मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूँ, लेकिन कुर्सी मुझे नहीं छोड़ रही : अशोक गहलोत

अंजलि भाटिया

नई दिल्ली, अक्टूबर 19  : अशोक गहलोत ने कहा कि वह पहले व्यक्ति हैं जो कह सकते हैं कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन कुर्सी उन्हें नहीं छोड़ रही है, और उन्हें अभी भी कुर्सी नहीं छोड़ेगी ऐसा उनका विश्वास है। गहलोत बृहस्पतिवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। गहलोत ने वसुंधरा राजे को लेकर साफ शब्दों में कहा कि उनके बहाने किसी पर निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा उनके और उनकी पार्टी के नेताओं के बीच समन्वय है। किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। गहलोत ने कहा कि पायलट और उन्होंने मिलजुल कर सब फैसले लिए हैं। कहीं कोई विवाद नहीं है। उनकी सरकार ने राजस्थान में जितना काम किया है, उसके चलते लोगों में न तो सरकार का विरोध है और न ही सरकार के किसी मंत्री या विधायक लेकर नाराजगी है। उन्होंने आपसी विवाद पर कहा कि पायलट साहब के सभी टिकट क्लियर हो गए हैं, उनके एक भी टिकट पर कोई आपत्ति नहीं जताई है. गहलोत ने कहा सोनिया गांधी ने अध्यक्ष बनने के बाद सबसे पहले उन्हें सीएम बनाया था, इसके बाद वह बारी बारी से केंद्र और राज्य में काम करते रहे हैं। अब चौथी बार मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत ने कहा मुझ पर आलाकमान का इतना विश्वास है कि उसके पीछे कुछ तो कारण होंगे। देश के अंदर जो माहौल है, उसका सामना अकेले राहुल गांधी कर रहे हैं और हमें उनकों मजबूती देने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता मजबूती के साथ चुनाव जीतने की है। इस मौके पर उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही कार्रवाई का विरोध किया। गहलोत ने आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई और आईटी केंद्र के दबाव में काम कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इसमें दखल देने की मांग की गहलोत ने कहा मौजूदा समय में देश किस दिशा में जा रहा है, या जायेगा किसी को नहीं पता। पांच राज्यों के चुनावों की घोषणा हो चुकी है। आदर्श आचार संहिता लगी हुई है। फिर भी धड़ाधड़ छापे, पहले केवल अपराधियों और वित्तीय अनियमितताएं करने वालों पर कार्रवाई होती थी, अब राजनेताओं को भी नहीं बक्शा जा रहा है।यह देश की प्रीमियम एजेंसी, देश को इन पर गर्व है, लेकिन इसका महत्व खत्म हो गया क्रेडिबिलिटी खत्म हो गई तो किसको नुकसान होगा? विश्वसनीयता अगर खत्म हो गई, जो की अब खत्म हो गई है। जहां चुनाव हो रहे हैं वहां ईडी पहुंच रही है, लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। गहलोत ने कहा यूपीए के शासन काल में 10 साल में केवल 310 जगहों पर छापेमारी हुई। जबकि एनडीए सरकार के 9 साल के कार्यकाल में 3010 छापे डाले गए हैं। 888 मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई। गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा सांसदों की ईडी के साथ मिलीभगत है। इसलिए राजस्थान में संजीवनी घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के मामले हैं। केंद्र के वित्त मंत्रालय की आर्थिक अनियमितता शाखा को भी लिखित शिकायत भेजी पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते यह भी मांग करते हैं कि केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुख उन्हें तुरंत मिलने का समय भी दें। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की दो बार हुई बैठक के बाद केंद्रीय चुनाव समिति ने लंबी मैराथन बैठक करके प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा, पार्टी ने वैसे तो ज्यादातर सीटों पर पुराने चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी कर ली है, लेकिन कई नए चेहरे और युवाओं को भी इन चुनावों में मौका दिया जा सकता है। इसके अलावा पार्टी करीब 30 फीसदी टिकटों पर पुनर्विचार कर रही है।