मोरानी भाइयों की अनकही कहानी

जब 2009 में करीम मोरानी 50 साल के हुए तो उनके जन्मदिन की पार्टी दो दिन तक चली. कहा जाता है कि पहले दिन शाहरुख खान और उनके खेमे के लोग आए और दूसरा दिन आमिर खान के नाम रहा. उनके एक पारिवारिक जानकार बताते हैं, ‘मोरानी हर कैंप का हिस्सा हैं.’

बीती 30 मई को मोरानी की जो तस्वीर अखबारों मंे दिखी उसके साथ छपी खबर बता रही थी कि उन्हें गिरफ्तार  करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. उन पर यह आरोप लगा है कि द्रमुक के कलैनार टीवी को 200 करोड़ रुपये पहुंचाने में उन्होंने मदद की है और इसके बदले उन्हें छह करोड़ रुपये मिले हैं. मोरानी पर यह भी आरोप है कि घोटाले में रिश्वत की रकम किसके पास कैसे जानी है, इसका इंतजाम भी उन्होंने ही किया जिससे सरकारी खजाने को 180 करोड़ रुपये की चपत लगी.

इस हालिया विवाद के बाद एक बार फिर बॉलीवुड में मोरानी बंधुओं के रसूख की चर्चा होने लगी. करीम मोरानी के दो भाई और हैं- अली मोरानी और मोहम्मद मोरानी. सुपरस्टार शाहरुख खान को उनका बहुत अच्छा दोस्त बताया जाता है. बॉलीवुड के इनके दोस्तों की फेहरिस्त में आमिर खान, रानी मुखर्जी, रितिक रोशन, प्रियंका चोपड़ा, करीना कपूर और शिल्पा शेट्टी जैसे नाम भी शामिल हैं. मोरानी की दोस्ती की बात खबर बन रही है लेकिन इस बारे में लोगों को ज्यादा पता नहीं है कि आखिर मोरानी बॉलीवुड के लिए इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं.

मोरानी परिवार की पहली पीढ़ी ने 1937 में बड़े बेटे (दूसरे मोरानी बंधुओं के सौतेले भाई) के नाम पर आमिर मोरानी फायरवर्क्स की शुरुआत की. 2006 में इनमें बंटवारा हो गया. बड़े भाई के हिस्से में आमिर मोरानी फायरवर्क्स आया और दूसरे भाइयों ने मोरानी फायरवर्क्स चलाना शुरू कर दिया. इससे पहले पारिवारिक कारोबार जमने के बाद मोरानी बंधु निर्देशक बंटी सूरमा के साथ मिलकर 1980 के दशक में बॉलीवुड में कदम रख चुके थे और उन्होंने सिनेयुग फिल्म्स की शुरुआत की थी. हालांकि, इनके सौतेले भाई इस काम में शामिल नहीं थे. 1997 में उन्होंने सिनेयुग इंटरटेनमेंट की शुरुआत की. इनकी कई शुरुआती फिल्मों में इनके अच्छे मित्र रहे सन्नी देओल ने काम किया. मोरानी बंधुओं और सन्नी देओल ने एक ही स्कूल जमनाबाई नरसी में पढ़ाई की है. इस स्कूल में बॉलीवुड की कई और हस्तियों के बच्चे भी पढ़ते थे. इन लोगों ने अर्जुन, वर्दी, दामिनी और राजा हिंदुस्तानी जैसी फिल्में बनाईं. अफवाह तो यह भी है कि जब 2002 में हार्ट अटैक से सूरमा की मौत हुई तो इसके बाद करीम को भी दिल का दौरा पड़ा और फिर इस वजह से ही फिल्म निर्माण का काम रुक गया. हालांकि सिनेयुग इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के तौर पर कुछ बड़े लाइव शो और अवार्ड समारोह आयोजित करवाकर इस पेशे में चोटी की जगह हासिल कर ली.

