राज्य सभा में सोमवार को जबरदस्त तनातनी बनी हुई है। रविवार बाद आज सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्ष के 8 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलम्बित कर दिया। हालांकि, लिखे जाने तक यह सभी सदस्य सदन में बने हुए हैं और उन्होंने खुद पर हुई कार्रवाई को ज्यादती बताया है। इस बीच 11.20 मिनट पर उपसभापति ने कार्यवाही स्थगित कर दी है। उधर सभापति ने विपक्ष का उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नामंजूर कर दिया है।
कल कांग्रेस सहित विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया था। एक हफ्ते के लिए निलंबित होने के खिलाफ विपक्ष के 8 सांसद सदन में मौजूद हैं और लगातार हंगामा कर रहे हैं। इसके बाद उपसभापति ने बार-बार उनका नाम लेकर उन्हें सदन से बाहर जाने को कहा है। सदन में इस समय जबरदस्त नारेबाजी चल रही है।
भाजपा सदस्य ने इनकी शिकायत सभापति से की थी जिसके बाद सभापति वैंकेया नायडू ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इन सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की। निलंबित होने वाले सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, रिपुन बोरा, नजीर हुसैन, केके रागेश, ए करीम, राजीव साटव, डोला सेन हैं। सभापति ने इन 8 सांसदों को पूरे मॉनसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया।
इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही 11.07 मिनट तक स्थगित कर दी। दुबारा शुरू के बाद हंगामा जारी रहा और निलंबित सदस्यों ने बाहर जाने से इंकार कर दिया। रविवार को सदन में हुई घटना पर सभापति वैंकेया नायडू ने कहा कि ये राज्यसभा के लिए सबसे खराब दिन था। कुछ सांसदों ने पेपर फेंका और माइक को तोड़ दिया। रूल बुक को फेंका गया। इस घटना से मैं बेहद दुखी हूं। उपसभापति को धमकी दी गई और उनपर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। इस बीच सभापति ने उपसभापति के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी नामंजूर कर दिया है।