प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरुवार शाम गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ करीब चार घंटे लंबी बैठक करने के बाद उन अटकलों को और बल मिला है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल जल्दी हो सकता है और कुछ मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है।
भाजपा संगठन पर फोकस कर रही है और इस साल होने वाले चुनावों में सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर रणनीति बनाना चाहती है। कर्नाटक में भाजपा की हार के बाद पार्टी में साल के अन्य चुनावों को लेकर काफी चर्चा है।
अमित शाह कल ही छत्तीसगढ़ के दौरे के बाद दिल्ली पहुंचे थे। पिछले कुछ दिन से भाजपा के बड़े नेताओं की बैठकें लगातार हो रही हैं। जेपी नड्डा भी हाल में अमित शाह और बीएल संतोष से बैठक कर चुके हैं।
पिछले हफ्ते ही भाजपा ने चार राज्यों के अध्यक्ष बदले हैं। इसके अलावा 20 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र भी शुरू होने वाला है। लिहाजा उससे पहले मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। इसमें उन राज्यों से सांसदों को मंत्री बनाया जा सकता ह्यै, जहाँ चुनाव होने वाले हैं। साथ ही जातीय संतुलन भी देखा जाएगा।
इस साल राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं। कांग्रेस पहले ही इन चुनावों को लेकर कमर कस चुकी है। इनमें से ज्यादातर राज्यों, जिनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश प्रमुख हैं, में कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर है। तेलंगाना में भी कांग्रेस भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन रही है। वहां माहौल में बदलाव देखा जा रहा है और कांग्रेस नेताओं को जनता से समर्थन मिलता दिख रहा है।