इस उद्योग के जानकार करीम की गिरफ्तारी के बावजूद मोरानी बंधुओं को सर्वश्रेष्ठ इवेंट मैनेजर मानते हैं. सिनेयुग कई सालों से फिल्म फेयर अवॉर्ड आयोजित कर रही है. इन लोगों ने 2004 का टेंपटेशन वर्ल्ड टूर भी आयोजित कराया. इसमें शाहरुख खान, प्रीति जिंटा, प्रियंका चोपड़ा और रानी मुखर्जी शामिल थे. मोरानी बंधुओं ने हर्षद मेहता के बेटे की शादी के आयोजन की जिम्मेदारी भी संभाली थी जिसमें 7,000 मेहमान आए थे. सिनेयुग ने सैफ अली खान और करीना कपूर के शारजाह के शो का भी आयोजन किया और 2009 में दक्षिण अफ्रीका में इंडियन प्रीमियर लीग के समापन समारोह का भी.

मोरानी बंधुओं ने अभिनेत्रियों का भरोसा जीता. उन्होंने इवेंट मैनेजमेंट जैसे कारोबार को एक अलग साख दी

बॉलीवुड में मोरानी बंधुओं की साख इसलिए है कि इन्होंने बिना साख वाले इवेंट मैनेजमेंट के काम में पेशेवर रुख अपनाया. फिल्म लेखिका  अनुपमा चोपड़ा कहती हैं, ‘वे यहां लंबे समय से हैं और उन्हें उनकी कार्यक्षमता के लिए जाना जाता है.’ फिल्म समीक्षक भावना सोमैया का मानना है कि इनके शो में कोई कमी नहीं होती. महिला कलाकारों का भरोसा जीतने के मामले में मोरानी सबसे आगे रहे. उन्होंने अभिनेत्रियों को यह यकीन दिलाया कि विदेशों में शो करने में कोई जोखिम नहीं है. कलाकारों के लिए बिना किसी हायतौबा के वीजा का बंदोबस्त किया गया और यह भी सुनिश्चित किया गया कि कई कलाकारों वाले टूर में भी हर कलाकार को पर्याप्त समय मिले.

बॉलीवुड में कोई भी औपचारिक तौर पर मोरानी बंधुओं के खिलाफ कुछ बोलने को तैयार नहीं है क्योंकि सभी को लगता है कि ये भाई जल्द ही कारोबार में लौटेंगे. कहा जाता है कि मोरानी फिल्मी कलाकारों के चहेते इसलिए हैं कि उन्होंने फिल्मी कलाकारों को अमीर बनाने का काम किया. मोरानी पर यह आरोप भी लगा कि उन्होंने हवाला के जरिए फिल्मी कलाकारों को विदेशों की कमाई देश से बाहर रखने में मदद की.

मोरानी बंधुओं को राजसी जिंदगी जीने और बड़ी पार्टियां आयोजित करने के लिए जाना जाता है. सभी भाई जुहू जैसे महंगे इलाके में एक बहुमंजिली इमारत में रहते हैं. इनके बारे में कई लोग कई बातें बताते हैं. जैसा कि इनके एक जानकार बताते हैं, ‘अगर आप शाहरुख खान से मिलना चाहते हैं तो सीधे मोरानी बंधुओं से बात कीजिए. शाहरुख जिस भी शादी और शो में शिरकत करते हैं उसका आयोजन मोरानी बंधु ही करते हैं. आईपीएल के दौरान भी मोरानी उनके साथ थे. इनका उनके घर में रोज का आना-जाना है.’ एक दूसरे जानकार बताते हैं, ‘करीम की पत्नी जारा समेत सभी मोरानी बंधुओं की पत्नियां गौरी खान की तरह ही कपड़े पहनती हैं. उनके हैंडबैग और जूतियां भी एक ही ब्रांड की होती हैं.’

