महंगाई की मार: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान

गैस सिलेंडरों और डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों को देखते हुए अब तो नहीं लगता है कि महंगाई से राहत मिलने वाली है। वहीं हाल ही में कोरोना को हराते हुए दिल्ली में स्कूल खोल दिये गये है। स्कूल खुलने के साथ ही स्कूल में बच्चों ने ऑफ-लाइन परीक्षायें दी है। मतलब इस बार पूरी तरह से स्कूल ऑफ-लाइन चलेंगे।
स्कूल सूत्रों की माने तो दो साल से बंद पड़े प्राइवेट स्कूल वालों की कमाई भी कई स्तर पर कम हुई है। जैसे स्कूल ड्रेस, कॉपी-किताबों सहित अन्य बस आदि के मार्फत कमाई बंद रही है। सो इस बार रेट बढ़ाये जाने की संभावना है। अगर स्कूल वाले अपने नियमों के आधार पर कुछ भी रेट बढ़ाते है। तो निश्चित तौर पर विरोध प्रदर्शन हो सकता है।
दिल्ली अभिभावक संघ के सचिव राजकुमार का कहना है कि दो साल में अगर स्कूल वालों की कमाई कम हुयी है। तो अभिभावकों की माली हालत भी पतली हुई है। ऐसे में अगर स्कूल वालों को कोई अधिकार नहीं है कि वे कोरोना काल में कम हुई कमाई को स्कूल खोलते ही एक साथ कमाना शुरू कर दें।
खैर ये तो सब 4 अप्रैल से स्कूल खुलने के साथ ही अभिभावकों के सामने आयेगा। फिलहाल संभावनाएं तो यही जतायी जा रही है। अगर प्राइवेट स्कूल वालों ने अपनी मनमानी की तो निश्चित तौर पर मध्यम वर्गीय एक बड़ा तबका सरकारी स्कूल में अपने बच्चो को दाखिला कराने से हिचकेगा नहीं।