम सिद्ध होगा। ‘संसद में इन दोनों विधेयकों के पारित हो जाने के बाद कृषि क्षेत्र में वृद्धि और विकास का एक नया इतिहास लिखा जाएगा।’