दि मेकिंग ऑफ अशोका और स्टिल रीडिंग खान लिखने वाले और पटकथा लेखक मुस्ताक शेख कहते हैं, ‘मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं और मुझे नहीं लगता कि वे कोई अति कर रहे हैं. अगर कोई अवसर होता है तो वे पार्टी करते हैं. इसमें बुरा क्या है? करीम एक अच्छे इंसान हैं. सब लोग उन्हें आजकल इसलिए निशाना बना रहे हैं कि वे अभी मुश्किल में हैं.’ शेख कहते हैं, ‘उन्होंने स्टेज शो को बहुत बढ़िया बना दिया है और कई कलाकारों को एक मंच पर लाने का काम किया है. पहली बार ऐसा प्रयोग करने का साहस इन लोगों ने जुटाया, इसलिए ये इस क्षेत्र में सबसे आगे हैं. ऐसी सफलता तब मिलती है जब लोग आप पर भरोसा करते हैं. कुछ मौके तो ऐसे भी होते हैं जब फिल्मी कलाकार यह कहते हैं कि अगर मोरानी बंधु शामिल हैं तब ही वे शो करेंगे.’ करीम के सौतेले भाई अमीर मोरानी कहते हैं, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन करीम ऐसे कामों में शामिल नहीं हो सकता. वह बेहद समझदार और खुदा से डरने वाला इंसान है.’
बॉलीवुड में मोरानी के अंडरवर्ल्ड और खास तौर पर दाऊद इब्राहिम से संबंध होने की चर्चा भी चलती रही है. हालांकि इसका कोई सबूत नहीं है. विवाद उनके लिए नयी बात भी नहीं है. कुछ समय पहले जी अवॉर्ड्स के आयोजन के दौरान अमर सिंह के साथ मोरानी का झगड़ा बड़ा चर्चित रहा था. कहा जाता है कि अमिताभ बच्चन को बैठने की जो जगह दी गई थी उससे अमर सिंह नाराज थे और उन्होंने करीम को थप्पड़ जड़ दिया था. कुछ लोग यह भी कहते हैं कि यह थप्पड़ जी समूह के कर्ताधर्ता सुभाष चंद्रा ने मारा था. कहा तो यह भी जाता है कि बाद में सुब्रत सहारा ने भी मोरानी का बहिष्कार कर दिया.

करीम मोरानी शाहरुख खान की फिल्म रा-वन के कार्यकारी निर्माता हैं. शाहरुख ने भी दोस्ती निभाते हुए करीम की बेटी जोया को अपने बैनर रेड चिल्लिज के तहत ऑलवेज कभी कभी के जरिए लॉन्च किया. हाल ही में मुंबई के एक अखबार से बात करते हुए वे इस बारे में चर्चा होने पर लगभग बिफर पड़े और बोले, ‘हां, है दोस्त (मोरानी). तो जान ले लोगे क्या? आप करीम को सजा देंगे या दोस्त होने के नाते मुझे. हां, हम दोस्त थे और हैं. कानून के तहत जो किया जाना है वह किया जाना चाहिए.’ सलमान भी मोरानी बंधुओं के समर्थन में सामने आ गए. उनका कहना था, ‘मैंने मोरानी के साथ सालों से काम किया है और जब तक गुनाह साबित नहीं होता तब तक वे बेगुनाह हैं.’

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी  तहलका को बताते हैं कि करीम चाहते तो जेल जाने से बच सकते थे. करीम की भूमिका छोटी थी, इसलिए सीबीआई ने गवाह बनने का विकल्प उन्हें दिया था लेकिन करीम ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया. काफी प्रयास करने के बावजूद मोरानी बंधुओं से संपर्क नहीं हो पाया.

अभी ऐसा लगता है कि करीम के लिए वक्त थोड़ा मुश्किल चल रहा है. यह संभव है कि करीम के सारे कारोबार और इससे संबंधित दस्तावेजों की जांच हो. ऐसा होता है तो कई बॉलीवुड कलाकारों के दस्तावेजों की भी पड़ताल होगी. बॉलीवुड की स्थिति को शेख समझाते हैं, ‘यहां लोग स्टूडियो और थिएटर की दीवारों के बीच रहने के अभ्यस्त हैं. ऐसे में जब भी ऐसा कुछ होता है लोग घबरा जाते हैं. ऐसा संजय दत्त और शाइनी आहूजा के साथ हुआ. जल्द ही सब ठीक हो जाएगा. वे अच्छे पेशेवर हैं और एक बार जब वे काम करना शुरू करेंगे तो सब कुछ सामान्य हो जाएगा. कहते भी हैं न, शो मस्ट गो ऑन.’