महबूबा मुफ्ती लगातार पांचवीं बार जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष चुन ली गई हैं। पार्टी की हुई बैठक में यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया। वर्ष 2009 से ही महबूबा मुफ्ती पीडीपी की कमान संभाले हुए हैं। अब अगले तीन वर्षों के लिए फिर से उनको पार्टी की कमान सौंप दी गई है।
अध्यक्ष पद के चुनाव की औपचारिकता को निभाने के लिए निर्वाचक मंडल की बैठक हुई, जिसमें श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती और जम्मू में महासचिव सुरेंद्र चैधरी मौजूद रहे। निर्वाचक मंडल में शामिल सभी नेताओं को इस चुनाव में शिरकत करने के लिए कहा गया था।
महबूबा मुफ्ती का कार्यकाल 22 फरवरी 2024 तक रहेगा। अब महबूबा केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी के विस्तार पर काम करेंगी। इस दौरान वे प्रदेश उपाध्यक्षों से लेकर महासचिवों, कोर ग्रुप और जिला अध्यक्षों में भी बड़ा परिवर्तन कर सकती हैं।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन की कवायद भाजपा की क्षेत्रों, धर्मों और समुदायों को एक दूसरे के खिलाफ “खड़ा करने और बांटने की बड़ी साजिश” के तहत कर रही है। उन्होंने ट्वीट किया कि केंद्र जिस तेजी के साथ जम्मू कश्मीर में परिसीमन करने की हड़बड़ी में है उससे इस कवायद के पीछे के मकसद को लेकर गंभीर संदेह पैदा होता है। यह क्षेत्रों, धर्मों और समुदायों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने और विभाजित करने की बड़ी साजिश का हिस्सा है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल छह मार्च को जम्मू कश्मीर के लिये परिसीमन आयोग का गठन किया था। परिसीमन की प्रक्रिया के संदर्भ में सुझावों और विचारों के लिये आयोग की पहली बैठक गत वीरवार को हुई थी। बैठक में पांच सहायक सदस्यों में से केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और भाजपा नेता व जम्मू से सांसद जुगल किशोर शर्मा ने भी शिरकत की थी। आयोग के तीन अन्य सहायक सदस्य नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला, मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी बैठक में शामिल नहीं हुए थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों ने आयोग को सूचित किया था कि वे इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्ज रद्द किये जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।