महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है। इन मरीजों की जांच रिपोर्ट में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है। सभी मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में एडमिट कर इलाज शुरू हो चुका है।वहीं इनके संपर्क में आए तीन और लोगों को जांच के लिए मुंबई के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में एडमिट किया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर राज्य में सभी एहतियातन उपाय तेजी से किए जा रहे हैं । उन्होंने नागरिकों से रिक्वेस्ट की है कि वह अपना ध्यान रखें और अफवाहों पर विश्वास ना करें।
दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमित क्षेत्रों से अब तक महाराष्ट्र में 591 पैसेंजर आए हैं जिनमें से 304 लोगों को बुखार, सर्दी, खांसी के लक्षण थे। इन सभी को आइसोलेशन सेंटर में एडमिट कर इलाज किया जा रहा था।एडमिट किए गए लोगों में से 289 लोगों की रिपोर्ट कोरोना निगेटिव है और 5 लोोगों कीी रिपोर्ट पोजिटिव है। जानकारी के मुताबिक 304 में से 289 लोगों को छुट्टी दे दी गई है जबकि 12 लोगों का इलाज अभी-भी जारी है। इसके अलावा 6 लोगों को मुंबई के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
विभागीय आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसेकर ने बताया कि पुणे शहर में दुबई से भारत लौटे कोरोना के दो मरीज़ मिले हैं। ये मरीज़ पुणे के नायडू हॉस्पिटल के आइसोलेशन कक्ष में एडमिट हैं और उनका इलाज़ चल रहा है। फिलहाल दोनों की हालत में सुधार है। उनमें से एक मरीज में कोरोना के सौम्य लक्षण दिखाई दे रहे है। वहीं दूसरे मरीज में अभी तक कोरोना के लक्षण नहीं मिले है। इस मरीज के संपर्क में आए हुए व्यक्ति और जगहों की जानकारी लेकर उन पर भी बारीकी से ध्यान रखा जा रहा है।
जानकारी देते हुए डॉ. म्हैसेकर ने कहा कि दो मरीजों की जांच की गई है। उन्होंने पंद्रह दिन की अवधि में कहाँ पर यात्रा की है, इसकी भी जानकारी ली गई है। इन दोनों व्यक्ति फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह में दुबई में 40 लोगों के ग्रुप साथ घूमने के लिए गए थे। वे 1 मार्च को भारत वापिस आए थे। इन दो व्यक्ति में से एक को तकलीफ होने पर उन्होंने दिनांक 8 मार्च को डॉक्टर से जांच कराई। इस दौरान उनका सैंपल पॉजिटिव आया है। दरअसल केंद्र सरकार द्वारा दुबई कोरोना वायरस शामिल नहीं किए जाने की वजह से 1 मार्च को भारत में आए यात्रियों को आइसोलेशन में नहीं रखा गया । भारत में वापिस आने के बाद इन दोनों व्यक्तियों के संपर्क में आए व्यक्ति और जगहों की जानकारी ली गई है। इन दोनों मरीजों का परिवार, मित्र परिवार एवं उनके कार्यालयीन स्थान के अधिकारी-कर्मचारियों की भी जांच की जाएगी। अब तक मरीजों के परिवार के 3 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इन दोनों लोगों के साथ दुबई में गए कुल 40 लोगों के नाम और उनके संपर्क क्रमांक प्रशासन के पास उपलब्ध हैं और संबंधित जिला प्रशासन उनसे संपर्क कर उनकी जांच करने को लेकर आवश्यक वह कार्रवाई कर रही है। जिन दो लोगों ने जिस व्यक्ति के टैक्सी से मुंबई से पुणे तक का सफर किया है, उन लोगों की जानकारी भी ली गई है और एहतियातन सोमवार की रात उन्हें अस्पताल में जांच के लिए दाखिल किया गया है।
इन मरीजों के संपर्क में आए हुए लोगों की जानकारी के लिए और अन्य बातों का ध्यान रखने के लिए कुल पाँच टीम बनाई गई है । इसमें राजस्व, स्वास्थ्य, पुलिस और दोनों महानगरपालिका के अधिकारी और कर्मचारियों को शामिल किया गया है। इसके अलावा अभी तक दोनों महानगरपालिका के कार्यक्षेत्र में कुल 21 जगहों पर 207 बेड अतिदक्षता विभाग के सुविधा एवं आइसोलेशन कक्ष के साथ तैयार किया गया है।
इंडियन मेडीकल एसोसिएशन की ओर से जिले के सभी डॉक्टरों से आवाहन करते हुए कहा कि मरीजों की जांच करते समय विदेश से आए मरीजों की जानकारी अलग रखी जाए।
बैठक में स्वास्थ्य संचालक डॉ. अर्चना पाटिल ने तकनीकी स्तर का मार्गदर्शन किया। जिन लोगों से संपर्क करना है, उनसे सुरक्षित दूरी बनाए रखने, बुखार, खांसी आ रही है क्या, पिछले महीने में विदेश में जाकर वापस लौटे व्यक्ति के संपर्क में आए है या नहीं, इन अभी की बातों को ध्यान में रखते हुए जांच की जाए। जिन लोगों की जांच की जाएगी, उनकी जानकारी गोपनीय रखने के सख़्त निर्देश भी उन्होंने इस दौरान संबंधितों को दिए।
पुणे के कलेक्टर नवल किशोर राम ने कहा कि कोरोना यह बीमारी योग्य सावधानी बरतने और समय पर ही इलाज करने पर ठीक हो सकती है। इसलिए जांच टीम के व्यक्ति एवं नागरिक डरें नहीं। कोरोना का प्रसार समय पर रोकने के लिए विभागीय आयुक्त डॉ. म्हैसेकर ने गत सोमवार को चार घंटे बैठक ली है और आज भी तीन घंटे तक सभी संबधितों का बैठक में मार्गदर्शन किया है। कोरोना का प्रसार अन्य विषाणू की तुलना भी अधिक होने से योग्य उन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।