भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नालॉजी मंत्रालय ने व्हाट्सऐप के सीईओ विल कैथर्ट को पत्र लिखकर भारतीय यूजर्स के लिए नई टर्म्स ऑफ सर्विस और प्राइवेसी पॉलिसी को वापस लेने की माँग की है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सऐप को पत्र लिखकर यूजर्स की इंफर्मेशन सिक्यूरिटी पर सवाल उठाये है और व्हाट्सऐप से डेटा की प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर 14 सवाल पूछे हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी से यूजर्स की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। क्योंकी चैट का डेटा बिजनेस अकाउंट से शेयर करने पर फेसबुक की अन्य कंपनियों को यूजर्स के बारे में सारी जानकारी मिल सकती है।
पत्र में मंत्रालय द्वारा पूछा गाया है कि ऐसे समय जब भारतीय संसद में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर चर्चा चल रही है, व्हाट्सऐप यह प्राइवेसी पॉलिसी क्यों लाया है? इसमें डेटा के लिए परपज लिमिटेशन का प्रावधान है यानी कंपनी जिस काम के लिए यूजर का डेटा ले रही है केवल उसी के लिए इस्तेमाल कर सकती है और इसके लिए यूजर की सहमति आवश्यक है।
मंत्रालय के मुताबिक, यूजर्स को नई टर्म्स को मानने पर मजबूर करा जा रहा है, या तो यूजर्स को ये पोलिसी माननी होगी या फिर व्हाट्सऐप छोड़ाना होगा।
योरोपीय संघ और भारत में अलग अलग प्राइवेसी पॉलिसी बनाने पर भी मंत्रालय ने ऐतराज जताया है और कहा है कि भारत में व्हाट्सऐप के सबसे अधिक उपयोगकर्ता हैं। इस भेदभाव से पता चलता है कि व्हाट्सऐप भारतीय उपयोगकर्ताओं का सम्मान नहीं करता।
सरकार ने कहा है कि भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा का उसका संप्रुभता का अधिकार है जिस पर किसी भी कीमत पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा ।