कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने की घोषणा के कुछ घंटों बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को अपनी टिप्पणी में कहा कि दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद और गहरा हो रहा है।
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने घोषणा की थी कि 41 कनाडाई राजनयिकों और उनके परिवार के 42 सदस्यों को भारत से वापस बुला लिया गया है क्योंकि उन्हें मिले राजनयिक विशेषाधिकार अनिश्चित काल तक जाने का खतरा था और इससे उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़ जाती।”
मेलानी जोली ने आगे कहा कि, भारत से उनके सुरक्षित वापसी की सुविधा प्रदान करने के साथ ही चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरू में अपनी वीजा और कांसुलर सेवाएं रोक दी है। ये सेवाएं अब केवल नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग में उपलब्ध होगी।
भारत पर कटाक्ष करते हुए मेलानी जोली ने कहा कि राजनयिक विशेषाधिकार और छूट का एकतरफा खत्म करना अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत है और राजनयिक संबंधों पर जिनेवा कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन है ऐसा करने की धमकी देना अनुचित और तनाव बढ़ाने वाला है।
आपको बता दें, भारत ने खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत सरकार के संभावित लिंक के ट्रूडो के आरोप पर विवाद के मद्देनजर कनाडा से समानता की मांग करते हुए अपने राजनयिक कर्मचारियों को कम करने के लिए कहा था।
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली की टिप्पणियों के बाद ट्रूडो ने ब्राम्पटन, ओंटारियो में एक टेलीविजन प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के कार्यों की आलोचना की थी और कहा था कि यह कुछ ऐसा है जिससे मैं लाखों कनाडाई लोगों की भलाई और खुशी के लिए बहुत चिंतित हूं जिसकी उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में हुई है।