नौसेना प्रमुख मामले में एएफटी का सरकार को १५ मई तक फैसले का आदेश

वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नया नौसेना प्रमुख बनाए जाने को लेकर अंडमान निकोबार कमांड के चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा के आर्म्ड फोर्सेज टिब्यूनल (एएफटी) में याचिका दायर करने के बाद एटीएफ ने सरकार को १५ मई तक अपना फैसला कर ले। इस मामले पर ट्रिब्यूनल २० मई को सुनवाई करेगा।
गौरतलब है निकोबार कमांड के चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा, वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नया नौसेना प्रमुख बनाए जाने को लेकर आर्म्ड फोर्सेज टिब्यूनल (एएफटी) में याचिका दायर की है। एडमिरल वर्मा का कहना है कि उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज कर उनके जूनियर को सरकार नया नौसेना प्रमुख सरकार बनाने जा रही है।
गुरुवार को सुबह साढ़े १० बजे ट्रिब्यूनल में इस मामले पर सुनवाई हुई। जिसके बाद सरकार को आदेश दिया कि वह १५ मई तक अपना फैसला कर ले। इस मामले में २० मई को एटीएफ में सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि पहले वाइस एडमिरल वर्मा ट्रिब्यूनल गए थे लेकिन उसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली थी। अब वे फिर से ट्रिब्यूनल में गए हैं। उन्होंने ट्रिब्यूनल की सलाह पर अपनी याचिका वापस ली थी। उसके बाद उन्होंने रक्षा मंत्रालय में ११ अप्रैल को नेवी एक्ट के तहत सरकार के फैसले के खिलाफ वैधानिक शिकायत दायर की, लेकिन दस दिन बीत जाने के वावजूद अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। लिहाजा वे दोबारा ट्रिब्यूनल पहुंच गए हैं।
नौसेना प्रमुख एडिमरल सुनील लांबा ३१ मई को रिटायर हो जायेंगे। उसके बाद ही सरकार की तरफ से नियुक्त किये गए वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नौसेना प्रमुख का पदभार संभालना है। सेना में अमूनन वरीष्ठता के आधार पर ही चीफ बनाया जाता है लेकिन मौजूदा सरकार ने दिसंबर २०१६ में थल सेना प्रमुख के तौर जनरल बिपिन रावत को जब नियुक्ति दी थी तब भी उनसे दो वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल मौजूद थे।