मगध फ़ाउंडेशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति (एनडब्लूसी) की तीसरी बैठक में संस्थापक अध्यक्ष और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी ने कहा कि वृहद भारत फेडरेशन बनाने के लिए मगध फाउंडेशन भारत सरकार को प्रस्ताव देगी।
दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी ने कहा कि, “मगध फाउंडेशन 250 ई0 पूर्व मगध साम्राज्य से अलग हुए देशों, जो कि भारत के भ्रातृ देश हैं उनके साथ मिलकर एक ग्रेटर इंडिया फेडरेशन ‘वृहद् भारत संघ’ बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को सौंपेंगे। इस लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए प्रत्येक देश की स्वतंत्रता को छीने बिना हमें इन सभी देशों को एक साथ लाकर एक साझा सांस्कृतिक संगठन और एक साझा विदेश नीति बनाने की आवश्यकता है। यह संगठन ग्रेटर इंडिया यूनियन के नजदीक नई दिल्ली में स्थित है।”
के एन त्रिपाठी ने आगे कहा कि, “भविष्य में ग्रेटर इंडिया फेडरेशन के लिए एक एकीकृत सैन्य बल बनाने की भी योजना बनाई जाए। ग्रेटर इंडिया फेडरेशन की योजना सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने पर भी केंद्रित है ताकि महासंघ के मित्र देशों जैसे कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार (बर्मा) और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों की मदद की जा सके। यह देश भारत के साथ सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंध साझा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि सीमा सुरक्षा और कल्याण के महत्व को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ग्रेटर इंडिया फेडरेशन के निर्माण की तरफ ध्यान दे।”
कोर कमेटी की बैठक के बाद के एन त्रिपाठी ने कहा कि, “मगध फाउंडेशन अपने कार्य को भारत में तेजी से कर रही है। देश के सभी राज्यों से आए हुए संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति (एनडब्लूसी) के सदस्यों की बैठक में ग्रेटर इंडिया फेडरेशन निर्माण के लिए और भारत के प्रजातंत्र को मजबूत करने के लिए संवैधानिक संशोधन करने जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया कि फैसले की मांग के साथ ही भारत के माननीय राष्ट्रपति महोदया को भी ज्ञापन दिया जाएगा।”
आपको बता दें, दिल्ली में हुई इस बैठक में केंद्रीय समिति के सदस्य राकेश शंकर शेट्टी और एम जितेंद्र भी उपस्थिति रहें। साथ ही मगध फाउंडेशन के महासचिव डॉ. अजय ओझा, केंद्रीय समिति के सदस्य सी एस दुबे, के डी सिंह, देवाशीष दत्ता, डॉ शूलपाणि सिंह, तमिलनाडू स्टेट हेड वेंकटेश रामराज, राजस्थान स्टेट हेड डॉ. वरूण पुरोहित, कार्यकारिणी समिति के सदस्य परमदेव सिंह और मुमताज अंसारी भी मौजूद रहे।